झूठा डालना परमात्मा का अपमान करना है :- कमलमुनि

अक्षत मुनि का 21 दिवसीय तप संपन्न


भायंदर :-
अन्न के बिना हीरे पन्ने भी हमारी भूख नहीं मिटा सकते।झूठा डालना साक्षात परमात्मा और ब्रह्म का अपमान करने के समान है।विश्व में भूख से मरने वालों की संख्या  कम है और  खाकर मरने वालों की संख्या ज्यादा है। भोजन का अपमान करने वाला शैतान से काम नहीं होता हैं।

 उपरोक्त विचार ओस्तवाल बगीची, समता भवन,भायंदर (पूर्व) में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने अक्षत मुनि के 21 दिवसीय तप अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।उन्होंने कहा की कुपोषण के शिकार होकर कितने ही दम तोड़ रहे हैं उनके साथ क्रूर मजाक कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि भूख से ज्यादा करना अमृत जैसा भोजन भी जहर के रूप में परिवर्तित हो जाता है भूख से कम खाना सबसे महान तपस्या है

राष्ट्रसंत ने कहा कि स्वाद के लिए किया गया आहार रोगों को निमंत्रण देता है स्वाद को जीतने वाला सबसे महान तपस्वी है।जैन संत ने कहां की परमात्मा की तरह भोजन का सम्मान प्रसाद के रूप में स्वीकार करना चाहिए भोजन में कमी निकालने वाले से बड़ा और कोई पापी नहीं है।सकल जैन संघ के  अध्यक्ष उमराव सिंह ओस्तवाल, महामंत्री सुरेंद्र लोढ़ा, मेवाड़ संघ के अध्यक्ष विजयसिंह मेहता,जैन दिवाकर विचार मंच महिला शाखा की राष्ट्रीय महामंत्री डॉ आभा गांधी, दीक्षार्थी अभय जैन, राजस्थानी महिला मंडल मेवाड़ महिला मंडल युवक संघ बालिका मंडल आदि ने पारणा का लाभ लिया।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम