कैट ने २६ फरवरी को देशव्यापी बंद की तैयारी की

 

जीएसटी की सेवा प्रणाली हो सरल

केंद्र सरकार के खिलाफ किसान, डॉक्टर के बाद अब व्यापारियों में भी आक्रोश

विनोद मिश्र / भायंदर

दिल्ली के बॉर्डर पर लाखों किसान २६ नवंबर २०२० से ही केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। केंद्र सरकार के ही आयुष मंत्रालय द्वारा लाया गया मिक्सोपैथी चिकित्सा के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से जुड़े देश भर के डॉक्टर १ फरवरी से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। अब व्यापारी वर्ग भी अखिल भारतीय व्यापारी संघ के बैनर तले संपूर्ण देश के व्यापारी २६ फरवरी से देशव्यापी बंद की तैयारी में जुट गए हैं।

 अखिल भारतीय व्यापारियों के परिसंघ कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स महाराष्ट्र (कैट) इस वर्ष बजट में माल और सेवा कर (जीएसटी) के प्रावधानों के खिलाफ देश भर में ४० हजार से अधिक विभिन्न व्यापारिक संगठन २६ फरवरी को एक सफल हड़ताल के लिए तैयार हो रहे हैं।  बंद को और प्रभावी बनाने के लिए, विभिन्न राज्यों के कैट के राष्ट्रीय नेताओं ने कई राज्यों का दौरा करने का फैसला किया है। कैट के महाराष्ट्र उपाध्यक्ष और ठाणे जिला थोक व्यापारी कल्याण महासंघ के अध्यक्ष सुरेशभाई ठक्कर ने बताया कि कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भारतीय को दिल्ली और उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, राजस्थान और अंडमान और निकोबार जाएंगे।  कैट के राष्ट्रीय  चेयरमैन महेंद्र शाह और उपाध्यक्ष घनश्याम भाटी भारत बंद को सफल बनाने के लिए दक्षिणी राज्यों का दौरा करेंगे।  बृजमोहन अग्रवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कैट, उड़ीसा, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे।  कैट के राष्ट्रीय सचिव सुमित अग्रवाल को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ का प्रभार दिया गया है। जबकि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष धीरशिल पाटिल को उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उपाध्यक्ष नीरज आनंद को जम्मू-कश्मीर और लेह लद्दाख का प्रभार दिया गया है। ।  ये सभी पदाधिकारी १४ से २३ फरवरी तक संबंधित राज्यों का दौरा करेंगे, ताकि माल और सेवा कर (जीएसटी) के दमनकारी प्रावधानों के बारे में आम लोगों में जागरूकता पैदा कर भारत बंद में समर्थन प्राप्त कर सकें।

 कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल राज्य और राष्ट्रीय नेताओं, चार्टर्ड एकाउंटेंट, विभिन्न प्रतिष्ठानों के सचिवों, लघु उद्योगों, पेट्रोल पंपों, प्रत्यक्ष बिक्री आउटलेट्स, फेरीवालों, फिल्म उद्योग संघों और राज्य और राष्ट्रीय नेताओं के समर्थन की तलाश करेंगे।  ऑनलाइन विक्रेताओं के अलावा, भारत बंद में विभिन्न व्यापार संबंधी संगठन भी शामिल होंगे।

मीरा-भायंदर होलसेल ग्रेन शुगर मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सोहंनभाई वैष्णव ने बताया कि वित्त मंत्री और सीबीडीटी चीफ द्वारा हर व्यापारिक संगठन की मीटिंग में ये प्रचार किया जा रहा है की करों को जनता के लिए सरल बना रहे हैं और व्यापार की आसानी बढ़ा रहे हैं, लेकिन पर्दे के पीछे से जीएसटी के प्रावधानो को कठोर बनाया जा रहा है। जिसका जिक्र बजट भाषण में करने से वे कतराते हैं, तो सरकार की नीयत पर हम कैसे शक न करें।

जीएसटी की वर्तमान कर प्रणाली बेहद जटिल हो गई है , इसलिए हमारी सरकार से माँग है की जीएसटी क़ानून एवं नियमों की दोबारा समीक्षा की जाए और जीएसटी को सरलीकरण किया जाए।

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