परिचालन बाधाओं को हटाने से मुंबई उपनगरीय खंड में ट्रेन संचालन में गतिशीलता और संरक्षा में हुई वृद्धि
महाप्रबंधक का "दर्शन के सिद्धांतों" में से एक "राष्ट्र प्रथम सर्वदा प्रथम" में प्रबल विश्वास
मुंबई :- ट्रेन संचालन में संरक्षा और गति को बढ़ाने के लिए पश्चिम रेलवे ने सघन मुंबई उपनगरीय खंड पर परिचालनात्मक बाधाओं को सफलतापूर्वक हटाया है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल का "दर्शन के सिद्धांतों" में से एक "राष्ट्र प्रथम सर्वदा प्रथम" में प्रबल विश्वास है। उनका मत है कि हमें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में अपना शत-प्रतिशत समर्पित करना चाहिए। कंसल ने हमेशा लक्षित तरीके से परिचालनात्मक बाधाओं को दूर करने पर विशेष जोर दिया है। वे अत्यंत महत्व की ऐसी परियोजनाओं की स्वयं निगरानी करते है और प्राथमिकता और समयबद्ध तरीके से ऐसे कार्यों को पूर्ण करने के लिए प्रेरित करते हैं। महाप्रबंधक के कुशल मार्गदर्शन और दूरदर्शी नेतृत्व में मुंबई उपनगरीय खंड में ऐसे नौ उन्नयन कार्य पूरे किए गए हैं जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मुंबई उपनगरीय खंड में परिचालन संबंधी बाधाओं को दूर करने से संबंधित कई प्रमुख कार्य किए गए हैं जो ट्रेन संचालन में गतिशीलता और संरक्षा को बढ़ाने में मदद करेंगे। परिचालन संबंधी बाधाओं और रुकावटों को सफलतापूर्वक दूर करने के कारण पश्चिम रेलवे के मुंबई उपनगरीय खंड पर ट्रेनों की समयपालनता वर्ष 2019 - 2020 में 95% से बढ़ कर वर्ष 2021-22 में 99.3% हो गई है। मरीन लाइंस में 20 किमी प्रति घंटे के स्थायी गति प्रतिबंध (PSR) को हटा दिया गया है जिस से 2 मिनट / ट्रेन अथवा 560 मिनट/दिन की बचत करने में मदद मिली है। इसी तरह, बांद्रा-खार सेक्शन में 60 किमी प्रति घंटे के स्थायी गति प्रतिबंध (पीएसआर) को हटाने से 1.25 मिनट/ट्रेन या 307 मिनट/दिन की बचत करने में मदद मिली है। सांताक्रूज में भी तीन लाइन क्रॉसओवर को दो लाइन क्रॉसओवर में बदल दिया गया है जिससे ट्रेनों की गति को 15 किमी प्रति घंटे से 30 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाना संभव हुआ है। दादर में क्रॉसओवर 145/146 पर ट्रेनों की गति को 15 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 30 किमी प्रति घंटे कर दिया गया है। इससे दादर में प्लैटफ़ार्म नंबर 6 से ट्रेनों की तेजी से प्राप्ति और प्रेषण हो रहा है। मुंबई सेंट्रल में 25 कोच एलएचबी रेक के लिए शंटिंग छोर (neck) के विस्तार के कारण शंटिंग के समय में 30 मिनट की बचत हो रही है।
ठाकुर ने आगे कहा कि माहिम में तीन स्टेबलिंग लाइनों के चालू होने से अब तीन 12-कार के ईएमयू रेकों को स्टेबल किया जा सकता है। स्थायी गति प्रतिबंध में ढील के परिणामस्वरूप हार्बर लाइन पर ट्रेनों की गति 35 किमी प्रति घंटे से 50 किमी प्रति घंटे तक बढ़ गई है। यह ट्रेनों की समयपालन को प्रति ट्रेन 2 मिनट बढ़ाने में उपयोगी सिद्ध होगा। इसी तरह भायंदर में क्रॉसओवर 101/102 पर गति को 15 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 30 किमी प्रति घंटे कर दिया गया है, जिससे 1.25 मिनट/ट्रेन की बचत हुई है। साथ ही, भायंदर में कॉमन लूप को यात्री ट्रेनों के लिए भी फिट बनाया गया है जो ट्रेनों को प्राथमिकता देने के लिए बेहतर परिचालनात्मक लचीलापन प्रदान करेगा जिससे ट्रेन संचालन में सुगमता होगी।
ठाकुर ने कहा कि उपरोक्त परिचालन संबंधी बाधाओं और रुकवटों को सफलतापूर्वक दूर करने से ट्रेनों की संरक्षा और गति में उल्लेखनीय सुधार होगा।
फोटो केप्शन :- बांद्रा-खार सेक्शन में स्थायी गति प्रतिबंध (पीएसआर) को हटाने के कार्य का दृश्य
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें