भीषण गर्मी के चलते साधु साध्वियों के निधन से जैन समाज चिंतित
राजस्थान में एक और साध्वीजी का लू लगने से निधन
पिछले कुछ दिनों में साधु साध्वियों की लू लगने से हुई मृत्यु अत्यंत चिंता का विषय हैं।संपूर्ण जैन समाज को इस पर गंभीरता से चिंतन कर साधु साध्वियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।प्रवर समिति को भी इस पर ठोस निर्णय लेना होगा, क्योकि अब मौसम कब बदल जाये कहा नही जा सकता।साधु साध्वियों के साथ रहनेवालो को अच्छी पगार व सुविधाओं को देना बहुत जरूरी हैं।जो संघ खर्चा नही वहन कर सकते उनके लिए बड़े जैन संघों, संस्थाओं व दानदाताओं को आगे आना होगा।
(दीपक जैन)
जोधपुर :- राजस्थान की भीषण गर्मी ने एक और जैन साध्वीजी की जान ले ली। इनमें अधिकतर युवा साधु-संत कलधर्म (निधन)हो गये हैं। इससे पहले, 36 घंटों में आठ जैन साधु साध्वियों की लू लगने से मौत हो गई थी, जिनमें से सात राजस्थान में और एक मध्य प्रदेश में थी। उनमें से एक जोधुपर जैन समाज के प्रकाश जैन ने बताया की राजस्थान में जिस तरह से भीषण गर्मी से जैन साधु-साध्वियों को ठिठुरन हो रही है, वह जैन समाज के लिए बड़ी चिंता का विषय है। जैन समुदाय को इस मामले पर गंभीरता से चर्चा कर निर्णय लेने की जरूरत है।
प्रकाश जैन ने बुधवार को साध्वीजी के कालधर्म के संबंध में कहा कि 'जोधपुर में गच्छाधिपति प्रकाशचंद महाराज साहेब के समुदाय की 27 वर्षीया साध्वी पल्लवी श्रीजी म.सा.लू लगने के कारण कालधर्म हो गईं। साध्वी पल्लवी श्रीजी ने दो साल पहले ही जोधपुर में दीक्षा ली थी। 29 मई को उनकी तबियत खराब होने पर जोधपुर के अरिहंत नगर उपाश्रय में उन्हें संथारा का पचक्नकेखा दिया गया, जहां गुरुवार दोपहर बारह बजे उनका निधन हो गया। शाम 4.30 बजे उनकी पालकीयात्रा निकाली गई। उनका अंतिम संस्कार जोधपुर के ओसवाल स्वर्गाश्रम में किया गया।
प्रकाश जैन ने आगे कहा कि इससे पहले, आचार्य पूज्य श्री पार्श्वचंद्र महाराज साहेब समुदाय के शिष्य श्री सुमतिचंद्र म.सा.के शिष्य श्री चिरंजय मुनि म.सा.का 26 मई को राजस्थान के पीपाड़ गांव में निधन हो गया था।इसी दिन शाम पांच बजे उनके दूसरे शिष्य महासती श्री पुरिमाश्री महाराज साहेब की शिष्या श्री दयाश्री म.सा. का पीपाड़ में निधन हो गया तथा उनके दूसरे शिष्य महासती भंवरकुंवर म.सा.की शिष्या श्री मंजुला म.सा.का 26 मई को निधन हो गया. इस प्रकार एक ही समुदाय के चार साधुओं के निधन से जोधपुर जैन समाज में शोक की लहर फैल गई हैं।
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