धर्म ही मनुष्य जीवन को श्रेष्ठ बनाता है :- पीयूशचंद्र विजय

विविधलक्षी आराधना भवन व धर्मशाला का उद्घाटन  


बड़ावदा (मध्यप्रदेश) :-
 धर्म ही मनुष्य जीवन को श्रेष्ठ बनाता है अर्थात् धर्म से ही जीवन बेहतर बनता है, जैसे कोरोना काल मे जब इंसान को ऑक्सीजन , बेड तक नही मिले ,लाखो खर्च करने पर इंसान ना बच सके, तो इस मनुष्य जीवन मे यदि धर्म नही किया तो हमारा जीवन जीना सार्थक नहीं हो सकता। नारी ही नर का कल्याण कर सकती है जैसे धर्मपत्नी ही हमें धर्म से जोड़ सकती है, वैसे ही गुरु भी हमें सही धर्म से जोड़ देते है । 

उपरोक्त विचार श्री राजेन्द्र सूरी दादावाड़ी जयशेखर धाम बडावदा में विविध लक्षी (आराधना भवन ) एवं यात्रिक धर्मशाला भवन के भव्य लोकार्पण प्रसंग पर मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक परोपकार सम्राट आचार्य देवेश श्री ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी म.सा• के शिष्य मालव शिरोमणि मुनिराज श्री पीयूशचंद्र विजयजी मा• सा• ने कही। मधुर व्याख्यानी  प्रवचन कर्ता मुनिराज श्री रजतचन्द्र विजयजी मा•सा• आदि ठाणा 5 ने विविधलक्षी आराधना भवन का भव्य लोकार्पण किया । प्रारम्भ में सलोनी सकलेचा द्वारा गीत की प्रस्तुति दी गई  , विगत 2 महीनों से सुरभि सकलेचा द्वारा रचित जयशेखर विजयजी म.सा.की अलौकिक स्तुति सुनाई ।                

 आराधना भवन के मुख्य लाभार्थी  व गुरु परंपरा चित्र का उद्घाटन  उमाबेन - सागरमलजी  मंडलेचा, शिवगंज परिवार वालों ने लाभ लिया ।  पर श्री संघ अध्यक्ष मानमल सकलेचा , दादावाड़ी अध्यक्ष पुखराज सकलेचा , रजत सांड , राजेंद्र औरा , दिलीप हिंगड़ , सुशील सकलेचा ,व  जावरा , खाचरोद , झाबुआ , नागदा के श्री संघ पदाअधिकारी उपस्थित थे। 

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