121 किसान रेल व 125 मिल्क स्पेशल ट्रैन सहित 534 समयसारणीबद्ध पार्सल ट्रेनों का परिचालन
"हंगरी फॉर कार्गो" नई ऊंचाइयों की और
मुंबई :-"हंगरी फॉर कार्गो" भारतीय रेलवे द्वारा अपनाए गए दर्शन के सिद्धांतों में वर्णित चार्टरों में से एक है। इस दिशा में पश्चिम रेलवे द्वारा शुरू किए गए विभिन्न प्रयासों के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के कुशल मार्गदर्शन में पश्चिम रेलवे की बिजनेस डेव्लपमेंट यूनिट (बीडीयू) की गहनता से निगरानी की जा रही है जिसके परिणामस्वरूप न केवल पार्सल यातायात में सुधार हुआ है बल्कि नए यातायात के मामले में बेहतर माल ढुलाई के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। . निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 1 अप्रैल, 2021 से 6 दिसंबर, 2021 तक 534 पार्सल ट्रेनें चलाई हैं। इस अवधि के दौरान मालगाड़ियों में 58 मिलियन टन लदान किया गया जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 52 मिलियन टन था जो कि 11% अधिक है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 1 अप्रैल से 6 दिसंबर, 2021 तक की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे ने अपनी पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 2.09 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इसके माध्यम से 74.56 करोड़ रु. से अधिक के राजस्व की प्राप्ति हुई। पश्चिम रेलवे द्वारा 88 हजार टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ 125 दूध स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इसी तरह, 141 कोविड-19 स्पेशल पार्सल ट्रेनें लगभग 28000 टन अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गई। इसके अलावा, 147 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनमें लगभग 61000 टन वस्तुओं का परिवहन किया गया। किसानों को उनकी उपज के लिए नए बाजार खोजने में मदद करने के लिए और किफायती एवं तेज परिवहन के लिए इस अवधि के दौरान विभिन्न मंडलों से 32,000 टन से अधिक भार वाली 121 किसान रेलें भी चलाई गई हैं। 1 अप्रैल से 6 दिसंबर , 2021 तक की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के कुल 26099 रेक चलाये गये और 57.94 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई की गई है। 55723 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलवेज के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें से 27877 ट्रेनों को हैंडओवर किया गया और 27846 ट्रेनों को विभिन्न इंटरचेंज बिंदुओं पर टेकओवर किया गया। बिजनेस डेव्लपमेंट यूनिट (बीडीयू) मौजूदा और संभावित माल ढुलाई ग्राहकों के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि रेलवे बोर्ड द्वारा माल के त्वरित, विश्वसनीय, किफायती और थोक परिवहन के लिए शुरू किए गए प्रोत्साहनों के साथ उन्हें रेलवे के माध्यम से अपने माल के परिवहन के लिए प्रोत्साहित किया जा सके ।
महाप्रबंधक कंसल ने टीम का मार्गदर्शन करते हुए रेल योग्य शेयर में भविष्य में वृद्धि के लिए प्रस्ताव तैयार किए। इनमें हजीरा के लिए पोर्ट कनेक्टिविटी, टिम्बा के पास आगामी सीमेंट प्लांट के लिए रेलवे साइडिंग, वसई में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स, करम्बेली में वेयरहाउस, बंदरगाहों से 12 एमटी रेलेबल कार्गो आदि शामिल हैं। इन प्रयासों से निकट भविष्य में पश्चिम रेलवे भारतीय रेलवे पर 100 मिलियन टन लदान क्लब में शामिल हो सकेगी ।
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