अंतरराष्ट्रीय वक्ता बीके शिवानी मीरा भायंदर में

द पॉवर ऑफ चॉइस पर करेगी बात


भायंदर :-
देश विदेश में लाखों लोगों के जीवन को नई राह दिखानेवली अंतरराष्ट्रीय वक्ता (Motivational Speaker) प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरिय विश्‍वविधयालय की शिक्षिका राजयोगिनी शिवानी का दो दिवसीय कार्यक्रम मीरा भायंदर में आयोजित किया जा रहा हैं।

मीरारोड, भायंदर ब्रह्माकुमारी द्वारा आयोजित कार्यक्रम 19 जनवरी को मीरारोड मीरा रोड स्थित मेवाड़ वाटिका, मेक डॉनल्ड्स के सामने, कनकिया रोड पर शाम 6.30 से 8.30 बजे दि पर्पस ऑफ लाइफ विषय पर तथा 20 जनवरी को भायंदर (वेस्ट) स्थित अग्रवाल ग्राउंड,तेरापंथ हॉल के पास सुबह 7 से 9 बजे तक दि पॉवर ऑफ चोइसेस पर उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करेगी।दोनों कार्यक्रम में रजिस्ट्रेशन निःशुल्क, लेकिन अनिवार्य है।

WhatsApp के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करने के लिए,मीरारोड के लिए  व्हाट्सएप 919136575265 तथा भायंदर के लिए 9167995250 पर नाम तथा स्थान भेजे।

राजयोगिनी शिवानी बहेन  एक परिचय

अध्यात्मिक संस्था प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरिय विश्‍वविधयालय की शिक्षिका राजयोगिनी शिवानी बहेन को आज  घर घर मे आज पहचाना जाता है l ब्रह्मा-कुमारी (बी.के) शिवानी बहन एक घरेलू नाम बन गई है।  वह 2007 में टेलीविजन श्रृंखला ‘अवेकनिंग विथ ब्रह्मा कुमारिस’ में दिखाई दीं।  बहन ने जीवन मूल्यों, आत्म-प्रबंधन, आंतरिक शक्तियों, रिश्तों में सामंजस्य, कर्म के कानून, उपचार, आत्म-सशक्तिकरण, आत्म-अनुशासन, बीके संगठन के बारे में, आध्यात्मिकता और जीवन जीने की कला पर कई एपिसोड दर्ज किए हैं।  दुनिया भर में कई लोग इस ‘अवेकनिंग श्रृंखला’ से लाभान्वित हुए हैं।

शिवानी बहन की कहानी

शिवानी वर्मा का जन्म 31 मई 1972 को पुना (महाराष्ट्र) में हुआ था। उन्हें विज्ञान में रूचि थी और वह एक अच्छी छात्रा थीं। स्कूली जीवन के बाद, उन्होंने 'पुना विश्वविद्यालय' में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग  का अध्ययन किया। इस समय के दौरान, उनकी माँ ब्रह्माकुमारी के एक स्थानीय राजयोग केन्द्र के संपर्क में थीं। कॉलेज के बाद, उन्होंने विशाल वर्मा से शादी कर ली, जिनके साथ उन्होंने एक सॉफ्टवेयर व्यवसाय शुरू किया। कॉलेज की समाप्ति से पहले, हालांकि, शिवानी बहन अपने स्थानीय बी.के राजयोग केंद्र में भाग ले रही थीं और ब्रह्माकुमारी से जुड़ी हुई थीं।  भगवान का संदेश प्राप्त करने के बाद, उन्होंने अपने पति के साथ पूर्ण ब्रह्मचर्य के साथ रहने का फैसला किया, लेकिन शादी नहीं तोड़ी। शिवानी बहन यही ‘अवेकनिंग श्रृंखला’ पर सिखाती है।​

ब्रह्माकुमारी शिवानी की शिक्षाए
(Quotes of Brahma Kumari Shivani in Hindi)

BKGSU के साथ यात्रा

अपनी मां के व्यवहार और व्यक्तित्व में सकारात्मक अंतर को देखते हुए, शिवानी बहन ने बीके केंद्र में 7 दिन का कोर्स करने का फैसला किया और फिर सप्ताह में एक या दो बार वहां जाना शुरू किया। शिवानी बहन ने तब राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास सीखा, जिस दौरान उन्हें ईश्वर से जुड़ाव महसूस हुआ। धीरे-धीरे उन्हें एहसास हुआ कि वास्तव में भगवान सीधे यहां शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने विज्ञान के ज्ञान का उपयोग यह समझने के लिए किया कि कैसे  निराकार भगवान, एक माध्यम से दुनिया में अपनी भूमिका निभाते है। यह जानकर, वह भी नई दुनिया (सतयुग) लाने के मिशन में शामिल हो गई। इस पर और अधिक जानने के लिए इस पृष्ठ पर 'समाचार' पढ़ें।

वे 1994 तक विश्वविद्यालय की छात्रा थीं और फिर उन्होंने पुना में 3 साल तक भारतीय विद्यापीठ कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। इस अवधि के दौरान, उनकी माँ ब्रह्मा कुमारिस’ में एक नियमित छात्रा थीं। शिवानी ने अपनी मां के स्वभाव में उल्लेखनीय बदलाव देखा। वह बहुत शांत, प्यारी और भावनात्मक रूप से मजबूत हो गई। इससे शिवानी बहन को पास के बीके केंद्र पर जाने की प्रेरणा मिली। पहुंचने पर, उन्हें एक आत्मा (एक आध्यात्मिक सत्ता) के रूप में स्वयं के बारे में बताया गया था। उस केंद्र की बड़ी बहन ने ईश्वर के बारे में इस तरह से समझाया: "सर्वोच्च आत्मा को ईश्वर के रूप में जाना जाता है। वह हमारे प्रिय आध्यात्मिक पिता हैं। हम सभी उनके बच्चे हैं। भगवान कब आएंगे? बेशक, जब दुनिया इसके सबसे निचले चरण में  होगी, दुनिया के पिता को पूरी मानवता का उत्थान करने के लिए आना होगा और सच्चे धर्म को फिर से स्थापित करना होगा। " शिवानी बहन एक आत्मा के रूप में स्वयं के बारे में आश्वस्त थी, लेकिन यह स्वीकार करने में कठिनाई थी कि भगवान वास्तव में आए हैं और ज्ञान दे रहे हैं (जैसे कि मुरली, जो ब्रह्मा-कुमारियों में अध्ययन की जाती है)

शिवानी को बचपन से ही विज्ञान मे रूचि थी।  इसके कारण वो भगवान का अवतरण हुआ है - यह जान, इस बात का विरोध उनकी लौकिक माता के साथ करती थी l यह पहले पहले की बात हैl  फिर जब राजयोग के अभ्यास द्वारा उनको शांति और शक्ति का, वा परमात्म मिलन का अनुभव हुआ, तो शिवानी बहेन ने ज्ञान मे भी रूचि दी और समझा l

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम