नव्वाणु यात्रा अनुमोदनार्थ दो दिवसीय महोत्सव

आराधकों का सम्मान व वरघोडा          


मनावर -
 नव्वाणु यात्रा के अनुमोदनार्थ नगर मे  पुण्य सम्राट राष्ट्रसंत श्रीमद् विजय जयंतसेन सूरिश्वरजी महाराजा के पट्टधर गच्छाधिपति श्री विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी म.सा. आचार्य श्री विजय जयरत्न सूरीश्वरजी म सा की आज्ञानुवर्ति साध्वीश्री विज्ञानलता श्रीजी आदि ठाणा 2 की निश्रा  व  विशेष सानिध्य- परम पूज्य आचार्य श्री नवरत्सागर सूरीश्वरजी  की कृपा प्राप्त युवा हृदय सम्राट प. पू. आचार्य श्री विश्वरत्नसागर सूरीश्वरजी म सा आदि ठाणा के सानिध्य मे लाभार्थी भंडारी परिवार द्वारा नव्वाणु यात्रा करने वाले आराधको के अनुमोदना करने हेतु दो दिवसीय महोत्सव रखा जिसमे परिवार सहित आस पास के सभी नव्वाणु आराधको का सामूहिक भव्याति भव्य वरघोडा 2जून को नगर के प्रमुख मार्गो से निकलेगा। सांसारिक जीवन मे रहते हुवे जीभ रसना का स्वाद छोड़ना व परिवार से दूर रहकर धर्म आराधना करना हर किसी के लिए आसान नही होता है। 

मनावर भंडारी परिवार के सबसे कम उम्र का मास्टर जैनम अभिषेक भंडारी मात्र 5वर्ष छ माह की आयु, कु जयति अभिषेक 7वर्ष छ माह कीआयु ,कु मति अभिषेक 14वर्ष की आयु ,कु लब्धि सचिन 13वर्ष की आयु व सौ.वर्षा अभिषेक भंडारी ने विंशति स्थानक तप एंव तलहटी की नवाणु यात्रा आराधिका पुष्पा सुभाष भंडारी के मार्गदर्शन व देखरेख में 45 दिन घर परिवार से दूर रहकर कठोर तप, उपवास और अन्य तपस्या के साथ  नव्वाणु यात्रा जैन तीर्थ पालिताणा तीर्थ (गुजरात) की यात्रा पूर्ण की। उनके नगर आगमन पर  1जून को सुबह जिनदर्शन एंव स्नात्र पूजा दोपहर श्री नव्वाणु प्रकारी पूजा सायकाल समाज जन का स्वामीवात्सल्य व बाद मे एक शाम श्री शत्रुंजय गिरीराज के नाम मशहूर गायक विपीन पोरवाल व अदिति कोठारी के साथ दादावाडी पर भव्य भजन , द्वितीय दिवस 2 जून को सुबह  8 बजे विशाल वरघोडा श्री शंखेश्र्वर पार्श्वनाथ मन्दिर मालवी चौपाटी से प्रारंभ होकर धर्मसभा मे परिवर्तन होगा वही पर भंडारी परिवार द्वारा बाहर से पधारे सभी नव्वाणु आराधको  का बहुमान किया जावेगा बाद मे साधर्मिक वात्सल्य (भोजन )सभी कार्यक्रम दादावाडी धार रोड पर होगे। जिसका बाद मे पारस चेनल पर प्रसारण होगा।नव्वाणु यात्रा गुजरात राज्य के पालीताणा नगर मे श्री शंत्रुजय महातीर्थ में गिरिराज पर्वत पर हमारे दादा आदिनाथ भगवान विराजमान हैं जो कि एक शाश्वत तीर्थ है जहां की छठ यात्रा और नवाणु यात्रा करने से हमारे कई आने वाले भवों का कल्याण हो जाता है

नव्वाणु यात्रा के संदर्भ में 

वर्तमान में जहाँ 42 से 46 डीग्री का भीषण तापमान है ऐसे के हजारों नन्हे नन्हे बच्चे अपनी ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में नवाणु यात्रा के लिए पूर्ण संकल्पित है और संस्कार समूह के माध्यम से उस पूरा करने के लिए लगभग 45-60 दिनों में अपनी इस यात्रा को पूर्ण करेंगे,

भीषण गर्मी में केवल गर्म पानी(वो भी सुबह 7 से शाम 6 बजे तक) केवल एक वक्त का भोजन(वो भी एक जगह बैठक पर) करना होता है और इसमे इन्हें पालीताणा स्थित गिरिराज पर्वत की एक यात्रा जिसमे 3500 सीढियां चढ़ना ओर 3500 सीढ़िया उतरना होती है वो भी नंगे पैर से ओर ऐसी यात्रा प्रतिदिन 2-3 करना होती है,जो की 45 दिनों में 108 यात्रा प्रत्येक बच्चे को पूर्ण करने होती है इसे नवाणु यात्रा कहा गया है।

इतना ही नही केवल यात्रा ही नही बल्कि इसके अलावा बच्चो को संस्कार के लिए प्रतिदिन प्रवचन व्याख्यान,प्रतिदिन प्रतिक्रमण(धार्मिक क्रिया) के साथ स्वयं के कपड़े धोने से लेकर कई जिंदगी के अनुभव से वाकिब होना होता है। यू कहें कि जिंदगी को सही मायने में जीने की कला से परिपूर्ण दक्ष होने की एक पूर्ण यात्रा है। "नव्वाणु यात्रा"

ब्रजेश बोहरा / नागदा

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