सबसे अधिक संयम पर्यायी श्री कान गुरुदेव का समाधी मरण

आओ सभी आज मिलकर पुकारें दे दो दरश हमकों गुरुजी हमारें

थांदला श्रीसंघ ने कान गुरुदेव के उपकारों का याद करते हुए दी श्रद्धांजलि


थांदला।
उन्हें कभी नही देखा पर उसकी जरूरत क्या होगी ..? मेरे गुरुवर से भला अलग भगवान की मूरत क्या होगी के भाव मन में संजोए थांदला श्रीसंघ ने वर्तमान समय में जिन शासन के सबसे बड़े संयम पर्याय के पालनहार जन जन कि आस्था के केंद्र महान तपस्वी रत्न पूज्य गुरुदेव के उपकारों को याद करते हुए उनके 92वें जन्म दिवस के साथ ही समाधि मरण पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए यहाँ विराजित परम विदुषी महासती पूज्या श्री निखिलशीलाजी म.सा. आदि ठाणा - 4 के पावन सानिध्य में गुणानुवाद सभा का आयोजन किया।

धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए पूज्य श्री निखिलशीलाजी म.सा. ने कहा कि गुरुदेव का अनेक संघों पर अनंत उपकार रहा है। जिन शासन में भगवान आदिनाथ के समय से ही अनेक परिवारों ने सामूहिक संयम ग्रहण किया था उसी परंपरा में आज भी अनेक परिवार दीक्षित हो रहे है ऐसे में पूज्य श्री लालमुनिजी (पिता), पूज्य श्री मानमुनिजी (भाई), पूज्य श्री मैनाकुंवरजी (बहन) के साथ आपकी महज 11 वर्ष कुछ अधिक की आयु में एवंता मुनि की तरह दीक्षा हुई उसके बाद आपके परिवार से ही मालवसिंहनी पूज्य श्री कौशल्याजी महासती (बहन) व पूज्य श्री पारस मुनि म.सा. भी   दीक्षा लेकर जिन शासन की प्रभावना करने लगे। पूज्य कान गुरुदेव की सरलता सौम्यता व व्याख्यान शैली का जिक्र करते हुए आपने कहा कि जिन शासन गौरव जैनाचार्य पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. से दीक्षा पर्याय में बड़े होने के बावजूद आपमें लघुता थी व आचार्य पद धारी गुरुदेव को भी आप वंदना करने से रोक लेते थे। व्याख्यान में भी आप अंत में माल के बाद मुखवास में पापड़ परोस रहा हूँ ऐसा कहते हुए वैराग्य वर्धक क्रांतिकारी शैली से अपनी बात प्रस्तुत करते थे जिससे रसिक श्रोता आनंद विभोर हो जाते थे। आपके द्वारा लगाए जाने वालें शिविरों से ही जिन शासन के नोनिहालों में संस्कारों का बीजारोपण हुआ है व जैन धर्म के प्रति अनुराग जागा है।

संघ के अध्यक्ष भरत भंसाली, पूर्वाध्यक्ष रमेशचंद्र चौधरी, रजनीकांत शाह, स्वाध्यायी पवन नाहर ने भी भावाभिव्यक्ति के माध्यम से गुरुदेव के संघ पर किये उपकारों पर कृतज्ञता व्यक्त की। सभा का संचालन करते हुए संघ के सचिव प्रदीप गादिया ने सकल संघ कि ओर से गुरुदेव को श्रद्धांजलि देते हुए अन्य आयोजनों की जानकारी दी। इस अवसर पर धर्म सभा की शुरुआत में सामूहिक नवकार मंत्र के जाप भी किये गए।


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