मीरा भायंदर में पहलीबार महिलाओं का पथ संचालन

 राष्ट्र सेविका समिति का कार्यक्रम 22 जनवरी को


भायंदर :-
तेजस्वी राष्ट्र का पुननिर्माण व महिलाओं को स्वरक्षण करने के उद्देश्यों के साथ कार्यरत राष्ट्र सेविका समिति वसई जिला कोकण प्रांत द्वार पहलीबार महिलाओं के सघोष पथ संचालन कार्यक्रम का आयोजन किया गया हैं।

समिति ने बताया कि पथ संचालन रविवार , 22 जनवरी 2023, को दोपहर 3:30 ते 6:00 बजे तक शिवार गार्डन, सिनेमॅक्स, रामदेव पार्क, एसवीपी स्कूल होते हुए शिवार गार्डन पहुंचेगा जंहा कोकण प्रांत की कार्यवाहिका पद्मश्री ताई फाटक मार्गदर्शन करेगी।मीरा भायंदर में पहलीबार होने से महिलाओं में उत्साह का वातावरण हैं।

ज्ञात हो राष्ट्र सेविका समिती एक अखिल भारतीय हिंदु महिला संगठन है। इस संघटना का मूल उद्देश महिलाओं को स्वसंरक्षण क्षम बनाना है। महिलाओं के अंदर मानसिक क्षमता और शारीरिक दृढता बढ़ाने हेतु हर वर्ष वसई जिला की ओर से विभिन्न नगरों में संचलन का आयोजन होता हैं।समिति के अनुसार गलत मत कदम उठाओ, सोचकर चलो, विचार कर चलो।इसी शुभ विचार के साथ मातृभूमी का एक ताल एक सुर में जयघोष करने के लिए महिलाएं एकत्रित आएंगे सघोष पथ संचालन में तथा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी राष्ट्र सेविका समिती वसई जिला अपना गौरवशाली 'सघोष पथ संचालन" मीरा भायंदर नगर में प्रसन्नता एवम उल्लास के साथ आयोजन कर रही हैं। महिला सज्जन शक्ती का एकत्रित दर्शन करने का अवसर हैं।अधिक जानकारी के लिए मीरा भायंदर नगर कार्यवाहिका शांता पूजारी - 9920119255 अथवा मोनिका वर्मा : 9004564849 से संपर्क करें।

समिति ने बताया कि माताए और बहने संचालन का कार्यक्रम देखने के लिए शाम 5.00 बजे शिवार गार्डन में सादर आमंत्रित है ।

राष्ट्र सेविका समिति एक परिचय

राष्ट्र सेविका समिति की शुरुआत 1936 में वर्धा में वा. लक्ष्मीबाई केलकर (मौसीजी) ने की थी। स्त्री स्वयं प्रकृति है, ब्रह्मांड की आदिम शक्ति है। इस सारे संसार में जो कुछ दिखाई देता है, वह उसी दैवीय शक्ति के प्रभाव से प्रतिबिम्बित होता है, इसलिए वह चेतना है। इस वर्चस्व को हम महालक्ष्मी, महासरस्वती, महाकाली और उस परब्रह्म की शक्ति मानते हैं। भारतीय संस्कृति इस अवधारणा से प्रेरणा लेकर प्रवाहित हुई है कि प्रत्येक नारी उस शक्तित्व का अंश है।

भारतीय समाज के गठन को ब्रह्म चैतन्य शक्ति के एक अंग के रूप में देखा जाता है, जो महिलाओं के अस्तित्व के इर्द-गिर्द बुनी गई है। गीता में भगवान श्री कृष्ण को सामाजिक धारणा के लिए नारी की सुप्त शक्तियों का आधार माना गया है। हम देखते हैं कि शक्ति प्रत्येक कार्य में मध्यवर्ती है। उस शक्ति की शक्ति को जाग्रत करना, शक्ति को एक करना, उसे राष्ट्र निर्माण कार्य में लगाना अद्वितीय लक्ष्य है। मौसीजी ने इस उद्देश्य के लिए राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना की।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम