पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव - 2023 बहुआयामी गतिविधियों से रूबरू होने उमड़ा जनसैलाब

पर्यावरणीय मानकों की अनुपालना हर स्तर पर जरूरी- जस्टिस जी.के. व्यास


जयपुर :- 
जोधपुर जिला प्रशासन, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र, जोधपुर, उद्यम प्रोत्साहन संस्थान एवं नोडल एजेंसी ‘मरुधरा इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन’ के संयुक्त तत्वावधान व रीको लि., नेशनल जूट बोर्ड, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), भारत संचार निगम लि.  हस्तशिल्प निर्यात संवर्द्धन परिषद्, केन्द्रीय ऊन विकास बोर्ड, जोधपुर नगर निगम, जोधपुर विकास प्राधिकरण, राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, एजीएण्डपी प्रथम गैस, नाबार्ड बैंक, जोधपुर आर्टिजन्स वेलफेयर प्रोडयूसर कंपनी लि. एवं मीडियागढ की साझा मेजबानी में रावण का चबूतरा मैदान में चल रहा पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव अब परवान पर है। यह आगामी 15 जनवरी तक चलेगा।

 समाधान और सुझाव आमंत्रित

उत्सव के तीसरे दिन रविवार को संगोष्ठी कक्ष में राज्य की पर्यावरण नीति-पर्यावरणीय मानकों पर संगोष्ठी आयोजित हुई।

इसमें मुख्य अतिथि राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायाधिपति गोपालकृष्ण व्यास ने कहा कि भगवान शब्द ही 5 तत्वों से मिलकर बना है। यह तत्व जल, वायु, अग्नि, धरती और आकाश में विद्यमान है। उन्होंने इन 5 तत्वों के सृष्टि में व्यापकता के साथ प्रसार पर विस्तार से जानकारी प्रदान की।

उन्होंने एमआईए के पदाधिकारियों से जोधपुर के उद्योगों में पर्यावरणीय मानकों तथा आने वाली समस्याओं-समाधान पर पूरी जानकारी लिखित में राज्य मानवाधिकार आयोग को उपलब्ध करवाने का आग्रह किया और कहा कि एमआईए से प्राप्त सुझावों व समस्याओं पर विस्तार से मंथन एवं पर्यावरणीय मानकों की अनुपालना के साथ इसे राज्य सरकार को अनुशंसित किया जायेगा। उन्होंने खुशी जाहिर की कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयासों से जोधपुर में बड़े-बड़े तकनीकी शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक संस्थानों की स्थापना हुई।

प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा कारगर प्रयास जारी

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के सदस्य सचिव बी. प्रवीण ने कहा कि उद्योगों के पर्यावरणीय मानकों के अंतर्गत आने वाली समस्याओं के समाधान पर तकनीकी रूप से प्रकाश डाला जायेगा। उन्होंने कहा कि वेस्ट मैनेजमेंट के ट्रीटमेंट पर प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा कई परियोजनाओं के स्टार्ट अप किये गये हैं।

उन्होंने चिह्नित उद्योगों से सम्बंधित समस्याओं के समाधान पर भी प्रकाश डालते हुए एनजीटी द्वारा वर्ष 2018 में जारी आदेशों पर भी विस्तार से चर्चा की तथा इस सम्बंध में विशेषज्ञों के सुझाव व पेरामीटर के दौरान आने वाली शंकाओं को दूर करने की आवश्यकता जतायी। इसके अलावा यहां के उद्योगों की प्रदूषण सम्बंधी विभिन्न समस्याओं पर चर्चा कर उनके निराकरण का भरोसा दिया।

जलसंरक्षण एवं पुर्नउपयोग पर चिन्तन जरूरी

रीको के स्वतंत्र निदेशक एवं उत्सव संयोजक सुनील परिहार ने जल संरक्षण तथा जल के पुर्नउपयोग पर विस्तार से विचार करने की आवश्यकता जतायी। उन्होंने बताया कि जोधपुर के लिए आईआईटी जैसे तकनीकी संस्थान, मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का सहयोग, भाभा ऑटोमिक रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों का जुड़ाव भी जोधपुर से रहा है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी इच्छा है कि जल के संरक्षण एवं इसके पुर्नउपयोग पर वैज्ञानिक तरीके से कार्य किया जाए। आने वाला समय जल के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है जिसे गंभीरता से समझने की आवश्यकता है। उन्होंने जोधपुर शहर में बढ़ रहे भूजल स्तर के कारण भूमिगत जलस्तर की गहनता से अध्ययन कराने की आवश्यकता जतायी। श्री परिहार ने उद्यमियों से अपील की कि वे पर्यावरणीय समस्याओं को देखते हुए पर्यावरणीय मानकों पर आधारित उद्योगों का ही संचालन करें।

प्रदूषित जल उपचार पर विस्तार से चर्चा

भाभा ऑटोमिक रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ वैज्ञानिक  आर.एस. सोनी ने पॉवर पाईंट प्रजेंटेशन द्वारा टेक्सटाईल्स उद्योगों के दूषित जल उपचार संयंत्र, प्रारंभिक परीक्षण, पायलट कुशल प्रदर्शन संयंत्र, संयंत्र के परिचालन अनुभव, संयंत्र संचालन में आने वाली चुनौतियों, उपलब्धियों, प्रमुख लाभ, सीवरेज अपशिष्ट के स्वच्छीकरण, सीवरेज कीचड़ स्रोत, रेडियेशन/विकिरण स्वच्छीकरण संयंत्र, एएससी अहमदाबाद व अन्य प्लांट की स्थिति आदि बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी।

जोधपुर में पानी से जुड़े मुद्दों पर दी गई जानकारी

आईआईटी जोधपुर के प्रोफेसर पीके तिवारी ने भी प्रजेंटेशन के माध्यम से जोधपुर में पानी के मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सस्टेनेबल वाटर पर आईआईटी द्वारा किये जा रहे प्रयासों, औद्योगिक दूषित जल के उपचार संयंत्र, सांगरिया, पानी के दबाव संचालित मार्ग, प्रयोगात्मक अध्ययन, औद्योगिक दूषित पानी के उपचार हेतु अभिनव प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने प्रदूषण प्रबंधन के खिलाफ मजबूत कदम, स्मार्ट सप्लाई सहित अनेक विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

विशेषज्ञों एवं उद्यमियों ने दिए अहम् सुझाव

वरिष्ठ उद्यमी  गजेन्द्रमल सिंघवी व जीके गर्ग ने भी पर्यावरणीय मानकों पर आवश्यक सुझाव दिये।आरंभ में एमआईए के अध्यक्ष  भंवरलाल चौपड़ा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि यहां के उद्यमी पर्यावरणीय मानकों पर भी अपने कार्य करते हैं। उन्होंने आशा जतायी कि उद्यमियों को पर्यावरणीय मानकों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त होने पर और भी निर्बाध रूप से कार्य कर सकेंगे।

कार्यक्रम समन्वयक उमेश लीला ने स्वागत किया और पर्यावरणीय मानकों पर अपने सुझाव दिये।

जेआईए के अध्यक्ष एनके जैन, एमआईए के पूर्व अध्यक्ष  एसके शर्मा, वरिष्ठ उद्यमी एमएल जैन,  अशोक संचेती ने भी विभिन्न सुझाव प्रस्तुत किये।कार्यक्रम के अंत में एमआईए के सचिव  निलेश संचेती ने अतिथियों एवं उद्यमी साथियों का आभार जताया।

कार्यक्रम में उत्सव आयोजन सचिव एसएल पालीवाल, समाजसेवी श्रवणराम पटेल, एमआईए के पूर्व अध्यक्ष  कमल मेहता, कमल सिंघवी, प्रदीप डाकलिया, उपेन्द्र भंसाली, उपाध्यक्ष नरेश बोथरा एवं  मुकेश खत्री, सहसचिव गोविंद अग्रवाल एवं  गुमानाराम जांगिड़, कोषाध्यक्ष पंकज राठी, सदस्य सर्वश्री नीरज सुराणा, नरेन्द्र छाजेड़, अजय शर्मा, गणेश चौधरी, मनीष खत्री, धनराज गुणपाल, मोहम्मद आसिफ, पार्षद योगेश गहलोत, मेलाधिकारी राजेश सोलंकी एवं सज्जनसिंह सोलंकी सहित अनेक उद्यमी उपस्थित थे।

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