जीएसटी मुद्दों का समाधान करेगी केंद्र सरकार :- डॉ भागवत कराड

व्यापारियों ने की वित्त राजयमंत्री से मुलाकात 


मुंबई :- 
चैंबर ऑफ़ एसोसिएशन एंड ट्रेड (CAMIT) के साथ बॉम्बे मेटल्स एक्सचेंज और मेटल्स रिसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के प्रतिनिधि मंडल ने जीएसटी व अन्य समस्याओं को लेकर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत कराड से मुलाकात की।डॉ कराड ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि वे जीएसटी के मुद्दों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उन्हें विशवास हैं कि धारा 16 (2) (सी) में संशोधन की जरुरत हैं,क्योंकि निर्दोष करदाताओं को अनावश्यक अनुपालन का बोझ नहीं होना चाहिए ।  

मुंबई में हुई इस बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ दीपेन अग्रवाल व चैयरमेन मोहन गुरनानी एवम बॉम्बे मेटल एक्सचेंज के अध्यक्ष संदीप जैन ने वित्त राज्य मंत्री को केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम (सीजीएसटी अधिनियम) की धारा  16 (2) के कारण होनेवाली समस्याओं के बारे में बताया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि,वस्तु एवं सेवा कर को लागु करने के संबंध में समय समय पर उठाए गए व्यापारिक समुदाय की चिंताओं को दूर करने में सरकार द्वारा दिखाई गई संवेदनशीलता की प्रशंसा की।सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 16 (2) (सी) के प्रतिकूल प्रभावों पर डॉ अग्रवाल ने कहा कि,यह जीएसटी कानूनों के सबसे कठोर और डरावने प्रावधानों में से एक हैं और यह ईमानदार करदाताओं के लिए दुःस्वप्न हैं। इस प्रावधान के अनुसार क्रेता द्वारा कर के भुगतान पर निर्भर हैं,या तो नगद में या उक्त आपूर्ति के संबंध में स्वीकार्य आईटीसी के उपयोग के माध्यम से। उन्होंने कहा कि यह समझ से परे हैं की क्रेता के लिए यह कैसे सुनिश्चित किया जा सकता हैं की उससे वसूला गया कर वास्तव में विक्रेता द्वारा सरकारी खजाने में भुगतान किया गया हैं या नहीं। 

मोहन गुरनानी ने कहा कि,सरकार को नौकरशाहों से पूछना चाहिए कि क्या खरीददार के हाथ में यह जान्ने के लिए कोई तंत्र या मॉड्यूल है की विक्रेता ने कर का भुगतान किया हैं या उसका आयीटीसी स्वीकार्य हैं। क्या खरीददार को यह सुनिश्चित करने के लिए  कोई क़ानूनी अधिकार दिया गया हैं। क्या क्रेता कर का भुगतान न करने के लिए विक्रेता पर मुकदमा कर तत्काल न्याय प्राप्त कर सकता हैं।प्रतिनिधि मंडल ने वित्त राज्य मंत्री से गैर -धातु के लिए नीति तैयार करने का अनुरोध किया,ताकि परिपत्र अर्थव्यवस्था के उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके।

रिकब मेहता ने कहा कि, भारत को कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए रीसाइक्लिंग नीति तैयार करके अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की जरुरत हैं। अलोह पुनचक्रण उद्योग की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा की सभी अलोह धातुओं के कुल उत्पादन में औसतन 35-40% योगदान,25 हजार सूक्ष्म,लघु और माध्यम इकाईयां 20 लाख से अधिक व्यक्तियों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रोजगार दे रही हैं। लगभग 30%कार्यबल कुशल महिलाएं हैं,जो स्क्रेप मेटल सॉर्टिंग में विशेषज्ञ हैं। लगभग शून्य अपशिष्ट निर्वहन है और अयस्क की कमी के माध्यम से प्राथमिक उत्पादन की तुलना में कार्बन पदचिह्न लगभग 5-10% है। 

संदीप जैन ने डॉ. कराड को सूचित किया कि नीति आयोग ने अप्रैल 2022 में रीसाइक्लिंग उद्योग के लिए एक परिपत्र अर्थव्यवस्था नीति की सिफारिश की है। सर्क्युलर अर्थव्यवस्था पर सरकारों की पहल के संबंध में एक ऐसी नीति बनाने की तत्काल आवश्यकता है जो स्क्रैप एग्रीगेटर्स को असंगठित से संगठित क्षेत्र में स्थानांतरित करने में सक्षम बनाएगी। 

हेमंत पारेख ने कहा कि संक्रमण की सरहाना करने के लिए जीएसटी और आयकर कानूनों के प्रावधानों में ढील देने की जरुरत हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि अपंजीकृत डीलर से खरीदे गए स्क्रैप को टीडीएस और टीसीएस के प्रावधानों से छूट दी जानी चाहिए। जीएसटी के तहत कर लगाया जाना चाहिए, लेनदेन के पहले चरण में यानी अपंजीकृत डीलर से रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) के माध्यम से खरीद पर स्क्रैप एग्रीगेटर के मामले में टर्नओवर की सीमा 40 लाख से बढ़ाकर 60 लाख की जाए। यदि से चूककर्ताओं के खिलाफ समयबद्ध कार्रवाई करने में विफल रहते हैं तो क्षेत्राधिकारी अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। चूककर्ताओं का शीघ्र पता लगाने के लिए प्रणाली तैयार की जानी चाहिए। 

संस्था के मितेश प्रजापति ने आभार व्यक्त किया।प्रतिनिधि मंडल में बॉम्बे मेटल एक्सचेंज के अध्यक्ष संदीप जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुशील कोठारी महेंद्र मेहता, पूर्व अध्यक्ष रिकब मेहता हेमंत पारेख, निदेशक अतुल गोयल के अलावा एम आर ए आई के श्रवण अग्रवाल और प्रमोद शिंदे उपस्थित थे।












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