राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में भाईंदर के गणेश पिसाल को स्थान

उद्धोग जगत आगे आए दिव्यांग खिलाड़ियों को मदद करने

युवक ने हठपूर्वक अपनी विकलांगता को दी मात 


भायंदर :
- पिता की अकाल मृत्यु, परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण मां छोटासा   होटल चलाती है और किसी तरह परिवार का भरण पोषण करती है। उसमें भी जब अपंगता हमारे सामने आयी तो इसने किसी को भी निराश किया होगा। लेकिन इस स्थिति का सामना कर भायंदर के 25 वर्षीय युवक गणेश पिसाल इस स्थिति से उबरे  और दिव्यांग लड़कों के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है।

गणेश एक हाथ से अपंग हैं। उनके पिता की मृत्यु तब हुई जब वे मात्रा तेरह वर्ष के थे। इसलिए मां अलका पिसाल ने कैंटीन शुरू की और परिवारकी जवाबदारी संभाली। गणेश ने भी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर अपनी मां की मदद करना शुरू कर दिया। लेकिन साथ ही आईपीएल क्रिकेट मैच देखकर रोहित शर्मा से प्रेरित हुए और उनका क्रिकेट से लगाव हो गया। हालांकि विकलांगता के कारण आम लड़कों के लिए बल्लेबाजी करना संभव नहीं था,लेकिन गणेश एक हाथ से स्पिन गेंदबाजी कर रहे थे। उनके गेंदबाजी कौशल को देखकर उनके कोच दीपक गुप्ता ने उन्हें विरार के रवि पाटिल से मिलने की सलाह दी। उसके बाद साईनाथ क्रिकेट अकादमी में उन्होंने सीजन की फ्री क्रिकेट ट्रेनिंग लेना शुरू किया। वह आम बच्चों के बीच स्थानीय प्रतियोगिताओं में मैच खेलता था।



गणेश ने 2018 में, पहला जिला स्तरीय दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट ठाणे जिला टीम के लिए खेला और  इस टूर्नामेंट में वह सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के साथ-साथ सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने।उसके बाद गणेश ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। गणेश गर्व से कहते हैं कि साईनाथ क्रिकेट अकादमी और फिजिकली चैलेंज क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने उनकी यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।उन्हें अभी हाल ही में राष्ट्रीय स्तर के लिए 60 खिलाडियों में चुना गया हैं। हरियाणा में होनेवाली इस प्रतियोगिता में बेस्ट 30 का चयन होगा। गणेश कहते है की चुनने से ज्यादा वे अपने खेल और परफॉर्मेंस पर ध्यान देंगे,क्योंकि यह अच्छा हुआ तो चुनाव तो तय हैं। आर्थिक परिस्थिति को मात देकर वे निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।


उनकी क़ाबलियत को देखते हुए सामाजिक सांस्कृतिक संगठन युथ सोशल वेलफेयर एसोसिएशन(यूथ फोरम) ने गणेश के क्रिकेट साहित्य में सहयोग करने का निर्णय लिया है,और हाल ही में प्रकाश शाह के सहयोग से उन्हें नाइकी मेटल शूज उपलब्ध कराएं।फोरम के अध्यक्ष दीपक आर जैन व अतुल गोयल ने सरकार से अपील की हैं की दिव्यांग खिलाडियों को भी सभी तरह की सुविधाएं दे ताकि आर्थिक परिस्थितियों के चलते उन्हें अपना हुनर छोड़ना ना पड़े।  

टिप्पणियाँ

  1. बहुत बहुत बधाई ,निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर रहकर मीरा भायंदर का नाम रोशन करो, माँ की मेहनत रंग लाई।उन्हें भी बधाई।

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