पालीताणा तीर्थ पर होगा सबसे विषाल प्राचीन ग्रंथालय

 25 हजार ग्रंथ होंगे संग्रहित

 विष्वरत्न सागरसूरीष्वरजी ने किया अवलोकन, जल्द ही होगा लोकार्पण

राजगढ़। जैन समाज का अति महत्वपूर्ण पालीताणा तीर्थ एक और इतिहास रचने की ओर अग्रसर हो रहा है। दरअसल, तीर्थ पर करीब 25 हजार से अधिक धार्मिक ग्रंथ से सुसज्जित होने वाला पुस्तकालय बनने जा रहा है। इसके साथ ही तीर्थ पर स्थित तलेटी के ठीक नजदीक बन रही 7 मंजिला इमारत जिसे नवरत्न धाम नाम दिया गया है, में 4 मंजिल पर 96 कमरे और तीन मंजिलों में से भी एक साधु-साध्वी के लिए, एक धार्मिक अनुष्ठान व व्याख्यान हाॅल के लिए और एक मंजिल संघ यात्रियों के लिए निर्मित की गई है।युवाचार्य विष्वरत्न सागर जी ने इस निर्माण का अवलोकन कर जरूरी निर्देष भी दिए। इस धार्मिक भवन का शुभारंभ जनवरी 2021 में होगा।
पालीताणा स्थित नवरत्न धाम के प्रमुख ट्रस्टी कौषिक भाई ने बताया कि मालवभूषण तपषिरोमण आचार्य श्री नवरत्न सागर सूरीष्वरजी म.सा.ने यह महसूस किया था कि पालीताणा में मालव क्षेत्र के धर्मावलंबियों को आवास संबंधी समस्या का सामना कई बार करना पड़ता था। इसे ध्यान में रखते हुए आचार्यश्री ने परिकल्पना की थी कि पालीताणा में तलेटी के नजदीक ही एक ऐसी विषाल धर्मषाला का निर्माण किया जाए जिसमें मालवावासियों को प्राथमिकता से आवास की सुविधा मिल सके। लगभग 15 वर्ष पूर्व आचार्यश्री ने इसका सपना देखा था जिसे उनके पट्टधर युवाचार्यश्री विष्वरत्न सागर सूरिष्वरजी ने पूर्ण करने का संकल्प लिया था। आचार्यश्री के अनुयायियों ने उदारतापूर्वक दान दे कर इस संकल्प को पूर्ण करने में अहम भूमिका अदा की है।
मध्य प्रदेष को भी मिला है नेतृत्व
गौरतलब है कि पालीताणा तीर्थ स्थित नवरत्न धाम के ट्रस्ट मंडल में मध्य प्रदेश को भी नवीन कार्यकारिणी में स्थान मिला है। इसमें धार जिले के राजगढ़ नगर से वीरेंद्र जैन पत्रकार को ट्रस्टी के रूप में शामिल किया गया है। पिछले दिनों ही अहम बैठक में जैन भी वहां उपस्थित थे।
35 हजार वर्ग फीट की जमीन पर 20 करोड़ से हुआ निर्माण
ट्रस्टी कौषीक भाई बताते हैं कि इस नवीन धर्मषाला का निर्माण 35 हजार वर्ग फीट की जमीन पर किया गया है। सात मंजिला होने से कुल निर्माण करीब सवा लाख वर्ग फीट हो चुका है जिसकी लागत करीब 20 करोड़ के आसपास पहुंच गई है। इस सात मंजिला इमारत में 4 मंजिलें यात्रियों के लिए आरक्षित है। सभी 96 कक्ष वातानुकूलित हैं। प्रत्येक कक्ष में 2 बेड, एक अलमारी, ड्रेसिंग टेबल, सोफे व पर्दे लगाए गए हैं। प्रत्येक मंजिल पर एक वीआईपी रूम, एक हाउसकीपिंग व एक जनरल हाॅल भी है। इसके साथ ही आने-जाने के लिए दो रास्तों सहित डबल लिफ्ट की भी सुविधा यहां पर उपलब्ध कराई गई है। विषेष बात यह है कि सभी कक्ष में बालकनी है, जहां से खुला आकाष देखा जा सकता है।
फायर सेफटी है इंतजाम, भोजनशाला के लिए जमीन के अंदर पाइप लाइन
इस 7 मंजिला इमारत में हर तल पर फायर सैफ्टी के इंतजार हैं। आमतौर पर कई जगह ये इंतजाम नजर नहीं आते हैं। वहीं यात्रियों के लिए बनने वाली भोजनषाला में जो गैस का इंतजाम किया गया है वह भी अंडर ग्राउंड ही है ताकि किसी प्रकार का हादसा ना हो। यात्रियों को यहां मिलने वाला पानी भी आरओ का ही होगा।
एक मंजिल कभी नहीं होगी यात्रियों को आवंटित
कौषिक भाई ने बताया कि इस इमारत में जो एक मंजिल साधु-साध्वियों के लिए विषेष रूप से बनाई गई है वह कभी भी किसी भी यात्री को आवंटित नहीं होगी। विषेष बात यह है कि इस मंजिल का आधा हिस्सा साधु भगवंतों के लिए होगा तो वहीं आधा हिस्सा साध्वीवृंद के लिए आरक्षित रहेगा।
युवाचार्य ने किया अवलोकन
युवाचार्य श्री विष्वरत्न सागर सूरीश्वरजी जी ने अपने गुरु के सपने को साकार होता देख इस 7 मंजिला इमारत का अवलोकन किया। इस दौरान उनके साथ वल्ड डायमंड ट्रस्ट फांउडेषन के संदीप जैन, नवरत्न परिवार के राष्ट्रीय महासचिव राजेश जैन डगवाले, इंदौर के सुधीर जैन, इवेंट मैनेजर वीरेंद्र कच्छी आदि उपस्थित रहे। आचार्यश्री ने इस दौरान महत्वपूर्ण निर्देष देते हुए जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए कहा।


टिप्पणियाँ

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