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सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रेलवे प्रवासियों को मास्क का वितरण

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  रक्तदान  शिविर 2 अक्टूबर को  भायंदर रक्तदान महादान रक्तदान केम्प देवासी राईका समाज सेवा संस्था के तत्वावधान में मीरा-भाईंदर एंड रेलवे सुरक्षा बल भायंदर (पूर्व) (RPF) व युथ सोशल वेलफेयर एसोसिएशन (युथ फोरम)  द्वारा संयुक्त रूप से से दिनांक 2 ऑक्टोम्बर 2020 शुक्रवार ( गांधी जयंती ) को सुबह  10 बजे से दोपहर 3 बजे तक , रक्तदान शिविर का आयोजन भायंदर (पूर्व ) रेलवे लोकल टिकिट बुकिंग विंडो के पास किया गया हैं.  समस्त बंधुओ को बड़े हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि इस शिविर का आयोजन पश्चिम रेलवे द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छ भारत अभियान के तहत किया जा रहा हैं. देवासी समाज ने सभी बंधुओं से रक्तदान करने का आवाहन किया हैं हैं. रक्तदान करनेवालों को उपहार भी दिया जायेगा. वर्तमान समय में वैसे भी रक्त की कमी को देखते हुए रक्तदान ज्यादा से ज्यादा संख्या में करें.जो भी व्यक्ति 18 साल के ऊपर है और सम्पूर्ण रुप से हष्ट पुष्ट स्वस्थ है वो लोग अपना रक्त दान कर सकते है ।शिविर में भारतीय रेल प्रवासी व उज्जवल भारत न्यूज़ चॅनेल का भी सहयोग हैं.  ज्ञात ही इसके पहले संस्था की और से आरपीएफ को ग्लव्स व कोलगेट व प्रवास

कई एक्सप्रेस ट्रेनों को जबलपुर से चलाने की मंजूरी

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स्पेशल ट्रैनों के रूप में संचालित किया जायेगा जबलपुर :- अंतत: 6 माह से अधिक समय से बंद जबलपुर से प्रारंभ होने वाली या यहां से निकलने वाली महत्वपूर्ण गाडिय़ों जबलपुर-लखनऊ-जबलपुर चित्रकूट, भोपाल-दुर्ग-भोपाल अमरकंटक एक्सप्रेस, जबलपुर-हावड़ा-जबलपुर शक्तिपुंज, जबलपुर-सोमनाथ-जबलपुर व जबलपुर-मुंबई-जबलपुर गरीब रथ को चलाने की मंजूरी दी गई है.  इन ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन के रूप में संचालित किया जायेगा, इसको चलाने की तारीख शीघ्र पमरे प्रशासन घोषित करेगा. पश्चिम मध्य रेलवे की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्रीमती प्रियंका दीक्षित ने बताया कि रेलवे बोर्ड के द्वारा पश्चिम मध्य रेलवे से पांच स्पेशल गाडिय़ों को चलाने की मंजूरी दी गई है. जिसके अंतर्गत स्पेशल गाडिय़ां 01447-01448 जबलपुर-हावड़ा-जबलपुर शक्तिपुंज स्पेशल ट्रेन, 01464-1463 जबलपुर-सोमनाथ -जबलपुर वाया इटारसी और 01465-01466 जबलपुर-सोमनाथ-जबलपुर वाया बीना स्पेशल ट्रेन, 02187-02188 जबलपुर-सीएसएमटी-जबलपुर, गरीबरथ स्पेशल ट्रेन, 02853-02854 भोपाल-दुर्ग-भोपाल अमरकंटक स्पेशल ट्रेन, 05205/05206 जबलपुर-लखनऊ-जबलपुर स्पेशल ट्रेन चलेगी. यह सभी गाडिय़ां स्पेशल ट्रेन क

36 कॉम के प्रवासियों के लोकप्रिय संत सौभाग्य मुनि देवलोक

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जैन समाज को अपूर्णीय क्षति प्रवासी एकता.कॉम मुंबई से लेकर मेवाड़ तक न सिर्फ स्थानकवासी समाज बल्कि 36 कॉम के प्रवासियों के लोकप्रिय संत सौभाग्य मुनि जी महाराज का देवलोक गमन बेहद दुखद है. गुरुदेव ने मेवाड के श्रावको में सामाजिक एकता का जो बीजारोपण किया, उसी का नतीजा है कि मुंबई में मेवाड़ के प्रवासियों की हैसियत अलग दिखती है. गुरुदेव का सपना था कि मुंबई में मेवाड़ के प्रतीक के रूप में एक धरोहर स्थापित हो, जिसे उनके गुरु भक्तों ने साकार कर दिया गोरेगांव का मेवाड़ भवन युगो युगो तक सौभाग्य मुनि महाराज की याद दिलाएगा। उनकी ही प्रेरणा से अंधेरी में मेवाड़ छात्रावास लगभग बनकर तैयार है. शायद नियत को हॉस्टल का उद्घाटन गुरुदेव को देखना स्वीकार नहीं था. गुरुदेव अब नहीं रहे, लेकिन उनकी यादें, निशानियां, उनके बोले बचन उनके द्वारा प्रतिपादित सामाजिक एकता सदा बनी रहेगी। थे तो वे जैन संत लेकिन उनकी नजर सभी कौम पर रहती थी. 15 साल पहले गुरुदेव की ही प्रेरणा से मुंबई में मेवाड़ महोत्सव शुरू हुआ, जिसकी वे रिपोर्ट लिया करते थे. उन्हें कार्यक्रम होने से पहले तक पूरी सूचना गति प्रगति की रिपोर्ट से अवगत कराया

विमलसागर महाराज साहब इरोड़ जिले में पहुंचे.

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प्रशासन ने किए सुरक्षा के प्रबंध इरोड:- परम पूज्य आचार्य श्री विमलसागर सूरीश्वरजी महाराज साहब कोयम्बतूर और तिरुपुर जिले को पार कर इरोड़ जिले की सीमा में पहुंचे. कोयम्बतूर जिले में प्रोटोकॉल ऑफिसर रफीकजी ने और तिरुपुर जिले में प्रोटोकॉल ऑफिसर रविकुमार ने सुरक्षा आदि के प्रबंध किये. वे अपनी टीम के साथ विहार में साथ चले. जैनधर्म के मौलिक सिद्धांतो को लेकर उनके साथ पूज्य गुरुजी के अनेक वार्तालाप हुए. आचार्यश्री ने उन्हें अहिंसा, शाकाहार और कर्मवाद के बारे में विस्तार से समझाया.  चिकित्सा हेतु इस अपवाद-विहार में उनके कारण अनेक अजैन लोग गुरुजी के परिचय में आये और प्रेरणाएं प्राप्त की.  तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में अजैन लोगों के मन में जैनधर्म के प्रति अहोभाव जगाने के लिये योजनाबद्ध काम हो सकता है. Nayi Soch, Sahi Disha की प्रस्तुति

एक गरिमामयी राजनीतिक सितारे का अवसान

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जसवंत सिंह विराट व्यक्तित्व के राजनेता थे  -निरंजन परिहार जसवंत सिंह चले गए। वर्तमान राजनीति के सबसे बुद्धिजीवी और प्रखर राजनेता थे। अटलजी की सरकार में वित्त ,  विदेश और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय इस भूतपूर्व सैनिक ने कोई यूं ही नहीं संभाल लिए थे। लेकिन राजनीति का दुर्भाग्य देखिए कि बीजेपी की स्थापना में जिनकी अहम भूमिका रही ,  जीवन भर बीजेपी में जिन्होंने औरों की उम्मीदवारियां निर्धारित की ,  उसी बीजेपी में 2014 की मोदी लहर में उनके घोषित अंतिम चुनाव में भी टिकट काट दिया। और यह हद थी कि अटलजी ,  आडवाणीजी व बीजेपी के खिलाफ बकवास करनेवाले सोनाराम को कांग्रेस से लाकर बीजेपी से लड़ाया गया। निर्दलीय जसवंत सिंह चुनाव हारे ,  जीवन से भी हारे और गंदी राजनीति से भी। भले ही कुछ लोगों की आत्मा को जीते जी शांति मिल गई। लेकिन समूचे देश को निर्विवाद रूप से जिन नेताओं पर गर्व और गौरव होना चाहिए ,  उस गरिमामयी राजनीति के सर्वोच्च शिखर पर जसवंत सिंह का नाम चमकीले अक्षरों में दमक रहा है। जसवंत सिंह प्रभावशाली थे, शक्तिशाली भी और समर्थ भी। वे आदमकद के आदमी थे। राजनीतिक कद के मामले में उनको विराट व्य

दिव्यांग शिखा जैन ने रंगों के माध्यम से उकेरी अपनी अनूठी कला

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आचार्य विद्यासागर जी सहित अनेक कलाकृति बनायी है अभिषेक जैन लुहाडिया / रामगंजमंडी   हरेई :- ईश्वर  जिसको चाहे उसको हुनर से नवाज देता है चाहे वह बोलने मे असमर्थ हो या सुनने मे अगर ईश्वर एक द्वार छीन लेता है तो दूसरा खोल देता है और अनेक प्रतिभाए विकसित कर देता है ऐसी है अनुपम प्रतिभा की  धनी 12 वी कक्षा की ओर मुकबधिर शिखा जैन जो तेंदूखेड़ा  विकासखंड के हरुई ग्राम में रहती है। शिखा जैन  के  हाथों में अनुपम कला है शिखा की बनायी कलाकृति बहुत ही सुंदरतम लगती है। शिखा के पिता श्री सुशील सिंघई ने ग्रामजन अपने आवास मे बुलाकर शिखा की बनायी हुई कलाकृति दिखाई।  शिखा के द्वारा कुंडलपुर मन्दिर मे स्थित भगवान महावीर जी की हुबहु कलाकृति बनाई और शेर के चिन्ह भी हुबहु बनाए जा चुके है। इसज अलावा  इनके द्वारा राधा कृष्ण के प्रेम को दर्शाती हुई सुंदर कलाकृति बनाई गई है। शिखा द्वारा इन कलाकृतियों में एक्रेलिक रंग का उपयोग किया है. शिखा द्वारा आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज सहित अनेक कलाकृति बनायी है।     शिखा के दादा  दीपचंद सिंघई बताते है कि यह कलाकृति इसने स्वयं ही बिना किसी मदद के बनाई है। उन्होनें कहा

मुसीबतों में परिवार के लोग ही साथ देते है :- निर्भय सागर

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परिवार एक मित्र की तरह होना चाहिए दमोह :- आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने कहा कठिन परिस्थितियो, दुख दर्द एवं मुसीबतों में परिवार के लोग ही साथ देते है। इसलिए परिवार वालो से अच्छे व्यवहार को बनाकर रखना चाहिए। परिवार एक मित्र की तरह होना चाहिए, परिवार वालो से रुखा व्यवहार नही करना चाहिए। आपसी वाद विवाद लड़ाई झगडे निंदा आलोचना एवं शिकायत का कार्य परिवार वालो के बीच नही होना चाहिए, गलत नज़रिया परिवार को उखाड़ देता है परिवार वालो में हमेशा लचीलापन रखना चाहिए। आवेग मे आकर कोई कार्य नही करना चाहिए। आपसी समायोजन, समझौता, सहजता, सरलता जिस परिवार मे होती है। उस परिवार में सदा शान्तिं बनी रहती है।       आचार्य ने कहा जिस परिवार में आपसी सामंजस्य एवं मित्रवत व्यवहार है, वह परिवार एक मंदिर है। उन्होंने कहा पशु पक्षी भी भोजन मिलने पर अपने साथियों को आवाज़ देते है, जैसे कौवा को जब भीभोजन मिलता है, तब वह आवाज़ देकर अपने साथियों को बुला लेता है। चिड़िया भी अपनी चोंच में दाना चुग कर लाती है और अपने बच्चो को खिलाती है। जव पशु पक्षी भी इतनी चिंता करते है तो हम इंसान होकर अपने परिजनों की चिंता जरूर करे।    

करुणा के अभाव में मनुष्य मृत के समान है :- पुलक़ सागर

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 दया  के अभाव मे मोह का ताला खुलता नही अभिषेक जैन लुहाडीया / रामगंजमंडी बांसवाड़ा :- आचार्य श्री पुलक़ सागर जी महाराज ने कहा कि करुणा ह्रदय का स्पंदन है, दिल की धड़कन है। ह्रदय के अभाव मे मनुष्य मृत है। वीणा में संगीत उसके तारो में पैदा होता है और मनुष्य के अंदर संगीत करुणा के तारों से पैदा होता है। जिस जीवन के पास से ह्रदय खो जाता है वह जीवन क्षीण हो जाता है,फिर उसके पास जो भी सत्य है, जो भी श्रेष्ट है जो भी उत्तम है वह सब मर जाता है। अगर आप चाहते है कि आपके जीवन में परमात्मा रूपी कोई  संगीत पैदा हो सत्यम शिवम सुंदरम जीवन में प्रविष्ट हो तो बिना करुणा के तारों को वापस संजोए और कोई रास्ता नहीं है।   उन्होंने कहा करुणा के अभाव में परम परमात्मा का द्वार नही मिलता। करुणा के अभाव मे मोह का ताला खुलता नही। करुणा मन्त्र है ह्रदय की वीणा को संगीत पूर्ण बनाने का। अगर हम करुणा को भली भांति जानते है तो जीवन में कुछ और जानना शेष नही रह जाता।  

अपना लहू अपनो के काम आया

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जैन परिवार के युवक ने पेश की मिसाल कोटा:- तलवंडी निवासी 28 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमन पाटनी ने अपने 78 वर्षीय दादा सुरेश पाटनी के लिए महाराव भीम सिंह ब्लड बैंक में प्लाज़्मा डोनेट किया। पाटनी परिवार के अधिकांश सदस्य माह के प्रथम सप्ताह में कोरोना संक्रमित हो गए थे. कुछ ही दिनों बाद अमन के पिता मनोज पाटनी और सेवानिवृत बैंक मैनेजर दादा सुरेश पाटनी भी  कोरोना पॉजिटिव हो गए जिन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.चिकित्सकों ने उनकी  फ़ास्ट रिकवरी के लिए परिजनों को बताया कि बी पॉजिटिव रिकवर प्लाज़्मा की जरूरत होगी।  अमन जैन पाटनी ने अपने पिता के मित्र पंकज सेठी से कहा कि मैं स्वयं दादा जी के लिए अपना भी पोज़िटिव  प्लाज़्मा डोनेट करना चाहता हूँ।पंकज सेठी और ह्युमन हेल्पलाईन के मनोज अदिनाथ और सुनील गोयल ने ब्लड बैंक प्रभारी से सम्पर्क साधा और अमन पाटनी के ब्लड का सैंपल दिया। अमन के ब्लड में कोविड़ एंटी बॉडी मौजूद होने के कारण उसका सैंपल पास हो गया और प्रभारी हरगोविंद मीणा ने डोनेशन कार्य में मदद की। अमन पाटनी के साथ पूरी प्रक्रिया में उनका छोटा भाई शुभम पाटनी भी साथ रहा इस मौके पर दोनों के पिता

श्री विजय वल्लभ सार्वजनिक हॉस्पिटल को वेंटिलेटर

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कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य लाभ में सबसे आग रोटरी क्लब ऑफ बड़ौदा कलानगरी का कार्यक्रम बड़ौदा :- शहर के श्री विजय वल्लभ हॉस्पिटल  ने Covid - 19 के 400 मरीजों को स्वस्थ किया जिनमें 150 मरीज जैन समाज के थे ।श्री विजय वल्लभ हॉस्पिटल में सबसे सस्ते दरों पर मरीजों के इलाज किये गए और किये जा रहे हैं. इस हॉस्पिटल की स्थापना पचास वर्ष पूर्व इसी बड़ोदा भूमि के रत्न , पंजाब केसरी जैनाचार्य गुरु वल्लभ के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में गुरु समुद्र सूरि जी म.सा.के आशीर्वाद से परम गुरुभक्त श्री शांतिचन्द्र भगु भाई झवेरी के कुशल नेतृत्व में जनसेवार्थ की गई थी । शहर के मध्य में होने से और बड़ा ही किफायती होने से यह हॉस्पिटल विशेषकर सामान्य तथा गरीब जनता के लिए वरदान स्वरुप है । गुरु वल्लभ के अदृश्य तथा गच्छाधिपति आचार्य श्री नित्यानंद सूरि जी म.के प्रत्यक्ष आशीर्वाद से यह हॉस्पिटल सच मे मानवता का मंदिर बना हुआ है। जब चारों तरफ कोरोना का कहर बरस रहा है तथा कितने ही हॉस्पिटल्स में मरीजों के इलाज के बहाने धन लूटा जा है ऐसे में विजय वल्लभ हॉस्पिटल ने कम दरों पर बेहतर सुविधाएं प्रदान करते हुए सैंकड़ों कोरोना म

अपने ही गुणों पर ध्यान केंद्रित करें :- संत बालकदास

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पाटेश्वर धाम में प्रतिदिन ऑनलाइन सत्संग आनंदमय और सुखमय अद्भुत ऑनलाइन सत्संग का आयोजन पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास जी द्वारा प्रतिदिन अपने सीता रसोई संचालन ग्रुप में प्रातः 10:00 से 11:00 बजे और दोपहर 1:00 से 2:00 बजे किया जाता है जिसमें सभी भक्त जुड़कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त करते हैं   सत्संग परिचर्चा में दाताराम साहू रायपुर ने पूछा कि वर्ष में चार महारात्रीया होती हैं ? पहला मोह रात्रि अर्थात जन्माष्टमी,दूसरा कालरात्रि अर्थात नरक चतुर्दशी,तीसरा दारुण रात्रि अर्थात होली एवं और चौथी अहो रात्रि अर्थात शिवरात्रि इसपर बाबाजी ने बताया कि, हमारे हिंदू धर्म में चार ऐसे पर्व है जिनका महत्व रात्रि में है, कृष्ण जन्माष्टमी को रात के 12:00 बजे पूर्णता भजन कीर्तन ढोल नगाड़ों के साथ श्री कृष्ण के आगमन के उत्सव में पूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, उसी प्रकार नरक चतुर्दशी की रात्रि का महत्व है इस दिन माता लक्ष्मी की सभी रूपों को विभिन्न विधि विधान से पूजन किया जाता है एवं विभिन्न तांत्रिक विधियां भी की जाती है एवं पूरी रात्रि माता की उपासना स्तवन,जप,तप उन्हें प्रसन्न करने के लिए

चन्द्रानन सागरसूरीश्वरजी पर सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी सम्पन्न हुई

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दर्शन वंदन को ना पधारे मुंबई:- राष्ट्र संत, परम् पूज्य आचार्य देव श्री चन्द्रानन सागरसूरीश्वरजी म.सा.की आज 25 सितम्बर 2020 को एच. एन. रिलायंस हॉस्पिटल, प्रार्थना समाज, मुम्बई में डॉ. निमित शाह व डॉ. विनोद सिरोया के निर्देशन में सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी सम्पन्न हुई। फिलहाल गुरूदेव आई.सी. यू.कक्ष में आराम कर रहे हैं।शनिवार को उन्हें बाहर रूम में शिफ्ट किया जाएगा।गुरुदेव का स्वास्थ्य एकदम ठीक है, covid 19 रिपोर्ट भी नेगेटिव हैं। किसी भी अन्य सूचनाओं पर ध्यान न दे। सभी धर्मप्रेमी गुरुभक्तों से विशेष आग्रह है कि *कोई भी दर्शन वंदन हेतु नही पधारे। अगले 2/3 दिनों में गुरुदेव हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो जाएंगे। सभी को गुरुदेव ने आशीर्वाद व धर्मलाभ प्रेषित किया हैं।यह जानकारी श्री नाकोड़ा भैरव दर्शन धाम महातीर्थ के अध्यक्ष कांतीलाल पी. शाह(अंशा ज्वेलरी, मुम्बई) ने दी।

जैन धर्म में अहिंसा सर्वोपरी है :- समता सागर

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  पिछि दिगंबर मुनियों की पहचान हैं  विदिशा (मध्यप्रदेश ):- जैन परंपरा में अहिंसा सर्वोपरि है,इसलिये अहिंसा को परमोधर्म कहा गया है, राग का अभाव ही वीतरागता है,एवं यह इंसान को अहिंसक बनाता है। अहिंसा से ही सभी जीवों में समभाव की भावना आती है,उपरोक्त उदगार मुनि श्री समतासागर जी महाराज ने शीतलधाम में आयोजित ओन लाईन जैन तत्ववोध की कक्षा को संबोधित करते हुये कहे.उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुये कहा कि जो विद्यार्थी परीक्षा की जिंदगी जीता है, वही जिंदगी की परीक्षा  में सफल होता है जो सन्यासी दीक्षा लेकर अपनी समीक्षा स्वं करते है, वह ही जिनशासन की प्रभावना कर पाते है। मुनि श्री ने कहा कि एक साधक मंत्रों और साधना के माध्यम से स्वंय की रक्षा तो करते ही है, साथ ही संपूर्ण राष्ट्र के प्रति भी उनकी सदभावना रहती है। उन्होंने कहा कि जीव रक्षा के निमित से पिच्छिका एक मुनिराज के पास 24 घंटे साथ में रहना आवश्यक है। यह दिगंबर मुनियो की पहचान है। उन्होंने कहा कि यह संयम का उपकरण है, यह भले ही वजन में हल्की है, लेकिन इसको उठाने के लिये मजबूत हाथों की आवशकता होती है। मुनि श्री ने प्रश्न के उत्तर में कहा

क्रोध से बचने के लिए हर परिस्थिति का सामना शान्तिं से करे :- कुंथु सागर

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  आत्म निरीक्षण करे अभिषेक जैन / लुहाडीया रामगंजमंडी  सागर (मध्यप्रदेश ) :- मुनि श्री कुंथुसागर जी महाराज ने कहा व्यक्तित्व के विकास में अवरोधक बनता है तो क्रोध बनता है। क्रोध से व्यक्तित्व का हास होता है। क्योंकि क्रोध घर परिवार  जीवन को नरक बना देता है। उन्होंने कहा व्यक्तित्व विकास तो स्वर्ग की और ले जाने वाला है। आशय स्पष्ठ करते कहा जहां सह्रदयता,प्रेम, वात्सलय, क्षमा दया हो। यह अपने आप में व्यक्तित्व विकास के महत्वपूर्ण तत्व होते है। क्रोध क्या है यह जानना आवश्यक है।  क्रोध का अर्थ है प्रतिकूल स्थिति में आने वाला आवेग। जब हमारे जीवन मे प्रतिकूल परिस्थिति बनती है तो आवेग आ जाता है उसे क्रोध कहते है। इससे बचना बहुत जरूरी है।इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है प्रतिकूल परिस्थितियो मे मनः स्थिति को एक साथ बनाए रखे। जिसकी मन की स्थिति एक सी बनी रहती है। वह क्रोध का निमित्त बनता है तो अविरल रूप से बच जाता है। अतः प्रत्येक  परिस्थिति का सामना शान्तिपूर्वक ढंग से करे। दूसरा उपाय आत्म निरीक्षण करे। और विचार करे क्रोध करने से हमारे लिए क्या लाभ है? क्या हानि है। कुछ लॉग कहते है क्रोध करने से

प्रार्थना शब्दात्मक है और ध्यान मौन है :- पुलक सागर

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प्रार्थना में प्रार्थी होता है, लेकिन ध्यान में कोई नही होता अभिषेक जैन / लुहाडिया रामगंजमंडी बांसवाड़ा :- आचार्य श्री पुलक़ सागर जी महाराज ने अपने उदबोधन में कहा प्रार्थना और ध्यान में बहुत अंतर है। प्रार्थना प्रवृति आत्मक है और ध्यान निवृति आत्मक है। वही ध्यान में भी मौन समर्पण होता है। ध्यान मे सब कुछ छूट जाता है, सब शास्त्र छूट जाते है, सब धर्म छूट जाता है, वहा न कोई हिन्दू है, ना मुसलमान, वहां जैन जैन नही होता, मात्र एक ध्याता होता है। आत्मा का सवेदन होता है। प्रार्थना में प्रार्थी होता है लेकिन ध्यान में कोई नही होता। ध्यान में तो मन भी नही होता। माँगने वाला मन भी निरोहित हो जाता है। उन्होंने मन तो भीख मंगा है, वह तो सदा ही मांगता रहता है।प्रार्थना मे पुकारना होता है, हाथ जोड़ने पड़ते है, आंखे खोलनी पड़ती है, याचना करनी पड़ती है। लेकिन ध्यान में माँन होना पड़ता है, आसन लगाकर बैठना होता है, आंख बंद रखनी होती है, और उसमे जो सम्रग भाव से मौन होने लगता है तो भीतर अपने आप प्रज्ञा का दिया जलने लगता है। उसकी लो अकम्प होती है। ध्यान स्वयं में स्वयं का किया जाता है, प्रार्थना किसी और की जातौ है।

पालीताणा तीर्थ पर होगा सबसे विषाल प्राचीन ग्रंथालय

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  25 हजार ग्रंथ होंगे संग्रहित   विष्वरत्न सागरसूरीष्वरजी ने किया अवलोकन, जल्द ही होगा लोकार्पण राजगढ़। जैन समाज का अति महत्वपूर्ण पालीताणा तीर्थ एक और इतिहास रचने की ओर अग्रसर हो रहा है। दरअसल, तीर्थ पर करीब 25 हजार से अधिक धार्मिक ग्रंथ से सुसज्जित होने वाला पुस्तकालय बनने जा रहा है। इसके साथ ही तीर्थ पर स्थित तलेटी के ठीक नजदीक बन रही 7 मंजिला इमारत जिसे नवरत्न धाम नाम दिया गया है, में 4 मंजिल पर 96 कमरे और तीन मंजिलों में से भी एक साधु-साध्वी के लिए, एक धार्मिक अनुष्ठान व व्याख्यान हाॅल के लिए और एक मंजिल संघ यात्रियों के लिए निर्मित की गई है।युवाचार्य विष्वरत्न सागर जी ने इस निर्माण का अवलोकन कर जरूरी निर्देष भी दिए। इस धार्मिक भवन का शुभारंभ जनवरी 2021 में होगा। पालीताणा स्थित नवरत्न धाम के प्रमुख ट्रस्टी कौषिक भाई ने बताया कि मालवभूषण तपषिरोमण आचार्य श्री नवरत्न सागर सूरीष्वरजी म.सा.ने यह महसूस किया था कि पालीताणा में मालव क्षेत्र के धर्मावलंबियों को आवास संबंधी समस्या का सामना कई बार करना पड़ता था। इसे ध्यान में रखते हुए आचार्यश्री ने परिकल्पना की थी कि पालीताणा में तलेटी के नजद

' सेक्स वर्कर ' के उपेक्षित-पीड़ित बच्चों , ' गरीब-अनाथ ' नोनिहालों के लिए वरदान साबित हुई ' संपर्क '

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युथ फोरम करेगा साथ मिलकर काम    सुभाष पांडेय / दीपक आर जैन मुंबई। देश भर में ' सेक्स-वर्कर ' के उपेक्षित-पीड़ित बच्चों को, ' गरीब-अनाथ ' नोनिहालों के लिये वरदान साबित हुई ' संपर्क ' राष्ट्रीय स्तर की संस्था। इस सामाजिक संस्था के की शुरूआत सन 1990 में अमितकुमार बनर्जी ने , लता पांडेय, रत्ना बनर्जी के संयुक्त सहयोग से महाराष्ट्र के जिला पूना के समीप लोनावला फेमस ' भाजे मनोरम झील ' के समीप सुंदर वातावरण में उत्कृष्ट भूखंड पर समाज द्वारा पीड़ित, उपेक्षित, गरीब, मजबूर, लाचार बच्चों के रहने, खाने-पीने, शिक्षा-दवा की समुचित व्यवस्था के साथ शुरू की।  ज्ञात हो कि, राष्ट्रीय स्तर की सामाजिक संस्था ' संपर्क ' के उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुवे संस्था के संचालकों को 1998 में  ' नेशनल चाईल्ड अवार्ड ' से भारत के उस समय के राष्ट्रपति महामहिम के. आर.नारायण ने ' सम्मानित एवं पुरुस्कृत ' किया। आज ' नॉन गवर्मेन्ट ऑर्गनाइजेशन ' संस्था ' संपर्क ' कई राज्यों में विधिवत चल रही है। ' संपर्क ' संस्था का ' विज़न एवं मिशन ' कार

‘माल’ से मालामाल सिनेमा की थाली!

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जया बच्चन सिनेमा को चरित्र प्रमाणपत्र बांट रही हैं। -निरंजन परिहार   सिनेमावालों की इज्जत की पूंजी चौराहों पर नीलामी के इंतजार में है। क्योंकि उनकी दमित कामनाएं दुर्गंध की नई सड़ांध रच रही है। चेहरों से नकाब उतर रहे हैं। सिनेमा की सारी सच्चाई समझने के बावजूद जया बच्चन सिनेमा को चरित्र प्रमाणपत्र बांट रही हैं। भुक्तभोगियों में भन्नाहट है। गटर की सफाई इसीलिए जरूरी है।   सिनेमा की गंदगी के नालों में बह रही बदबू लगातार नाक पकड़े रहने को मजबूर कर रही है। ड्रग्स व नशे को कारोबार के बाद अब निर्देशक अनुराग कश्यप द्वारा देह शोषण किए जाने का मामला गरम है। यहां किसी अभागी युवती के देह का दोहन मूल विषय नहीं है। मूल विषय है सिनेमावालों के अंत:करण में छिपी बैठी वासना का। वह वासना, जो दमित कल्पनाओं को आकार देने के लिए काम देने के बहाने किसी जरूरतमंद को बिस्तर पर बिछाने के सपने सजाती हैं,  और जीवन की खुशियों और तकलीफों को धुंए में उड़ाने को जिंदगी का अनिवार्य अंग मानती है।  इसी कामना की कसक में सुशांत सिंह राजपूत कोई दुर्भाग्यवश मरा हुआ पात्र नहीं, बल्कि एक पूरा धारावाहिक कथा बन जाता है। जिसे पूरा देश

बेटियों के आत्मनिर्भर और सक्षमीकरण के लिए 6 दिवसीय कार्यशाला

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  बेटियों को सक्षम बनने में सहयोग करें  अभिषेक जैन / लुहाडीया रामगंजमंडी झुमरी तलैया :-  बेटियां सदैव खुश रहें, हर क्षेत्र में सक्षम बने आत्मनिर्भर बनें, इस उद्देश्य के साथ आज भारतीय जैन संगठन, झारखंड प्रांत के द्वारा छह दिवसीय निशुल्क कार्यशाला का आयोजन श्री दिगंबर जैन महिला समाज झुमरी तलैया की पहल पर किया जा रहा है। 22 से 27 सितंबर तक चलने वाले इस कार्यशाला में पूरे देश से कोई भी बेटी निबंधन करके प्रतिभागी बन सकती है। अधिक संख्या में बेटियों का निबंधन होने के कारण एक साथ तीन कार्यशाला का आयोजन किया गया है। स्मार्ट गर्ल कार्यक्रम के राष्ट्रीय प्रमुख संजय सिंधी स्वयं 18 साल से ऊपर की बेटियों को बैच नंबर 154 में प्रशिक्षित करेंगे, बैच नंबर 155 और 158 के प्रशिक्षक दिल्ली के विपिन जैन और खपोली महाराष्ट्र से श्रीमती राज नाहर है। कार्यशाला के पहले दिन सेल्फ अवेरनेस यानी स्व-जागरूकता विषय के अंतर्गत बेटियों में अपने आपके प्रति बेहतर समझ विकसित करने के लिए वैज्ञानिक रूप से कई एक्टिविटी कराई गई। इससे बेटियों में वह कब खुश होती है, कब दुखी होती है, अपनी कौन सी आदत से वे खुश हैं, किस से दुखी है,

पर्युषण बाद की संक्रांति को क्षमापना संक्रान्ति कहा जाता है :- धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी

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        इंद्र प्रदेश की धरा पर आयोजन पावागढ़ :- इन्द्र प्रदेश की पावन धरती पर श्री जैन श्वेताम्बर पावागढ तीर्थ के तत्वावधान में श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान की परम पवित्र छत्र छाया में पूज्य गच्छाधिपति श्रुतभास्कर आचार्य भगवंत श्रीमद विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वर जी म.सा,एवं पूज्य आचार्य श्री विद्युतरत्न सूरीश्वर जी म.सा, प्रवर्तक श्री विनोद विजयजी म.सा, उपाध्याय श्री योगेंद्र विजयजी म.सा,आदि समस्त साधु साध्वी जी भगवन्तों की शुभ निश्रा में पारंपरिक क्षमापना संक्रान्ति सभा का मंगल मय कार्यक्रम हुआ।    🔹प्रथम संक्रान्ति के बाद वार्षिक कर्तव्य स्वरूप चैत्य परिपाटी का आयोजन  उपस्थित महानुभावों के संग हुआ। 🔸अमृत जैन आनंद सागर जैन ने गुरु आत्माराम जी का प्रथम भजन व मनोज कोचर ,रमेश जैन, राहुल जैन, जीवन भाई, रवचंद भाई, आदि ने गीत प्रस्तुत किये।  मुनि श्री मुनिन्द्र विजय जी म.सा,एवं नूतन बाल साध्वी श्री नमन पूर्णा श्री जी म,सा, सुंदर भजन प्रस्तुत किये।  🔹पूज्यआचार्य श्री विद्युतरत्न सूरीश्वर जी म.सा, उपाध्याय श्री योगेंद्र विजयजी म.सा,प्रवचनकार मुनि श्री ऋषभचन्द्र विजय जी म.सा, ने प्रवचन में क्