हृदय का विकास परिवार के संस्कारों से होता हैं :- स्वप्निल कोठारी : - स्वप्निल कोठारी
जैन धर्मशाला में हुआ व्याख्यान।
सनावद :- जैन धर्म का सार मस्तिष्क का विकास नहीं बल्कि हृदय का विकास कर समझ विकसित करना है। जब तक हृदय का विकास नहीं होगा तब तक मानव सेवा, जरूरतमंद को मदद, गाय को रोटी, प्राणी मात्र के प्रति दया का भाव विकसित नहीं होगा । शिक्षा मस्तिष्क का विकास कर सकती हैं ,हृदय का विकास घर के वातावरण, परिवार के संस्कार, संस्कृति के प्रति समर्पण से होता है। आज शिक्षा के कारण मस्तिष्क का विकास है लेकिन सार्थक शिक्षा वही है जो मस्तिष्क के साथ हृदय को भी विकसित करें।
उक्त विचार रेनेसा विश्वविद्यालय इन्दौर के कुलाधिपति अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षाविद, मोटिवेशनल स्पीकर स्वप्निल कोठारी ने भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर सामाजिक समरसता में भगवान महावीर के विचारों की प्रांसगिकता विषय पर जैन धर्मशाला में व्यक्त किए।
धन से कष्ट दूर होगें, दुःख नहीं ।
कोठारी ने कहा कि हम सब बहुत परिश्रम करके धन कमाते है उससे सुख के संसाधन एकत्रित करते है संसाधन हमारे कष्ट कम कर सकते है, लेकिन दुख दूर नहीं कर सकते क्योंकि कष्ट शारीरिक होते है, दुःख मानसिक होते हैं। जीवन में जितनी समझ विकसित होती है उतने दुख दूर होते हैं समझ के विकास के लिए भगवान महावीर ने हजारों वर्ष पहले ही हमें सामाजिक समरसता का पाठ पढ़ाया।कोठारी ने एक घण्टे के अपने सारगर्भित व्याख्यान में संदेश दिया कि यह दुनिया भौतिक नही मानसिक है जो हमने मन में बनाकर रखी है वैसा ही हम महसूस करते हैं। मैं का विसर्जन करें, इससे अंहकार पैदा होता है। जीवन में दोहरे मापदण्ड अपनाना बंद करें, दोहरे मापदण्ड के कारण व्यक्ति अन्दर से खोखला होता जा रहा हैं ,जिस दिन हम दोहरा मापदण्ड हटा लेगे जीवन आसान हो जाएगा।
अनेक संस्मरण ,लघु कथा के माध्यम से उन्होंने विषय की गंभीरता को स्पष्ट किया।अनेक धर्म ग्रंथों का उल्लेख करते हुए कहा कि गीता में दुख दूर करने की शक्ति है। समारोह की अध्यक्षता आध्यात्मिक अहिंसा फाउण्डेशन अष्टापद बद्रीनाथ के अध्यक्ष आदित्य कुमार सिंह कासलीवाल ने की ।संयोजक रजनीश जैन ने बताया कि मंगलाचरण संगीता पाटोदी, स्वागत गीत गीत प्रदीप पंचोलिया ने प्रस्तुत किया। अतिथि परिचय व विषय प्रवर्तन राजेन्द्र जैन महावीर ने किया। संचालन डॉ श्वेता पंचालिया ने किया ।अतिथि स्वागत पवन धनौते, रजनीश जैन बसंत पंचोलिया, अनुभव जैन, हृदयेश जैन, संतोष जैन, निमिष जैन ,डॉ. अजय जैन, लेखमाला जैन, प्रीतिबाला जैन, मुकेश जैन, रोजेश जैन आदि ने किया।
नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि इन्दर बिरला, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि आशीष चौधरी ने शाल श्रीफल से अतिथियों का स्वागत किया। आभार महोत्सव समिति संयोजक रजनीश जैन ने व्यक्त किया। समारोह में बड़ी संख्या में समाज जन व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। लायंस क्लब अध्यक्ष जाकिर हुसैन अमि ने साहित्य भेंट किया। उपस्थित श्रोताओं के अनेक प्रश्नों का समाधान भी स्वप्निल कोठारी ने किया। सुई पटक सन्नाटे के बीच डेढ़ घण्टे तक व्याख्यान में विचारों का शानदार मंथन हुआ।
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