परमार क्षत्रियोंद्धारक इंद्रादिन्न सूरीश्वरजी का जन्म शताब्दी वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा
स्थाई स्मृति स्वरूप अनेक योजनाएं
चेन्नई :- शांतिदूत,पंजाब केसरी आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वरजी म.सा.समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी म.सा.के मार्गदर्शन व प्रेरणा से परमार परमार क्षत्रियोंद्धारक,गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय इंद्रादिन्न सूरीश्वरजी म.सा.का जन्म शताब्दी महोत्सव देशभर में मनाया जाएगा।
जन्म शताब्दी हेतु आयोजित विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिराज मोक्षानंद विजयजी म.सा.ने कहा कि इन्द्रदिन सूरीश्वरजी महाराज साहेब महान शासन प्रभावक जैनाचार्य हुए है। भगवान महावीर की 76वीं पाट पर विराजमान होकर उन्होंने लाखों लोगों को शाकाहारी बनाया और व्यसन मुक्त करके उसमें जैन धर्म की प्रतिष्ठा की। गुजरात के बड़ोदरा जिला में सालपुरा नामक गांव में परमार क्षत्रिय वंश में उन्होंने जन्म लिया और जब उन्हें जैन गुरु का सान्निध्य मिला तो वैराग्य का रंग चढ़ा।गुरु वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज की शिष्य परंपरा में दीक्षित होकर उन्होंने अपने ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप साधना के बल पर आचार्य पद प्राप्त किया और वल्लभ समुदाय के गच्छाधिपति बने।
मोक्षानंद विजयजी महाराज ने फरमाया कि गुरु इन्द्र की जन्म शताब्दी को राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा। उनके उपकारों और गुणों को याद करते हुए जन जन तक उनके लोक कल्याणकारी संदेशों को पहुंचाया जाएगा। गुरु इन्द्र के पट्टघर तथा वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी महाराज की प्रेरणा से गुरु इन्द्र की जन्म शताब्दी वर्ष की स्थायी स्मृति स्वरूप अनेक योजनाएं बनाई गई हैं, जिन्हें शीघ्र ही मूर्त रूप प्रदान किया जाएगा। इसी दिन के. एल. पी. प्रोजेक्ट्स के मालिक खेतपालिया और परमार परिवारों ने दो आराधना भवन, दो उपाश्रय, दो पाठशाला भवन संकल्प जैन संघ को समर्पित करने हैं। इन सभी भवनों का उद्घाटन भी इन दोनों परिवारों के करकमलों से गच्छाधिपति की निश्रा में होंगे।
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