जिनशासन के देदीप्यमान सितारे थे आचार्य विद्धासगरजी महाराज

समयसागरजी अगले आचार्य

नरेंद्र मोदी सहित गणमान्यों ने दी श्रद्धांजलि


जिनशासन के महान संत,दिंगबर जैन मुनि संत परंपरा के आचार्य विद्यासागर महाराज ने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में 3दिन के उपवास के बाद अपना शरीर त्याग दिया।उनके कालधर्म की सूचना मिलते ही लोगों का जुटना शुरू हो गया है। दोपहर एक बजे अंतिम संस्कार विधि होगी।

   
डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़) :- देश भर के जैन समाज के लिए आज यानि 18 फरवरी का दिन सबसे कठिन है। समाज के वर्तमान के वर्धमान कहे जाने वाले संत आचार्य विद्यासागर महाराज ने समाधि लेते हुए 3 दिन के उपवास के बाद अपना देह त्याग दिया है। शनिवार की देर रात करीब 2:35 बजे उन्होंने अपना देह त्याग दिया। देह त्यागने से पहले उन्होंने अखंड मौन धारण कर लिया था। उनके देह त्यागने का पता चलते ही जैन समाज के लोग जुटने लगे है।

आचार्य ज्ञान सागर के शिष्य आचार्य विद्यासागर ने 77 साल की उम्र में छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में 3 दिनों के उपवास के बाद अपना शरीर त्याग दिया था। रविवार को दोपहर एक बजे उनकी अंतिम संस्कार विधि पूरी की गई। आचार्य के शरीर त्यागने का पता चलते ही दर्शन के लिए लोगों का तांता लग गया है।

समय सागरजी होंगे अगले आचार्य

संत ज्ञान सागर की तरह ही आचार्य विद्यासागर जी ने भी समाधि से 3 दिन पहले अपना आचार्य पद का त्याग करते हुए अगला आचार्य नियुक्त कर दिया था। उन्होंने आचार्य पद उनके पहले मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि समयसागर को सौंप दिया है। विद्यासागर ने उन्हें योग्य समझा और 6 फरवरी के दिन ही आचार्य पद देने की घोषणा कर दी थी।

कर्नाटक से छत्तीगढ़ तक का सफर

जैन संत विद्यासागर महाराज का जन्म देश की आजादी के पहले कर्नाटक के बेलगांव के सदलगा गांव में 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। उनके 3 भाई और 2 बहनें है। तीन भाई में से 2 जैन मुनि तो तीसरे भाई धर्म के काम में लगे है। उनकी बहनों ने भी ब्रह्मचर्य लिया है। आचार्य विद्यासागर महाराज ने अभी तक 500 से ज्यादा मुनि को दीक्षा दे चुके है। 

प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके है मुलाकात,जताया शोक

आचार्य ज्ञान सागर से की समाधि लेने से पहले मुनि विद्यासागर को आचार्य पद सौंप दिया गया था। ऐसे में 26 साल की उम्र में ही विद्यासागर आचार्य हो गए थे। पिछले साल 5 नवंबर को देश के पीएम मोदी डोंगरगढ़ पहुंच कर आशीर्वाद लिया था। इस खास पल को अपने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए पीएम ने लिखा था कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।आज उन्होने गुरुदेव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।उन्होंने बताया जब भी उन्हें कुछ पूछते थे तो 24 घंटे में उनका जवाब आता था।जैन समाज ही नही, आध्यात्मिक जगत के लिए बड़ी क्षति हैं।

आचार्य विद्यासागर महाराज के ब्रह्मलीन होने की खबर मिलते ही पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए इसे अपूरणीय क्षति बताया है। पीएम ने लिखा कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा।

आचार्य जी का मध्य प्रदेश को रहा आशीर्वाद: मुख्यमंत्री 
आचार्य विद्यासागर की समाधि करते हुए देह त्यागने का पता चलने पर एमपी के सीएम मोहन यादव ने दुख जाहिर करने के साथ उनको याद करते हुए सोशल मीडिया में पोस्ट किया है। सीएम यादव ने लिखा कि आचार्य विद्यासागर जी का मध्य प्रदेश के प्रति विशेष स्नेह रहा है। मध्य प्रदेश वासियों को उनका भरपूर आशीर्वाद मिला। उनके सद कार्य सदैव प्रेरित करते रहेंगे। आध्यात्मिक चेतना के पुंज, विश्व वंदनीय संत शिरोमणि परमपूज्य आचार्य गुरुवर श्री 108 विद्यासागर जी महाराज की संलेखना पूर्वक समाधि सम्पूर्ण जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। आचार्य जी का संयमित जीवन और विचार सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।

सीएम विष्णुदेव साय ने जाहिर किया दुख

प्रदेश मुखिया सीएम विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया के माध्यम से संत विद्यासागर महाराज की समाधि के समाचार पर दुख जताया है। सीएम ने कहा कि विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा। आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन।

मेरे जीवन मे आचार्य श्री का गहरा प्रभाव :-  शिवराज ने भी जताया दुख

आचार्य विद्यासागर महाराज की समाधि का पता चलने पर एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी सोशल मीडिया में पोस्ट कर दुख जताया है। पूर्व सीएम ने कहा कि राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का स्माधिपूर्वक निधन का समाचार सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध और निशब्द करने वाला है। मेरे जीवन में आचार्य श्री का गहरा प्रभाव रहा, उनके जीवन का अधिकतर समय मध्यप्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला। उन्होंने आगे लिखा कि आचार्य श्री के सामने आते ही हृदय प्रेरणा से भर उठता था। उनका आशीर्वाद असीम शांति और अनंत ऊर्जा प्रदान करता था। उनका जीवन त्याग और प्रेम का उदाहरण है आचार्य श्री जीते जागते परमात्मा थे। उनका भौतिक शरीर हमारे बीच ना हो लेकिन गुरु के रूप में उनकी दिव्य उपस्थिति सदैव आस पास रहेगी। आचार्य श्री शीघ्र ही परमपद सिद्धत्व को प्राप्त हों। गुरुवर के चरणों मे शत शत नमन नमोस्तु भगवन!


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