पश्चिम रेलवे सोमनाथ रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय स्टेशन में करेगा परिवर्तित
अत्याधुनिक स्टेशन भवन को सोमनाथ मंदिर वास्तु शिल्प डिजाइन की तरह पुनर्निर्मित किया जा रहा है
मुंबई :- रेलवे स्टेशनों को न केवल सेवा के एक साधन के रूप में बल्कि एक संपत्ति के रूप में बदलने और विकसित करने के माननीय प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप भारतीय रेल ने देश भर में 204 स्टेशनों के पुनर्विविकसित करने के लिए पहचान की है, जिनमें से तीन स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य शुरू किया गया है जबकि 43 स्टेशनों का कार्य प्रगति पर है। रेल मंत्रालय द्वारा रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त विश्वस्तरीय टर्मिनलों के रूप में विकसित करने को अत्यधिक महत्व दिया जा रहा है ताकि एक आम रेल यात्री भी आरामदायक, सुविधाजनक और सुखद रेल यात्रा का अनुभव कर सके।
पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार रेलवे स्टेशन किसी भी शहर के अभिसरण का केंद्रीय बिंदु हैं। स्टेशनों के पुनर्विकास के पीछे का मौलिक विचार शहर का अभिन्न विकास करना और सिटी सेंटर जैसी जगह के साथ पर्याप्त शहरी स्थान बनाना है। रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ स्टेशन बिल्डिंग के साथ शहर के दोनों किनारों को जोड़ा जाएगा। हर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म के ऊपर एक विशाल रूफ प्लाजा होगा, जिसमें रिटेल, कैफेटेरिया और मनोरंजन सुविधाएं जैसे फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र, स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क आदि के लिए जगह जैसी सभी यात्री सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होगी। यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए दिव्यांग अनुकूल सुविधाओं पर विशेष ध्यान देते हुए उचित साइनेज, लिफ्ट/एस्केलेटर/ट्रैवेलेटर उपलब्ध होंगे। पर्याप्त पार्किंग सुविधाओं के साथ आगमन/प्रस्थान को अलग-अलग किया जाएगा और यातायात की सुचारू आवाजाही भी सुनिश्चित होगी। साथ ही, परिवहन के अन्य साधनों जैसे मेट्रो, बस आदि की निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए स्काईवॉक, ट्रैवेलेटर आदि के माध्यम से एकीकृत किया जाएगा।
यह बहुत गर्व की बात है कि गुजरात में स्थित पश्चिम रेलवे का गांधीनगर केपिटल रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे का पहला ऐसा स्टेशन है जिसे विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में पुनर्विकसित किया गया है और अन्य दो स्टेशन मध्य प्रदेश में भोपाल के पास रानी कमलापति तथा कर्नाटक के बेंगलुरु में सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल है। इसके अलावा, पश्चिम रेलवे के 6 स्टेशनों अर्थात सोमनाथ, सूरत, उधना, साबरमती, न्यू भुज और अहमदाबाद स्टेशनों का पुनर्विकास कार्य प्रगति पर है।
पश्चिम रेलवे में पुनर्विकसित किए जा रहे स्टेशनों के बारे में उल्लेखनीय है कि सोमनाथ स्टेशन का पुनर्विकास कार्य शुरू हो चुका है और तेजी से चल रहा है। यह कार्य पश्चिम रेलवे के भावनगर मंडल की गति शक्ति यूनिट द्वारा किया जा रहा है। सोमनाथ स्टेशन को 157.4 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक आधुनिक स्टेशन के रूप में पुनर्विकसित किया जा रहा है और इसे मार्च, 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। 1 सितम्बर, 2022 से इस स्टेशन को कार्य के लिए बंद कर दिया गया है और मौजूदा स्टेशन भवन को गिराने का कार्य चल रहा है। साथ ही, नींव के लिए खुदाई का कार्य भी जारी है।
सोमनाथ स्टेशन को वास्तुशिल्प परिवेश के साथ डिजाइन किया जा रहा है जो यह सुनिश्चित करेगा कि संपूर्ण स्टेशन परिसर उपयुक्त अग्रभाग, फिनिश, रंग, सामग्री, बनावट और समग्र रूप और अनुभव के माध्यम से एक एकीकृत विषय प्रस्तुत करे। मुख्य स्टेशन भवन में छत के स्तर पर 12 शिखर होंगे जो 12 ज्योतिर्लिंगों का प्रतिनिधित्व करेंगे और अग्रभाग का विषय भी श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के समान होगा। इसकी डिजाइन भारतीय संस्कृति और परंपरा के विभिन्न पहलुओं को प्रतिबिंबित करेगी और प्राचीन एवं आधुनिक वास्तुकला का एक सुंदर मिश्रण होगी।
सोमनाथ रेलवे स्टेशन को विभिन्न सुख-साधनों और सुविधाओं के लिए पर्याप्त क्षेत्रों के साथ एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए स्टेशन के रूप में अपग्रेड और पुनर्विकसित किया जा रहा है। इस योजना में अलग-अलग आगमन/प्रस्थान यात्री प्लाजा, स्टेशन परिसर में भीड़-भाड़ मुक्त और सुगम प्रवेश/निकास, भूमिगत पार्किंग व्यवस्था आदि शामिल हैं। प्लेटफार्मों पर भीड़-भाड़ कम करने के लिए प्लेटफॉर्मों के ऊपर यात्री सुख-साधनों और सुविधाओं से युक्त पर्याप्त कॉनकोर्स/प्रतीक्षा स्थान उपलब्ध होंगे। पूरे स्टेशन परिसर में वाई-फाई कवरेज होगा। रेलवे स्टेशन दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं से लैस होगा, जिससे यह 100% दिव्यांग अनुकूल होगा। ऊर्जा, जल और अन्य संसाधनों के कुशल उपयोग, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग आदि की सुविधाओं के साथ स्टेशन भवन ग्रीन बिल्डिंग होगा। बैटरी चार्ज करने की सुविधा और बैटरी चालित वाहनों के संचालन का भी प्रावधान किया जा रहा है। स्टेशन अत्याधुनिक संरक्षा और सुरक्षा तकनीक से भी लैस होगा, जिसमें बेहतर स्टेशन प्रबंधन के लिए कुशलता से डिजाइन की गई विशेषताएं शामिल हैं।
त्रिवेणी संगम होने के कारण सोमनाथ प्राचीन काल से ही एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल रहा है और सोमनाथ मंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंग शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में सर्वप्रथम है। गुजरात सरकार द्वारा किए जा रहे समुद्र तट विकास परियोजनाओं सहित विभिन्न पर्यटक आकर्षणों के साथ इसे एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाने के लिए इसका वृहद विकास किया जा रहा है। इसका नया अत्याधुनिक स्टेशन भवन इस शहर के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण होगा। यह यात्रियों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आधुनिक सुविधाओं और सुख-साधनों के साथ हवाई अड्डे जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।
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