क्षमापना संक्रान्ति पर देश भर के श्रीसंघों ने की गच्छाधिपति जी से की क्षमापना

 विजय वल्लभ साधना केंद्र में हुआ आयोजन

जैतपुरा (पाली) :- प्रतिवर्ष सांवत्सरिक महापर्व के बाद आने वाली संक्रान्ति को क्षमापना संक्रान्ति के रुप में मनाया जाता है । उसी परम्परा का पालन करते हुए पंजाब केसरी *जैनाचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरि समुदाय के गच्छाधिपति शांतिदूत जैनाचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी म. की निश्रा में राजस्थान के पाली जिला अंतर्गत जैतपुरा स्थित विजय वल्लभ साधना केंद्र में क्षमापना संक्रान्ति समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम कोविड - 19 की गाइड लाइन्स को ध्यान में रखकर आयोजित किया गया । मास्क , आपसी उचित दूरी और सेनेटाईजेशन आदि का पालन किया गया ।

श्री आत्म वल्लभ समुद्र फाउंडेशन , जैतपुरा तीर्थ ट्रस्ट मण्डल के अध्यक्ष  घीसुलाल जी सुराणा,सचिव माणक मेहता ,वित्त सचिव महेंद्र हुलराज मेहता , ट्रस्टी भंवर लाल कांकरिया ,प्रेमराजजी ने मेहमानों का स्वागत किया और सकल संघों से क्षमापना की ।

लुधियाना से पधारे प्रवीण जैन दुग्गड़ , जोगिंदरपाल  जैन ने  लुधियाना जैन संक्रान्ति मण्डल की ओर से क्षमापना की तथा साथ ही अखिल भारतीय श्री आत्म वल्लभ जैन महासंघ , श्री आत्मानंद जैन महासभा उत्तरी भारत , शिरोमणि जैन संघ - श्री आत्मानंद जैन महासमिति लुधियाना , श्री आत्म वल्लभ जैन सर्व मंगल ट्रस्ट लुधियाना , श्री विजय वल्लभ जैन युवक महासंघ उत्तरी भारत की ओर से भी प्रतिनिधित्व करते हुए क्षमापना की । चेन्नई से पधारे शरद जैन ने श्री आत्म वल्लभ जैन महासभा दक्षिण भारत , श्री आत्म वल्लभ योगा विहार ट्रस्ट , रामापुरम की ओर से क्षमापना की । मुम्बई से पधारे हुए  मानेक जी मेहता ने बाबू अमीचन्द पन्नालाल चेरिटेबल ट्रस्ट वालकेश्वर , बाली निवासी  मदनजी कितावत आदि गुरुभक्तों ने मुम्बई की समस्त गुरु आत्म वल्लभ संस्थाओं की ओर से , योगेश जैन रिम्पी ने अम्बाला श्री संघ , सभी शैक्षणिक संस्थाओं व मंडलों की ओर से , भंवर लाल जी कांकरिया ने गुंदोज , पूना और रोहा की ओर से , रमेश जी , मदन जी ने बाली की ओर से , राजेश कोचर , संजय कोचर , पट्टूसा ,कवींद्र कोचर , जागृत कोठारी आदि ने बीकानेर की ओर से , हितेश भाई , आनंद भाई ने श्री परमार क्षत्रिय जैन धर्म प्रचारक सभा बोडेली व आस पास के गुरु इंद्र जन्म भूमि क्षेत्र के सभी गांवों की ओर से , गुरु वल्लभ की जन्म भूमि बड़ोदरा से ललित भाई तथा वसंत भाई ने जानी शेरी , प्रतापपुरा आदि संघों की ओर से क्षमापना की । सूरतगढ़ से प्रधान सुरेंद्र जी चोपड़ा , पवनजी , सुशीलजी आदि ने सूरतगढ़ की ओर से क्षमापना करते हुए वहां जीर्णोद्धार हो रहे उपाश्रय के नवनिर्माण के बाद उद्घाटन अवसर पर निश्रा प्रदान करने की विनती भी गुरुदेव को की । ऐलनाबाद , श्रीगंगानगर , रानिया , सिरसा , पीलीबंगा , अबोहर की ओर से श्री मोहनलाल जी कोचर , श्री कृष्ण भैया ने , गुड़गांव श्रीसंघ की ओर से श्री मुरारी कोचर ने क्षमापना की । फालना , जोधपुर , जयपुर , पाली , खोड़ , बालराई , सादड़ी , अहमदाबाद  आदि अनेक शहरों की ओर से गुरुभक्तों ने क्षमापना प्रस्तुत की । भरत मेहता ने वल्लभ नगरी ठाणे श्रीसंघ व गुरु वल्लभ भक्त मण्डल ठाणे की ओर से गच्छाधिपति जी आदि सभी साधु साध्वी तथा सकल श्रीसंघों से क्षमापना की ।

चौमासे के मुख्य लाभार्थी तथा पारस चेनल पर लगातार तीन संक्रान्ति के लाभार्थी जैतपुरा तीर्थ के अध्यक्ष श्रीमती लीलादेवी घीसूलाल सुराणा का बहुमान भी ट्रस्ट मण्डल द्वारा किया गया । उनकी तरफ से संघपूजा भी की गई ।

बिजोवा से पधारे मोहनलाल जी रंग वाले ने भक्ति गीत प्रस्तुत किया । 

विद्वद्वर्य राघव प्रसाद जी पांडेय ने गुरु वल्लभ की महान परम्परा का अतीत से वर्तमान तक की गौरवशाली इतिहास अपने वक्तव्य में प्रस्तुत किया  और श्री महावीर शिक्षण संस्थान रानी स्टेशन की ओर से , अपनी ओर से तथा जैतपुरा में मुनियों को अध्ययन करवा रहे अपने अनुज विद्वद्वर्य डॉक्टर शम्भू दयाल जी पांडेय की ओर से भी क्षमापना की ।

आचार्य श्री जयानंद सूरि जी म. , आचार्य श्री चिदानंद सूरि जी म. ने क्षमापना के संदर्भ में समयोचित प्रभावपूर्ण प्रवचन दिए । बड़े भैया स्वर भूषण आचार्य श्री के भजनों से भक्त झूमने के लिए विवश हो गए ।

इस अवसर पर गुंदोज पुलिस चौकी के मुख्य इंचार्ज तथा उप इंचार्ज महोदयों का बहुमान साथ ही गुरु इंद्र भूमि से गुरुभक्तों को लेकर पधारे खोडसल के सरपंच अश्विन भाई ,  कल्पेश  भाई , नितेश भाई , बोडेली की ओर से प्रतिनिधि आनंद भाई , गुरु इन्द्रदिन्न सूरि जी म.के सांसारिक सगे भतीजे भरत भाई , सुरसिंह भाई आदि अतिथियों का बहुमान ट्रस्ट की ओर से किया गया ।

इस अवसर पर गुरु इंद्र की जन्मभूमि क्षेत्र से पधारे गुरुभक्तों को जैन धर्म के प्रचार - प्रसार तथा मानव सेवा , जीव दया आदि कार्यों के लिए संगठित करते हुए टिम्बी में विराजमान आचार्य श्री अरुणप्रभ सूरि जी म. के मार्गदर्शन , उडवन में विराजमान प्रवचनकार मुनिराज श्री रविन्द्र विजय जी म. , जैतपुरा में विराजित मुनि श्री मोक्षानन्द विजय जी म.की प्रेरणा से " गुरु इंद्र नित्य जैन सेवा समाज " के नाम से स्थापना की गई । संगठन का नामकरण होते ही नामांकित बैनर का उद्घाटन किया गया । 

संक्रान्ति अवसर पर प्रातः कालीन दोनों भजन तथा मुख्य संक्रान्ति भजन प्रवीण जैन दुग्गड़ लुधियाना व भरत मेहता ठाणे ने प्रस्तुत किये ।

गच्छाधिपति आचार्य श्री नित्यानंद सूरि जी म.सा.ने कहा कि कोरोना महामारी का सम्पूर्ण विश्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है । ऐसे विकट समय में एक दूसरे के दुःख दर्द में सहायक बनना श्रावक का विशेष कर्तव्य है । जरूरतमंद परिवारों को सम्मानसहित आर्थिक सहयोग देना धनवान लोगों का कर्तव्य है । किसी की मजबूरी या लाचारी का लाभ उठाकर महापाप बांधने से बचना जरूरी है । मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं पढ़ - सुन कर हृदय आहत हो जाता है । यदि घर मे अन्याय , अनीति से प्राप्त धन आएगा तो उससे घर मे अशांति , क्लेश और रोगों की भरमार ही होगी । पाप के मार्ग से आया पैसा फलता नही अपितु पारे की तरह फूट फूट कर निकलता है । इसलिए व्यक्ति को इंसानियत का त्याग न करके निःस्वार्थ भाव से मानव सेवा में जुटना चाहिए ।गच्छाधिपति जी ने भी क्षमापना करते हुए क्षमा धर्म की महिमा को समझाया और बताया कि क्षमा ही मुक्ति का प्रवेश द्वार है । क्षमा का आदान प्रदान सच्चे हृदय से होना चाहिए ।

कार्यक्रम का संचालन मुनि श्री मोक्षानंदजी म.सा.ने किया. अंत मे गणि श्री जेकीर्ति विजयजी म.सा. ने संक्रांति स्तोत्र सुनाये और गच्छाधिपति ने संक्रांति नाम श्रवण करवाया.

श्री आत्मानंद जैन महासभा उत्तरी भारत के प्रधान सुरेंद्र पाल जी के आह्वान पर चारों दिशाओं के आत्म वल्लभ महासभाओं के पदाधिकारियों , उत्तर भारत के सभी शहरों की श्री आत्मानंद जैन सभाओं के पदाधिकारियों आदि ने अपने क्षमापना सम्बन्धी वीडियो बनाकर भेजे ।जिनको वल्लभ वाटिका मीडिया टीम ने सुंदर स्वरुप प्रदान करके वल्लभ वाटिका के फेस बुक पेज और यु ट्यूब चेंनल पर रात्रि साढ़े आठ बजे प्रसारित किया ।

इस तरह देश भर के गुरुभक्तों ने ऑनलाइन क्षमापना प्रस्तुत करके अपनी भावनाएं गच्छाधिपति जी व सकल श्रीसंघों को समर्पित की ।

वल्लभ वाटिका♈

     

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