पत्रकार तो फ़ेमस ही है :- हार्दिक हुंडिया
बिना सोचे समझे ना लिखे
मुंबई :- किसी भी समाज की बुराई जब लेखनी के द्वारा समाज के सामने रखते है तब 99 प्रतिशत लोग शाबाशी देते है और जिनकी पोल खुलती है उनको तकलीफ़ होती है वो बोलते है ये तो फ़ेमस होने के लिये करते है ।
उपरोक्त विचार पत्रकार हार्दिक हुंडिया ने व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि भाई पत्रकार वैसे भी फ़ेमस होते है उनको फ़ेमस होने की ज़रूरत नहीं हैं। ये डरपोक लोग आज कल कुछ अलग ग़लग राज्य के सिम लेकर कुछ भी लिख देते है ? सच्चाई समाज के सामने लाने वाले के उसके काम पर , उसके चरित्र पे कुछ भी लिख देते है ,
बिना सोचे समझे ?
हुंडिया ने कहा कि ज्यादातर पत्रकार समाज हित के लिये कार्य करते हैं। किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती है।वो समाज हित के लिये, बिना स्वार्थ लड़ता है ।उन्होंने कहा कि यदि पत्रकार ग़लत लिखता है तो आप भी पत्रकार की तरह लिखो ? किसी और राज्य के फ़र्ज़ी सिम से क्यों लिखते हो ? कोई पत्रकार अच्छा लिखेगा तो नाम तो होगा ही ? तो वो नाम के पीछे ईर्ष्या क्यों ? जलन क्यों करते हो ?
जो समाज हित में समाज की बुराई बाहर लाता है तो उसको सम्मान दो और नहीं दे सकते हो कम से कम उनके ख़िलाफ़ झूठ तो मत लिखो ? आप के घर के संस्कारों तो ख़राब मत करो ।
राजस्थान में अनूप मंडल का ये आदमी है इस से कुछ मत लो , उनके किसी दुश्मन ने ये बात चलाई तो कुछ लोगो ने बिना सोचे समझे वो मेसेज फॉरवर्ड कर दिया । अब राजस्थान के एक गाँव में उन सभी के ख़िलाफ़ केस हो गया , पुलिस राजस्थान से मुंबई आ गई , अब मेसेज बिना सोचे समझने करने वाले कि हालत बिगड़ गई , वो अजैन थे तो तुरंत शिकायत कर दी , फिर कुछ उनके जैन मित्र बीच में आये माफ़ी मांगी मामला शांत किया ।
आप कुछ भी किसी के ख़िलाफ़ लिख देते हो , पत्रकारों को धमकी , ग़लत भाषा का उपयोग करते हो , मत करो , बहुत पस्ताओगे ? क्योंकि पत्रकार को मालूम है की एक शिकायत हो जाएगी तो कितना परेशान होना पड़ेगा ? इस लिये पत्रकार शांत है तो उनकी शांति की कसौटी मत करना ? पत्रकार समझदार है ,शांत है लेकिन क़लम धारदार है |लिखने का काम समझदारी से करो।
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