आरपीएफ ने लंबी दूरी की ट्रेनों में चेन खींचने के मामले में दो लोगों को पकड़ा

अत्यधिक आपात स्थिति में उपयोग हो चेन पूलिंग का 


मुंबई :-
पश्चिम रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान यात्रियों की जान बचाने और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में हमेशा सबसे आगे रहते हैं. दो अलग-अलग मामलों में पश्चिम रेलवे की आरपीएफ टीम ने ट्रेनों में अलार्म चेन खींच कर यात्रियों के लिए अनावश्यक असुविधा पैदा करने वाली शरारतें पकड़ीं. पश्चिम रेलवे अपने सभी यात्रियों से ट्रेनों की समयपालन बनाए रखने में मदद करने और अनावश्यक रूप से चेन नहीं खींचने और केवल आपातकालीन स्थितियों में ही चेन खींचने से बचने की अपील करता है.

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों मामले मंगलवार को दो अलग-अलग ट्रेनों में हुए. पहली चेन पुलिंग ट्रेन नंबर 19484 बरौनी-अहमदाबाद एक्सप्रेस के कोच नंबर S6 में उधना यार्ड के पास हुई। इसी तरह एक अन्य मामले में ट्रेन नंबर 22660 योग नगरी ऋषिकेश-कोचुवेली एक्सप्रेस के डी2 कोच में कोसाड और उतरान स्टेशनों के बीच चेन पुलिंग हुई. दोनों ही मामलों में 10 मिनट से अधिक की देरी हुई। आरपीएफ ने दोनों मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ा और पहले मामले में आरोपी व्यक्ति के खिलाफ सूरत में और दूसरे मामले में अंकलेश्वर में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

ठाकुर ने कहा कि अलार्म चेन पुलिंग (एसीपी) की सुविधा का उपयोग केवल अत्यधिक आपात स्थिति में ही किया जाना चाहिये। यह देखा गया है कि कई बार यात्री बिना किसी आपात स्थिति के अलार्म की चेन खींच लेते हैं या उन स्टेशनों पर उतर जाते हैं जहां ट्रेन नहीं रुकती है। अलार्म चेन पुलिंग की सुविधा का दुरुपयोग एक आपराधिक कृत्य है जिसके परिणामस्वरूप ट्रेनें देरी से चलती हैं और ट्रेन में सभी यात्रियों को असुविधा होती है। इसका असर अन्य ट्रेनों के संचालन पर भी पड़ रहा है। रेलवे अधिनियम की धारा 141 अलार्म चेन पुलिंग के दुरुपयोग से संबंधित है और यदि कोई यात्री बिना उचित और पर्याप्त कारण के अलार्म चेन का उपयोग करता है उसे तीन महीने का कारावास हो सकता है.

 

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