शिद्दत और समर्पण ने इम्पीरियल अकादमी के छात्र छात्राओं को बेस्ट
नीट परीक्षा में रुहीन खान 696 अंक के साथ मीरा भायंदर में प्रथम अन्य चार का श्रेष्ठ प्रदर्शन
भायंदर :- जब हम किसी काम को शिद्दत और समर्पण से करते हैं, तो हर काम संभव हो जाता है। यह एक प्रेरणादायक सत्य है जो हमें सिखाता है कि मेहनत और ध्यान से किया गया हर काम सफलता की गारंटी प्रदान करता है। जब हम अपने लक्ष्यों को लेकर संवेदनशीलता से काम करते हैं, तो हमें अपनी संभावनाओं को पूरा करने का साहस मिलता है। इस तरह की दृढ़ता और प्रतिबद्धता ही हमें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाती है। अतः, हर काम को शिद्दत से करने का तत्व हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है, जो हमें सफलता की ओर अग्रसर करता है।
उपरोक्त बातें सौरभ शर्मा संचालित इम्पीरियल अकादमी के छात्र छात्राओं पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं जिन्होंने मई 2024 की नीट परीक्षा में 600 से ज्यादा अंक अर्जित किये।इन सफल विद्दार्थियों के परिवार को भी इन पर भरोसा नहीं था लेकिन सौरभ सर को इनपर पूरा विश्वास था कि ये सभी सफल होंगे।रुहीन खान 696 अंक लाकर मीरा भायंदर में प्रथम है।नवीन वसाना, कौस्तुभ खेडेकर, प्रिया गुप्ता, कौशिक गुप्ता ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।
रुहीन खान के पिता सऊदी में कारपेंटर हैं,और चार साल में एक ही बार परिवार से मिलने भारत आ सकते हैं।अनेक कठिनाईयों के बाद भी रुहीन डॉक्टर बनना चाहती हैं।वे कहती हैं कि एक सफल व्यक्ति बनकर अपने पिता को हमेशा अपने साथ रखना चाहती है।उनकी मां ने पढ़ाई को लेकर बहुत ताने सुने हैं, और उनकी इस सफलता ने सभी के मुंह बंद कर दिये हैं।
कौस्तुभ खेडेकर के पिता दिन में रिक्शा और रात में एम्बुलेंस चलाते हैं तथा मां घर काम करती हैं।वे कौस्तुभ घर के हालात को देखते हुए पढ़ाना भी नही चाहते थे।लेकिन कौस्तुभ ने हार नही मानी और उन्हें सौरभ सर का साथ मिला और एक छोटे से कमरे में पढ़कर उन्होंने 618 अंक लाये।उनके एक और छात्र नवीन वसाना तो घर मे दुखद स्थितियों के कारण 21 दिनों तक क्लास नही आ पाए लेकिन दुख से उबरकर वे 625 अंक लाने में कामयाब हुए।कौशिक गुप्ता भी 610 अंक लाकर सफल हुए।बायोलॉजी में उन्हें पूरे नंबर मिले।प्रिया गुप्ता ने मन से डर को हराकर 614 अंक प्राप्त किये।
सौरभ कहते हैं कि में हमेशा गुणवत्ता में विश्वास रखता हूँ और इसी लिए मेरे यंहा छात्रों की संख्या बहुत कम होती हैं।सौरभ कहते है कि जब हम किसी काम को शिद्दत से करते हैं, तो हमारा मन, शारीरिक ऊर्जा, और ध्यान सभी उसी काम पर समर्पित होते हैं। यह हमें उस काम को पूरा करने के लिए एक गहरी संवेदनशीलता प्रदान करता है और हमारी प्रतिबद्धता को मजबूती देता है। शिद्दत से काम करने से हमारे अंदर आत्मविश्वास की भावना बढ़ती है और हमें किसी भी परिस्थिति में सामना करने की क्षमता प्राप्त होती है,और यही मैंने इन छात्रों में देखा और इन्हें मेरे यंहा दाखिला दिया।
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