गोरेगांव में पूर्णचंद्र सूरीश्वरजी की निश्रा में धर्म आराधना की धूम
180 सिद्धितप सहित रिकॉर्ड तोड़ तपस्याएं
मुंबई :- श्री आदिनाथ भगवान के सानिध्य में चल रहे चातुर्मास में धर्म आराधना सहित विविध तपस्याओं की धूम मची हैं।संघ में रिकॉर्ड तोड़ तपस्याओं के चलते लोगों मे जबरदस्त उत्साह का वातावरण हैं। मुंबई के उपनगर गोरेगांव की श्रीनगर कॉलोनी में श्री आदिनाथ जैन श्वेतांबर संघ के तत्वावधान में व कच्छ वागड़ देशोद्धारक, अध्यात्म योगी आचार्य श्री विजय कलापूर्ण सूरीश्वरजी म.सा.के पंचम शिष्य व गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय कल्पतरु सूरीश्वरजी म.सा.के आज्ञानुवर्ती प्रवचन प्रभावक,सूरिमंत्र समाराधक आचार्य श्री विजय पूर्णचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. आदि विशाल ठाणा के सानिध्य में 180 सिद्धितप सहित 7 मासक्षमण व अन्य तपस्याएं हुए , चातुर्मास के मुख्य दाता किरणभाई ने भी सिध्धि तप किया।
मुनिराज श्री प्रशमलब्धि विजयजी के सिद्धितप, 230 अठ्ठाई, एवं 36उपवास आदि अनेक मासक्षमण 7 तप के अवसर पर भव्य महोत्सव का आयोजन किया गया। कलापूर्णम तपोवाटिका में 29 अगस्त से 2 सितंबर तक विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के तहत 22 अगस्त को सामूहिक सांझी,1 सितंबर को तपस्वियों का सम्मान समारोह व 2 सितंबर को रजवाड़ी रथयात्रा के साथ राजशाही पारणा पालई टावर में संपन्न हुआ, 10000 के अधिक जनसंख्या ने साधर्मिक भक्ति का लाभ लिया, ।श्री संघ के आदेश से चातुर्मास तथा सिद्धितप के लाभार्थी परिवार चन्द्रिकाबेन शाह परिवार हैं। ज्ञात हो गुरुदेव के ऐतिहासिक चातुर्मास प्रवेश के बाद संघ में निरंतर धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं, जिसमे प्रतिदिन सिंधुप्रकरण, शांतुसुधारस ग्रंथ पर प्रवचन,बाल संस्करण शिविर,युवा व महिलाओं के लिए शिविर, रात्रि प्रवचन,आचार्य श्री व मुनिराजों के व्याख्यान, हर दोपहर साध्वी श्री विशुद्धक्रिया श्रीजी म.सा.का बहनों के लिए धर्मबिंदु व धन्यचारित्र पर व्याख्यान, दादा जीतविजयजी,आचार्य श्री कनकसूरीश्वजी म.सा.,आचार्य श्री कलापूर्ण सूरीश्वरजी म.सा.,गच्छाधिपति, आचार्य श्री कलाप्रभ सूरीश्वरजी म.सा. तथा युगप्रधान, आचार्य सम पन्यास प्रवर श्री चंद्रशेखर विजयजी म.सा.की गुणानुवाद सभा का आयोजन के अलावा भावयात्रा,'संयम द रियल लाइफ' पर अद्भुत नाटक का सर्जन ,नेमिनाथ भगवान के अट्ठम तप आदि अनेक आयोजन हुए। आचार्य श्री के साथ चातुर्मास हेतू मुनिराज निग्रंथविजयजी, प्रियदर्शन विजयजी, पावनमंत्र विजयजी, नम्रयश विजयजी, प्रशमलब्धि विजयजी, कलानिधान विजयजी ,पुनितचंद्र विजयजी , परमज्ञान विजयजी म.सा.भी बिराजमान हैं।साथ ही बहनों को आराधना कराने के लिए साध्वी श्री चंद्रोदया श्रीजी की ग्रुप के साध्वी विशुद्धप्रिया श्रीजी, साध्वी श्री विशुद्धक्रिया श्रीजी,साध्वी विशुद्धकला श्रीजी तथा वासुपूज्य जैन देरासर, वागड़ वीसा ओसवाल जैन संघ में साध्वी यशोधनाश्रीजी , यशोजवला श्रीजी, अक्षयरत्ना श्रीजी , उज्ज्वलरत्ना श्रीजी, अभयरत्ना श्रीजी व साध्वी अर्हदरत्ना श्रीजी आदि ठाणा बिराजमान हैं।
पर्युषण महा पर्व की भव्याती भव्य आराधना विविध चडावे क्षमापना आदि कार्यक्रम संपन्न हुए। तपस्या का भव्य महोत्सव हुआ, और आसो महीना की शाश्वती आयंबिल की ओली एवं वर्धमान तप के पाये विशाल संख्या में हुएं, साथ ही भव्य बहुमान हुआ, विविध महापुजन, सरस्वती पुजन, माणिभद्रपुजन, सिध्ध चक्र, ऋषी मंडल महापुजन आदि संपन्न हुए।
दिवाली की आराधना के बाद बच्चे , युवा युवतीओ की कार्तिक सुद 4,/5/,6 तीन दिन की शिबिर होगी। कार्तिक पुनम के दिन चातुर्मास परिवर्तन एवं भव्य कार्यक्रम का लाभ चातुर्मास के मुख्यदाता देवीचंदजी चेलाजी, किरणभाई , अशोक भाई, महेन्द्र भाई पांथावाडा हाल:- गोरेगांव मुंबई हैं।इस चातुर्मास ने धर्म आराधना के कीर्तिमान स्थापित किए।चातुर्मास लाभार्थी परिवार की सर्वत्र अनुमोदना हो रही हैं।
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