हैवानियत की सारी हदें पार कर दी

  (कविता के रचयिता)

सूरज नांदोला


है
वानियत की सारी हदे पार कर दी है इंसान ने,

और आकाश छूने की बातें करते है हम....

शर्म को भी लज्जित कर दिया है मानव ने,

और अच्छी तालीम की बातें करते है हम....

धर्म और कर्म के चीथड़े फाड दिए है मनुष्य ने, 

और तहज़ीब और समाज की बातें करते है हम....

फूल जैसी कलियों को कभी मार दिया कभी नौंच दिया जानवर ने,

और सभ्यता और सन्मान की बातें करते है हम....

धरती की बेटियों को शर्मशार कर दिया है सब ने,

आओ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बातें कर उसे सार्थक कर सकते है हम....



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