णमोकार महामंत्र की यह पेंटिंग अक्षर के माध्यम से बनी हैं :- जैन कमल

श्री महावीरजी में लगी है पेंटिंग

अशोक गहलोत ने की प्रशंसा


मुंबई :-
णमोकार मंत्र के अरिहंत के बिंदु (●) के लाखों टुकड़े को मैग्नीफाइन करके देखें तो उसके लाखों टुकड़े के बराबर भी आप और हम नहीं हैं। ...तो इसके बराबर कौन है ? शायद बिसमिल्ला खान, भीमसेन जोशी या सत्यजीत राय जैसे कुछ लोग होंगे। जैन कमल की नजर में, पूरे ब्रह्मांड के अंदर की ओर अरिहंत, सिद्ध, मुनिगण होंगे।

अंदर के वृत्त में परम पूज्य आचार्य श्री विमलजी, विद्या सागरजी, प्रसन्न सागरजी और साधुगण होंगे। बाहर के ब्रह्मांड में हम और आप सभी मंत्र की चुंबकत्व शक्ति में मौजूद होंगें। इस पेंटिंग में पांच तत्व को दर्शाया गया है. (क्षिति, जल, पावक, गगन, समीर) जो भगवान महावीर के गुणों में शामिल है।

पैटिंग का अगर वास्तिविक रूप में साक्षात्कार करें तो आप को मंदिर या चैत्यालय के दर्शन होने लगेंगे। इस पर अगर नजर टिकाएं तो आप ध्यान की अवस्था में पहुंच जाएंगे। सुख-शांति-समृद्धि का अनुभव करने लगेंगे। णमोकार महामंत्र की यह पेंटिंग अक्षर के माध्यम से बनी है और अक्षर से ब्रह्म को पाने की कोशिश की गयी है। सृष्टि का सुंदरतम महामंत्र है- णमोकार मंत्र मंत्र चाहे कोई भी हो पहले यह उच्चारण में आता है जो धीरे-धीरे मस्तिष्क में जगह बना लेता है। उसके बाद यह अंतर्वाणी बन जाता है। जैसे ही कोई उच्चारण करता है उसका संबंध अंतर से जुड़ जाता है।

मंत्र में शब्द है, अर्थ है, उच्चारण है और भावना है। इसे अवयव भी कहा जाता है। समझा जाता है कि प्राण-विकास का बहुत बड़ा साधन है-शब्द शब्द की तरंगें हर किसी को प्रभावित करती है। लेकिन एक और तरंग है जो रंगों की है। इन दोनों को प्रकाश की तरंगें कहा जाता है। इन्हीं को जैन कमल ने अपना आधार बनाया है। शब्द और रंग को एक विशेष शैली में बांधा नहीं है बल्कि असीम रूप दिया है।

जैन कमल की किसी भी कलाकृति पर अगर ध्यान लगाएं या फिर खुली आंखों से ही देखें, तो वह आपको सृष्टि के साथ जोड़ देगी। उसके एक-एक बिंदु, एक-एक शब्द, एक-एक रंग में आपको चेतनता नजर आएगी। वह बिजली सा प्रभाव छोड़ने लगती है। मंत्र के बारे में आप कुछ ना भी जानते हों, तब भी आपको मंत्रबद्ध कर देगी इनकी पेंटिंग।श्रीमहावीरजी आएं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेंटिंग की प्रशंसा की।इस अवसर पर चूलगिरी के प्रेरक प्रवीण जे छाबड़ा, एन के शेठी (आईएएस),वीरेन्द्र हेगड़े के अलावा राजस्थान के अनेक मंत्री व जिनशासन के अनेक प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे।

यह पेंटिंग देवेन्द्र कुमार जैन, ट्रस्टी सिद्धोमल चेरीटेबिल ट्रस्ट, दिल्ली. आर्टिस्ट: जैन कमल, भँवरलाल जैन, मुम्बई के सौजन्य से श्री महावीरजी में लगाइ गई हैं।







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