चारों समुदायों की उपस्थिति में मना कुलचंद्र सूरीश्वरजी (केसी) का 37वां दीक्षा दिन

जीवन मे विनम्रता और  मन में सभी के प्रति सहायता की भावना रखें' :- कुलचंद्र सूरीश्वरजी


मदनगंज (किशनगढ़) :-
श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के तत्वावधान में परम पूज्य तपागच्छाधिपति आचार्य श्री विजय प्रेम सूरीश्वरजी म.सा.के आजीवन चरणोपासक, कार्य कुशल परम पूज्य आचार्य विजय कुलचंद्र सूरीश्वरजी (के सी)म.सा.का 37 वां दीक्षा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए के सी म.सा.ने कहा कि हमें साधु जीवन से पांच चीजें सीखनी चाहिए। 5 अल्फाबेट का एक शब्द फोर्स जो भी धर्म आप करो उसमें पूरा फोर्स लगाओ, पूरी श्रद्धा से पूरे मन से करें, क्रिया एक साधन है, वालों ने लिया। लेकिन अगर आपकी श्रद्धा और क्रिया पूरे फोर्स के साथ होगी तो उसका फल आपको मिलेगा। दूसरा शब्द है चार अल्फाबेट का हैल्प हमे सभी के प्रति सहायता की भावना रखनी चाहिए।भगवान महावीर ने भी केवल ज्ञान प्राप्त होने के बाद मोक्ष मिलने से पहले सिर्फ जन सामान्य की सहायता करने के लिए सबका उद्धार करने के लिए सब की मदद करने के लिए ही देशना दी थी।

उन्होंने बताया कि तीसरा शब्द है ट्राई यानि कि हमे ट्राई करते रहना चाहिए चाहे द अल्फाबेट का शब्द है हू अर्थात करते रहो किसी भी कार्य में किसी भी चीज में पूरी लगन के साथ लगे रहो और आखरी एक अल्फाबेट जे हमें साधु जीवन से सीखना चाहिए वह है एल यानि की लर्निंग कोई भी उम्र हो कोई भी समय हो हमें सीखने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।गुरुदेव के शिष्य प्रखर प्रवचनकार पन्यास प्रवर श्री कुलदर्शन विजयजी म.सा.ने गुरुदेव के शासन कार्यों का स्मरण किया।


ओसवाली मोहल्ला स्थित वर्धमान जैन स्थानक में प्रवचन व सामूहिक सामयिक कार्यक्रम में सर्व प्रथम जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के सचिव महेंद्र कर्नावट ने मंच का संचालन एवं सामूहिक गुरुवन्दन के साथ धर्मसभा का आगाज किया। इसके बाद जैन श्वेतावर मूर्तिपूजक संघ महिला मंडल की सदस्यों ने स्वागत गीत और दीक्षा दिवस गीत प्रस्तुत किए। संघ के सचिव ने आचार्यश्री के जीवन पर प्रकाश डाला और इसी कड़ी में वर्धमान जैन स्थानकवासी संघ के अध्यक्ष कैलाश पीपाड़ा ने भाव व्यक्त किए गए। सकल जैन समाज ने आचार्यश्री को काबली ओढ़ाई।

 संघ के प्रचार प्रसार मंत्री महेंद्र बोथरा ने बताया कि दीक्षा दिवस पर सकल जैन समाज के श्रावक श्राविकाएं शामिल हुए। दीक्षा दिवस पर गौतम प्रसादी और संघ पूजा क लाभ सुमेरचंद, प्रज्ञेश छाबड़ा जयपुर ने लिया।






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