गुरु वल्लभ की 66 वी पुण्यतिथि पर गुणानुवाद सभा

 भविष्य के आयेजन देते थे गुरु वल्लभ :- धर्मधुरंधर



पावागढ़ :-
इन्द्र प्रदेश की पावन धरती पर श्री जैन श्वेताम्बर तीर्थ पावागढ मध्ये पंजाब केशरी आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज साहेब की 66 वीं पुण्यतिथि पर गुणानुवाद गुरु गुण स्मरण का आयोजन हुआ। 

पंजाब केशरी गुरु वल्लभ समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति जैनाचार्य श्रीमद विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वर जी म.सा, की शुभ निश्रा में सभा का शुभारंभ हुआ। गुरु वल्लभ चित्र पट के सन्मुख दीप एवं पुष्प माला अर्पित की गई । 

पूज्यआचार्य श्री विद्युतरत्न सूरीश्वर जी म.सा,उपाध्याय श्री योगेंद्र विजयजी म.सा, मुनि श्री ऋषभचन्द्र विजय जी म.सा, ने प्रवचन के माध्यम से गुरु वल्लभ के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए। 

इसी क्रम में पूज्य साध्वी श्री निर्मला श्री जी म.सा, ने गुरुदेव के संस्मरण सुनिए । प्रथम बार बाल साध्वी श्री नयनपूर्णा श्री जी ने सुंदर भजन प्रस्तुत किया ।संगीतकार रवचन्द भाई ने गुरु भक्ति में भजन संगीत प्रस्तुत किये। 

परम पूज्य गच्छाधिपति गुरुदेव आचार्य श्री धर्मधुरंधर सूरि जी महाराज साहेब ने प्रवचन में कहा कि गुरु वल्लभ जितने उस समय प्रासंगिक। थे आज के संयोगों में यदि हम सोचे तो उस से ज्यादा प्रासंगिक है। 

गुरु वल्लभ के विचारों में संगठन स्वालंबन सहकार सेवा समता ओर शिक्षा घुली मिली प्रतीत होती है। वे जीते थे वर्तमान में परन्तु वे तत्कालीन संयोगों के आधार पर भविष्य संबंधित आयोजन देते थे। वे जन जन के हित की चिंता करते थे । आज उनकी 66 वी पुण्य स्मृति पर श्री चरणों मे वंदन। 

इस अवसर पर कौशिक भाई , जयेश भाई, बड़ोदा से मोतिभाई उदवन, भरतभाई , कमलेश भाई सुराणा, आदि गुरु भक्तों ने गुरु चरणों मे भावांजलि अर्पपित की । भरतभाई ने सभी को वर्तमान परिस्थितियों के सरकारी सूचनाएं दी। अंत मे श्री वल्लभ गुरु के चरणों मे में नित उठ शीश नमाता हु। 

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🌿 क्षमापना संक्रान्ति 🌿

दिनांक : 17,9,2020, / 9.30 Am

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