जैन धर्म में अहिंसा सर्वोपरी है :- समता सागर
पिछि दिगंबर मुनियों की पहचान हैं
विदिशा (मध्यप्रदेश ):-जैन परंपरा में अहिंसा सर्वोपरि है,इसलिये अहिंसा को परमोधर्म कहा गया है, राग का अभाव ही वीतरागता है,एवं यह इंसान को अहिंसक बनाता है। अहिंसा से ही सभी जीवों में समभाव की भावना आती है,उपरोक्त उदगार मुनि श्री समतासागर जी महाराज ने शीतलधाम में आयोजित ओन लाईन जैन तत्ववोध की कक्षा को संबोधित करते हुये कहे.उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुये कहा कि जो विद्यार्थी परीक्षा की जिंदगी जीता है, वही जिंदगी की परीक्षा में सफल होता है जो सन्यासी दीक्षा लेकर अपनी समीक्षा स्वं करते है, वह ही जिनशासन की प्रभावना कर पाते है। मुनि श्री ने कहा कि एक साधक मंत्रों और साधना के माध्यम से स्वंय की रक्षा तो करते ही है, साथ ही संपूर्ण राष्ट्र के प्रति भी उनकी सदभावना रहती है।
उन्होंने कहा कि जीव रक्षा के निमित से पिच्छिका एक मुनिराज के पास 24 घंटे साथ में रहना आवश्यक है। यह दिगंबर मुनियो की पहचान है। उन्होंने कहा कि यह संयम का उपकरण है, यह भले ही वजन में हल्की है, लेकिन इसको उठाने के लिये मजबूत हाथों की आवशकता होती है।
मुनि श्री ने प्रश्न के उत्तर में कहा कि सन्1945 में गणेश प्रसाद वर्णी जी ने जबलपुर की एक सार्वजनिक सभा में सहयोग की भावना से अपना दुपट्टा आजाद हिंद सेना को सोंपा जिसको समाज ने बोली लगाकर तीन हजार रूपये पं. द्वारका प्रसाद जी को जो कि सभा की अध्यक्षता कर रहे थे उनको सोंपा।
श्री शीतल विहार न्यास के प्रवक्ता तथा चातुर्मास कमेटी के मीडिया प्रभारी अविनाश जैन ने बताया विश्व में कोरोना रोग से शांति स्थापित हो इस मंगल भावना से प्रतिदिन बर्रो वाले बाबा भगवान आदिनाथ की शांतिधारा मुनि श्री समतासागर जी एवं ऐलक श्री निश्चय सागर जी महाराज के संघ सानिध्य में संपन्न हो रही है, एवं आज अष्टमी तिथी को 64 रिद्धि विधान का आयोजन किया गया। मुनि श्री ने निर्जल उपवास कर विशेष साधना की।इसमें ब्र. श्री अनूप भैयाजी, ब्र.ववीता दीदी, एवं श्री मति इन्द्रा, अशोक जैन रि.एस ई, श्री मतिशशी, अविनाश जैन, श्री मति चंद्रप्रभा, के.के जैन, सप्पी जैन, जे. सी नगर श्री मति जयंती जैन, राजकुमार जैन, श्रीमति शकुन जैन ने भाग लिया।
मुनि श्री से आशीर्वाद लेते हुये निर्मल कुमार जी रिटायर्ड चीफ बुकिंग पार्सल ने अपने पुत्र राजीव, सुनील,सुधीर,प्रदीप मेंमसाव परिवार विदिशा द्वारा श्री समवसरण मंदिर की मूर्ति पेटे पांच लाख रुपये का चैक न्यास के अध्यक्ष बसंत जैन को सोंपा।
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