जीवन मे मां का स्थान कोई नहीं ले सकता :- डॉ अनिरुद्ध चव्हाण

मां के प्रथम स्मृति दिवस पर गीतों से श्रद्धांजलि


वसई :-
जीवन में मां का स्थान कोई नहीं ले सकता है।मां का स्थान सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण होता है। वह हमें जीवन की सभी महत्वपूर्ण सीखें सिखाती हैं, हमारे साथ खुशियों और दुःखों में साथ खड़ी होती हैं। मां का प्यार और समर्थन अनमोल होता है, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। उन्हें उनका सम्मान देना हमारा कर्तव्य होता है, और हमें उनके प्रति हमेशा कृतज्ञ रहना चाहिए।

उपरोक्त विचार अपनी मां के पहले स्मृति दिवस पर गीतों के माध्यम से दी गई श्रद्धांजलि कार्यक्रम में डॉ. अनिरुद्ध चव्हाण ने व्यक्त किए।डॉ चव्हाण ने बताया कि उनकी मां मानसिक रूप से विकलांग छात्रों को संगीत सिखाटी थी,इसिलए उन्हें संगीत के माध्यम से श्रद्धांजलि दी गई।इस कार्यक्रम के लिए डॉ. राजन गावड़े ने पहल की तथा डॉ. अनामिका सामंत,अविनाश पाटिल, संजय म्हात्रे, नितिन पुरकर, माउंटन लॉरेंस, नवीन सर गौतम मंधानिया, वैष्णवी मेस्त्री, प्राजक्ता पोटनिस, अंजलि मेस्त्री, संतोष मोहिते, जुई,चव्हाण और रवि तथा दिनेश (ध्वनि) ने सहयोग दिया। 

कार्यक्रम में लायन डिस्ट्रिक्ट 3231A3 के नवनिर्वाचित द्वितीय गवर्नर नटवर बंका, डॉ. विकास पटोले, विकास सराफ, शकु कृपलानी, उमेश मिस्त्री, संजय मुकादम, श्रद्धा मोरे,भावेश धनेचा, लीलाधर तलेले, पूर्णिमा शाह, नीता भावेश धनेचा, जयश्री नितिन शाह , विरार से नितिन शाह, डॉ. सुविधा पाटिल और कई गणमान्य व्यक्तियों ने निनाद म्हात्रे की उपस्थिति में मधुर गीतों का आनंद लिया। इस अवसर पर सभी गायकों को तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया गया। नरसिम्हा गोबिंद वर्तक स्कूल में लेक्चर थिएटर उपलब्ध कराने के लिए विकास वर्तक का व उपस्थित मेहमानों का डॉ चव्हाण ने आभार माना।

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