दो सादगी पसंद नेताओं की मुलाकात के मतलब तलाशती राजस्थान की राजनीति

सियासत में कोई मुलाकात यूं ही नही होती


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जस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sjarma) की पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से मुलाकात के मायने तलाशे जा रहे हैं, क्योंकि राजनीति (Politics) में हर मुलाकात का मतलब होता है। यह आम धारणा है कि सियासत में कोई भी मुलाकात यूं ही नहीं होती । माना जाता है कि किसी से भी, किसी के भी मिलने के कुछ तो मतलब होते ही हैं। अगर मतलब नहीं होते, तो कोई किसी से मिलता ही क्यूं? फिर शर्मा तो बीजेपी (BJP) के नेता हैं और गहलोत कांग्रेस (Congress) के। इसी कारण पहले राजस्थान (Rajasthan) विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत से मिलना और अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का उनसे मिलना राजस्थान की सियासत में कई सवाल पैदा कर रहा है।

सवाल यही कि विरोधी पार्टी के बड़े बड़े नेता उनसे मिलने आ सकते हैं, तो उनकी अपनी ही पार्टी के सचिन पायलट (Sachin PIlot) अब तक क्यों नहीं आए? इन मुलाकातों के राजनीतिक मायने इसलिए भी तलाशे जा रहे हैं, क्योंकि 3 जुलाई से राजस्थान विधानसभा का सत्र भी शुरू होने जा रहा है।

मेल मुलाकात, कुशलक्षेम और प्रदेश के हालात पर चर्चा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस मुलाकात की चर्चा राजस्थान की राजनीति में हर ओर है। खास बात यह है कि दोनों नेताओं ने इस मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया एक्स पर दी है, जहां पर इस मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें मुख्यमंत्री शर्मा अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री गहलोत को गुलाब के फूलों का बुके देकर उनकी कुशलक्षेम पूछ रहे हैं, दोनों हाथ मिलाकर रहे हैं, दिल खोलकर मुस्कुरा भी रहे हैं और बाद में बैठकर चर्चा भी कर रहे हैं। मगर, दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई, यह हर कोई जानना चाहता है, और यह भी जानना चाहता है कि मुख्यमंत्री शर्मा जो कि विरोधी दल के है, वे जब गहलोत का हाल जानने पहुंच गए, तो राजस्थान की राजनीति में उनकी अपनी ही पार्टी के सचिन पायलट अब तक क्यों नहीं गए। हालांकि गहलोत ने सोशल साइट एक्स पर लिखा है कि इस मुलाकात में उन्होंने मुख्यमंत्री शर्मा से जोधपुर के सूरसागर में हुई सांप्रदायिक घटना को लेकर चिंता व्यक्त की एवं पूर्णतया शांति स्थापित हो इसके लिए कदम उठाने का निवेदन किया। इसके साथ ही, जयपुर के सेंट्रल पार्क में स्थित गांधी वाटिका म्यूजियम को जल्द से जल्द आमजन के लिए खोलने के संबंध में भी चर्चा की।


मुलाकात के मायनों की सियासत में पायलट का प्रवेश

राजस्थान की राजनीति में इस मुलाकात को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं, जिसमें सचिन पायलट का अब तक गहलोत से न मिलने जाना सबसे ज्यादा निशाने पर है। राजस्थान की राजनीति के गहन जानकार एवं विश्लेषक त्रिभुवन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कुशलक्षेम पूछी है।  काश… गहलोत के साथ ऐसा ही फोटो वसुंधरा राजे, सचिन पायलट या गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ भी हो पाता! वरिष्ठ पत्रकार त्रिभुवन ने यह भी लिखा है कि गहलोत के स्वास्थ्य की जानकारी लेने पहुंचे मुख्यमंत्री शर्मा का यह अंदाज़ क़ाबिले तारीफ़ है। वरिष्ठ पत्रकार अरविंद चोटिया ने इस मुलाकात को माध्यम बनाकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर तंज कसा है कि इधर डोटासराजी जब भजनलाल सरकार को खुली चुनौती और धमकी दे रहे थे तब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर उनके हाल-चाल जानने फूलों का गुलदस्ता लेकर पहुंचे थे। सब कुछ साथ साथ चल रहा है, शिष्टाचार भी और अशिष्ट भाषण भी। इसके इतर, राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार कहते हैं कि यह एक सहज मुलाकात है। लेकिन पसचिन पायलट राजस्थान की राजनीतिक हवाओं को सुहाते हैं, इसी कारण कुछ लोग उनसे भी गहलोत से मिलने की उम्मीद करके राजनीति की हवाओं को कुछ गर्म झोंके देने पर आमादा हैं। परिहार कहते हैं कि मुख्यमंत्री शर्मा और उनके पूर्ववर्ती गहलोत दोनों ही बेहद सामान्य परिवारों से निकलकर केवल अपने संघर्ष के बल पर प्रदेश की राजनीति के शिखर पर पहुंचे हैं और दोनों सादगी पसंद हैं, इसलिए सियासत को कोई मसाला नहीं मिलनेवाला।

क्या हुआ, जो पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत हैं बेड रेस्ट पर ?


पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत बीते महीने भर से कमर दर्द से परेशान हैं, जो कि कोई बड़ी बीमारी नहीं मानी जाती, फिर भी और चलने फिरने के चिकित्सकीय प्रतिबंधों के कारण घर पर ही आराम कर रहे हैं, बेड रेस्ट। ऐसे में सदाशयतावश, सद्भावना के सहज रिवाज के कारण और संबंधों को सहेजे रखने की कोशिश में कुछ बड़े नेता और व्यक्तिगत लोग पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने जाते रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अमेठी लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की जीत का जिम्मा सम्हालने के बाद 29 मई 2024 को गहलोत चंडीगढ में थे। वहां एक प्रेस वार्ता एवं गढ़शंकर में कांग्रेस प्रत्याशी विजय सिंगला के समर्थन में पब्लिक रैली प्रस्तावित थीं, जिसके लिए वे 28 मई की शाम को ही चंडीगढ़ पहुंच गए थे परन्तु उसी रात से स्लिप डिस्क संबंधी परेशानी होने के कारण डॉक्टरों की सलाह पर सारे कार्यक्रम रद्द करते हुए उनको वापस जयपुर आना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत तभी से अपने सरकारी निवास पर स्लिप डिस्क के सुनियोजित होने तक आराम पर हैं।

-राकेश दुबे (वरिष्ठ पत्रकार)

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