कुक्षी में बाल तपस्वीयो का हुआ बहुमान व वरघोड़ा

दो दिवसीय तपोत्सव हुआ संपन्न


कुक्षी
/ धर्मधरा सुरपुरी कुक्षी नगर के जैन समाज के छोटे छोटे बच्चों व महिलाओ ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया । गुजरात के शत्रुंजय तीर्थ पर नवाणु यात्रा (99 यात्रा) पूर्ण कर रविवार का रात्रि में कुक्षी पधारे । नगर के सुतार मोहल्ला से तपस्वियों का भव्य स्वागत किया गया व रात्रि में गुलाल से होली भी खेली गई । 

सोमवार को महिला मंडल द्वारा पूजन पढाई गई पश्चात स्वामीवात्सल्य हुआ रात्रि में महिलाओ द्वारा 24 तीर्थंकरो की स्तुति में चोवीसी गान कर स्मरण किया गया । मंगलवार को समाज जनो द्वारा तपस्विओ के बहुमान में नगर के आनंद गंज मंडी से विशाल शोभा यात्रा निकाली जिसमे 25 तपस्वियों को 12 बग्घियों में बैठा कर नगर के प्रमुख मार्ग से निकाला गया नगर में विभिन स्थानों पर तपस्वियों का नगर जनो ने स्वागत किया गया। 

शोभा यात्रा में बेंड बाजे ढोल तासे आकर्षण का केन्द्र रहे व परिजनों ने नाट्य नाटको से शोभा यात्रा उत्साह बढ़ाया। शोभा यात्रा का समापन बड़ा मंदिर स्थित सभा स्थल पर हुआ जहां पर तपस्वियों का जैन श्री संघ द्वारा बहुमान किया।तपस्वियों के अनुमोदना एवं नवाणु यात्रा को उल्लेखित करते हुवे श्री संघ अध्यक्ष संघरत्न मनोहरलाल पुराणिक ने बताया कि आदेश्वर प्रभु की आराधना में उक्त नवाणु यात्रा महत्वपूर्ण है। ऐसी भीषण गर्मी में कुक्षी नगर के नन्हे तापस्विओ ने सविधि निर्विघ्न पूर्ण कर कुक्षी नगर को गौरवान्वित किया है।

वचन सिद्ध आचार्य श्रीमद विजय जयंतसेन सुरीश्वर जी म सा द्वारा अलंकृत कुक्षी धर्मधरा को तापस्वियों की भूमि बताया था।इन नोनिहालो कि तपस्या से यह साबित हुआ है । वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद विजय नित्यसेन सुरीश्वर जी म सा ने तपस्वियों को अपने संदेश में धर्म लाभ देते हुवे आशीर्वाद दिया। यह जानकारी जैन श्री संघ मीडिया प्रभारी स्वस्तिक जैन ने दी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम