पश्चिम रेलवे का प्रारंभिक राजस्व पहुँचा 10000 करोड़ रु. के पार

 पश्चिम रेलवे ने हासिल की महत्‍वपूर्ण उपलब्धि


मुंबई :-
पश्चिम रेलवे ने अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम संभव प्रयास किए हैं और उनकी रफ्तार को जारी रखा है। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न सबसे कठिन चुनौतियों के बावजूद पश्चिम रेलवे ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए 14 दिसंबर, 2021 को पश्चिम रेलवे ने 10000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करते हुए एक बड़ा मील का पत्थर पार किया। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के दूरदर्शी नेतृत्व, सक्षम मार्गदर्शन और ऊर्जावान प्रेरणा के तहत यह प्रमुख उपलब्धि संभव हुई है। कंसल द्वारा राष्ट्र प्रथम सर्वदा प्रथम पर बहुत जोर दिया जाता है, जो दर्शन के सिद्धांतों के महान सिद्धांतों में से एक है। उनका विचार है कि हमें स्‍वयं को अपने काम में 100% समर्पित करना चाहिए जो कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में हमारा योगदान होगा।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 1 अप्रैल से 14 दिसंबर, 2021 की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 35% से अधिक की वृद्धि दर्ज करते हुए 10004 करोड़ रुपये का राजस्‍व अर्जित किया। यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष में 320 दिनों की तुलना में इस वित्‍तीय वर्ष के 257 दिनों की अवधि में हासिल की गई है।


ठाकुर ने आगे बताया कि नीतियों में महत्‍वपूर्ण परिवर्तन, विभिन्न क्षेत्रों में पश्चिम रेलवे के आक्रामक विपणन प्रयासों से राजस्व में निरंतर वृद्धि हुई है। 1 अप्रैल से 14 दिसंबर, 2021 की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे ने अपनी 562 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 2 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया है, जिसमें कृषि उत्पाद, दवाएँ, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इससे लगभग 78.29 करोड़ रुपये का राजस्‍व प्राप्‍त किया गया। इसी अवधि में पश्चिम रेलवे द्वारा 90 हजार टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ 129 दूध स्‍पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इसी तरह 145 कोविड-19 स्पेशल पार्सल ट्रेनें लगभग 28,700 टन लोड के साथ आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए भी चलाई गईं। इसके अलावा लगभग 64,900 टन भार के साथ 158 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोगिता के साथ चलाए गए। किसानों को उनकी उपज के लिए नए बाजार खोजने में मदद करने के लिए और इसके किफायती और तेज परिवहन के लिए विभिन्न मंडलों से इस अवधि के दौरान 35,000 टन से अधिक भार लेकर 130 किसान रेलें भी चलाई गई हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि 1 अप्रैल से 14 दिसंबर, 2021 की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के कुल 26,987 रेक चलाये गये और इनमें पिछले वर्ष की इसी अवधि में 54.10 मिलियन टन की तुलना में 60.04 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई की गई है। 57,734 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलवे के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें से 28,885 ट्रेनों को सौंपा गया और 28,849 ट्रेनों को विभिन्न इंटरचेंज बिंदुओं पर लिया गया।

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