जैन संत आचार्य धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी म.सा.का पाकिस्तान में प्रवेश

अटारी-वाघा बॉर्डर से पैदल यात्रा

आचार्य धर्मधुरंधरसूरि ने कहा कि आपकी आवाज बनने जा रहा हूं


अमृतसर :-
भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पहली बार कोई जैन मुनि भारत से पाकिस्तान जाने के लिए निकले है। पंजाब केसरी आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरीश्वरजी म.सा.समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति,श्रुत भास्कर,आचार्य धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी म.सा. ने आज 21 मई 2023 को अटारी-वाघा सीमा से पाकिस्तान में प्रवेश किया।वे कल 22 मई को लाहौर स्थित गुंजरावाला के सरकारी म्यूजियम में जैनों के प्रमुख संत आचार्य श्री विजयानंद सूरीश्वरजी (आत्मारामजी) म.सा. की चरण पादुका के दर्शन करेंगे।
यह दिल और आवाज आपकी हैं :- आचार्य श्री ने कहा कि आप मां सकते हो कि शरीर मेरा हैं,आवाज और दिल मेरा होगा,परंतु नहीं यह शरीर,दिल और आवाज आपकीं हैं।ऐसा मानकर में गुरुजी महाराज साहेब को आप सब की तरफ से वंदन करूंगा।मैं गुरुजी को विश्वास दिलाऊंगा कि यह मार्ग आपने ही दिखाया हैं,और हम इसपर चलते रहेंगे।

बड़ौदा जैन संघ के अग्रणी दीपक शाह ने बताया कि आचार्य श्री एक महीने के लिए पाकिस्तान विहार करने गए है।वे कल लाहौर यूनिवर्सिटी पहुंचेंगे और वंहा से पाकिस्तान में विहार करेंगे।उन्होंने बताया कि आचार्य श्री 4 साल पहले बड़ौदाके मांजलपुर जैन संघ में चातुर्मास करने आये थे।इसके अलावा कोरोना काल मे आप पावागढ़ में चातुर्मास करने आए थे।तब एम एस यूनिवर्सिटी ने उन्हें किताब लिखने की विनंती की थी,और उन्होंने जीव जगत नाम की किताब लिखी थी और उसका विमोचन यूनिवर्सिटी में किया गया था।यूनिवर्सिटी ने कोरोना काल मे आचार्य श्री को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई थी।

उन्होंने बताया कि भारत - पाकिस्तान बटवारें के समय जैन मुनि पाकिस्तान में थे। 1947 में बटवारें के समय आचार्य वल्लभ सूरीश्वरजी म.सा.गुंजरावाला में चातुर्मास कर रहे थे।उस समय देश के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने गुरुदेव को विनंती की थी कि अभी माहौल अच्छा नहीं है और आप अपने साधु साध्वीजी भगवन के साथ भारत आ जाइए तब गुरुदेव ने कहा था कि यंहा पर दूसरे जैन व हिंदु भी हैं उनका क्या होगा? आप मुझे यंहा से ले जाना चाहते हो तो में अकेला नहीं आउंगा, बल्कि मेरे साथ सभी जैन और हिंदु भी आएंगे।आप उन सभी की व्यवस्था करोगे तो ही में आउंगा।तब सरदार पटेल ने सेना को भेजकर आचार्य श्री, उनके शिष्य व अनेक श्रावक श्राविकाओं को वापस भारत लाएं थे।

गच्छाधिपति के साथ 18 श्रावक भी पाकिस्तान पहुंचे :- शाह ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद कोई जैन संत पाकिस्तान की धरती पर पहुंचा हैं।भारत सरकार और पाकिस्तान सरकार ने वल्लभ सूरीश्वरजी समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति श्रुत भास्कर,आचार्य धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी म.सा,मुनि ऋषभचंद्र विजयजी,विजय धर्म कीर्तिविजयजी,महाभद्र विजयजी व उनके साथ 18 श्रावकों को पाकिस्तान में विहार करने कु अनुमति दी है।आचार्य श्री लाहौर के बाद गुंजरावाला की और विहार करेंगे।

गुंजरावाला की इकॉनोमी जैन चलाते थे :-  शाह ने बताया कि एक समय ऐसा था जब गुंजरावाला से पाकिस्तान की इकॉनोमी चलाते थे।वर्तमान मे भी इस शहर में अनेक जैन मंदिर है।गुरुदेव सभी मंदिरों के दर्शन करें ऐसी संभावना हैं।

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