पर्युषण बाद की संक्रांति को क्षमापना संक्रान्ति कहा जाता है :- धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी

        इंद्र प्रदेश की धरा पर आयोजन

पावागढ़ :- इन्द्र प्रदेश की पावन धरती पर श्री जैन श्वेताम्बर पावागढ तीर्थ के तत्वावधान में श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान की परम पवित्र छत्र छाया में पूज्य गच्छाधिपति श्रुतभास्कर आचार्य भगवंत श्रीमद विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वर जी म.सा,एवं पूज्य आचार्य श्री विद्युतरत्न सूरीश्वर जी म.सा, प्रवर्तक श्री विनोद विजयजी म.सा, उपाध्याय श्री योगेंद्र विजयजी म.सा,आदि समस्त साधु साध्वी जी भगवन्तों की शुभ निश्रा में पारंपरिक क्षमापना संक्रान्ति सभा का मंगल मय कार्यक्रम हुआ।  

 🔹प्रथम संक्रान्ति के बाद वार्षिक कर्तव्य स्वरूप चैत्य परिपाटी का आयोजन  उपस्थित महानुभावों के संग हुआ।

🔸अमृत जैन आनंद सागर जैन ने गुरु आत्माराम जी का प्रथम भजन व मनोज कोचर ,रमेश जैन, राहुल जैन, जीवन भाई, रवचंद भाई, आदि ने गीत प्रस्तुत किये। 

मुनि श्री मुनिन्द्र विजय जी म.सा,एवं नूतन बाल साध्वी श्री नमन पूर्णा श्री जी म,सा, सुंदर भजन प्रस्तुत किये। 

🔹पूज्यआचार्य श्री विद्युतरत्न सूरीश्वर जी म.सा, उपाध्याय श्री योगेंद्र विजयजी म.सा,प्रवचनकार मुनि श्री ऋषभचन्द्र विजय जी म.सा, ने प्रवचन में क्षमापना का मर्म बताया । 

🔸पूज्य साध्वी श्री निर्मला श्रीजी म.सा, ने सुंदर भजन के माध्यम से प्रवचन दिया । 

🔸पावागढ तीर्थ के अध्यक्ष सुरेश भाई राजावत ठाणे वालो ने बहार से पधारे महानुभावों का आभार व्यक्त किया। एवं तीर्थ ट्रस्ट मंडल की ओर से क्षमा मांगी। 

परमार क्षत्रिय जैन महासभा- बोडेली-इन्द्रप्रदेश की ओर से अध्यक्ष मोतिभाई उठवण* ने कहा हमारा पुण्योदय है कि आपका चातुर्मास पावागढ तिथ भूमि पर हुआ - समस्त इन्द्र प्रदेश को अपार खुशी है । कोरोना काल मे हम आपका लाभ नही ले पाये इस बात का दुख है । 

हम इन्द्रप्रदेश वासी आपसे क्षमामांगते है। और आप से विनंती करते है गुरुदेव के इस क्षेत्र में आपका विचरण होता रहे.धर्म की जागृति बनी रहें। 


दीपक भाई शाह बड़ोदा वालो ने - स्पार्क न्यूज चैनल के  परेश भाई शाह का स्वागत किया ओर उनके हाथों से  शासन प्रभावक आचार्य भगवंत श्री मानतुंग सूरिजी जीवन चरित्र पुस्तक का विमोचन किया गया।

👑 संक्रान्ति लाभार्थी - गुरु भक्त कौशिक भाई, जयेश भाई,जयदीप भाई, परिवार वड़ोदरा वालो का बहुमान किया गया। 

🌟इस अवसर पर पंजाब से संक्रान्ति मंडल के काला जी ,आंनद सागर जैन अमृत जी , रमेश जी उपस्थित हुए ओर उतरी भारत की ओर से पत्र गुरुदेव को समर्पित किया एवं क्षमायाचना की । 

 सूरत, भायखला -मुबई, बीकानेर -अहमदाबाद, बड़ोदा, आदि स्थानों से संक्रान्ति गुरु भक्त उपस्थित हुए।  

संक्रान्ति भजन विजय कुमार कोचर बीकानेर वालो ने गया।

कार्यकम का संचालन पूज्य उपाध्याय श्री योगेंद्र विजय जी म.सा ने किया ।

अंत मे पूज्य गच्छाधिपति गुरुदेव ने प्रवचन में कहा कि गुरु परम्परा से प्रतिवर्ष पर्युषण के प्रश्चात आने वाली संक्रान्ति को क्षमापना संक्रान्ति कहा जाता है ।

इस वर्ष महा मारी के कारण श्रीसंघो का उपस्थित होना संभव नही हो पाया इस लिए अनेक श्रीसंघों - महासभा व -सभाओं द्वारा क्षमापना पत्र प्रेषित किये है - में उनके पत्रों को उनकी उपस्थिति मानता हूं उनकी भावनाओं को स्वीकारता हु। में समुदाय की ओर से सबको ह्रदय से  मिच्छामि दुक्कडम कहता हूं।

🔸संक्रांति स्त्रोत्र पाठ एवं मंगल संक्रान्ति नाम का श्रवण हुआ ।

🌿 गुरु आत्म वल्लभ परिवार 🌿

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