हम कितने शाकाहारी हैं ? :- पंन्यास चारित्ररत्न विजयजी

 अहिंसा परमो धर्मः


म कितने शाकाहारी हैं ?आइए जानते हैं परम पूज्य आचार्य श्री रश्मिरत्न सूरीश्वरजी म. सा. के प्रशिष्य रत्न प्रभावी प्रवचनकार पंन्यास चारित्ररत्न विजयजी म.सा. की पुस्तक के माध्यम से।

जानिये... क्या यह उत्पादन शाकाहारी है या मांसाहारी है ?

अपनी बात..... हम कितने शाकाहारी हैं?

अहिंसा परमो धर्म की जय, जियो और जीने दो आदि नारों को जब हम कहते हैं, सुनते हैं, तो लगता है कि 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना प्रत्येक व्यक्ति में जागृत हो रही है प्रत्येक व्यक्ति अहिंसक हो रहा है परन्तु क्या इतने मात्र से हम अहिंसक सिद्ध हो सकते हैं? क्या हम अहिंसक हैं? सुबह के नाश्ते की शुरूआत से ही हमारी अहिंसा और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना तार-तार हो जाती है। कारण होते हैं हमारे डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ जैसे- बिस्कुट, ब्रेड, पेस्ट्री, चिप्स, नमकीन, बर्गर आदि। जिन्हे हम सुबह से शाम तक शाकाहारी मानकर सेवन करते हैं परन्तु आज हमें यह जानना आवश्यक हो गया है कि ये सभी शाकाहारी हैं अथवा मांसाहारी ?

भारत सरकार ने खाद्य पदार्थों को दो भागों में वर्गीकृत करते हुऐ मांसाहार के पैकेट पर भूरा (Brown) निशान एवं शाकाहारी पदार्थों के पैकेट पर हरा (Green) निशान लगाऐ जाने का कानून बनाया है पर कानून की यह व्यवस्था क्रियान्वयन के स्थान पर भ्रामक व व्यथित स्थिति उत्पन्न करने वाली है। कानून में शाकाहार की भ्रमित परिभाषा और भ्रष्ट व्यवस्थाओं के फलस्वरूप कंपनियां अधिक लाभ के कारण अशुद्ध वस्तुओं को उनके अंर्तघटक (Additives) के रूप में मिलाती हैं। ऐसी कंपनियाँ निश्चित रूप से बनाती शाकाहारी खाद्य सामग्री हैं पर क्यों मांसाहार संबंधी आयात (Import) का लायसेंस लेती हैं ? इससे यह बात सिद्ध होती है कि ये कंपनियाँ शाकाहारी खाद्य पदार्थों में मांसाहारी वस्तुओं का सम्मिश्रण करती हैं।

बाजार में जो Food products उपलब्ध हैं उनमे उनके घटक (Ingredients) लिखना आवश्यक है। Food Additives को नियंत्रित करने के लिये युनिक कोड नम्बर (Unique code No.) प्रणाली लागू की गई जिसे E Numbering system (ENS) कहते हैं परन्तु किस E No. का Ingredients क्या है? और उसका Source क्या है? यह बात एक आम आदमी को पता नहीं है। E No. की विस्तृत जानकारी के लिये Food-Info.net, veggiglobal.com, wikipidiya.com, truthinlabeling.org आदि वेबसाइट पर दी गई है। इसके अतिरिक्त कुछ कंपनियाँ अपने उत्पादों पर E No. नही लिखती, किन्तु अन्तर्घटक (Additives) के नाम लिखती हैं जिससे यह भ्रम उत्पत्र होता है कि ये अन्तर्घटक शाकाहारी पदार्थों से बना है या मांसाहारी पदार्थों से। जबकि वह दोनो से बना होता है ऐसे खाद्य पदार्थों को हम अज्ञान अवस्था में शाकाहारी समझकर प्रयोग करते रहे जिनमें मांसाहारी Additives मिले हैं उन्हे हम मांसाहारी समझकर आज से ही त्याग करने का संकल्प करें जिससे हम अपनी संस्कृति को सुरक्षित कर अपने तन को, मन को, धन को और अपने धर्म को पवित्र कर सकें।

(क्रमशः---) शेष कल

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