नवपद ओली आराधना करती हैं नैया पार :- रजतचंद्र विजयजी
9 अक्टूबर को महामांगलिक व कोकण संघों का स्नेह मिलन
महाड़ :- रायगढ़ जिले के महाड़ नगर में श्री वासुपूज्य भगवान के सानिध्य में चातुर्मास हेतु बिराजमान परोपकार सम्राट, आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य प्रवचनदक्ष, शासन प्रभावक मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी म.सा.ने नवपद आराधना के बारे में श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा की संसार में सार नहीं है अपितु खार ही खार है। कपड़े, कार, फोन, मकान रिश्ते एक समय के बाद अप्रिय लगते हैं, यही बदलाव संसार की असारता व क्षणभंगुरता दिखाता है।
मुनिश्री ने कहा धर्माराधना में सार भी है पार भी है, सार से सुख मिलता व पार से दुख मिटता है। मुनिराज ने आगे कहा कि मोक्ष स्थान तक पहुंचने का मार्ग नवपद ध्यान व नवपद ज्ञान है। परोपकार के भंडार होते हैं अरिहंत प्रभु सुख के भंडार होते हैं । सिद्ध प्रभु,इनकी आराधना भीतर में प्रवेश कराती है, बहृय कनेक्शन कट होने से स्वयं की पहचान भी इस आराधना से होती है।
मुनिश्री ने कहा संसार चक्र,दुख चक्र संकट चक्र से मुक्ति सिद्धचक्र की आराधना से होती है। श्रीपाल मयणा ने सभी प्रकार के सुख (भौतिक आध्यात्मिक) इसी आराधना से प्राप्त किये। वर्ष में दो बार ये आराधना करने का मौका मिलता है। जीवन में नवकार आराधना कर विशिष्ट पुण्य के स्वामी बन सकते हैं ।उन्होंने कहा कि सुनने के लिए अच्छी खासी भीड़ जमा हो रही है। चांदी के नवकार पट्ट की स्थापना औलीजी लाभार्थी परिवार द्वारा की गई हैं। औलीजी आराधना का संपूर्ण लाभ महाड़ के गुरुभक्त राजमल विक्रम महावीर कोठारी परिवार ने लिया है। श्रीसंघ व चातुर्मास समिति के सदस्य पूर्ण सेवा दे रहे हैं।
गुरुदेव ने बताया कि 8 से 10 अक्टूबर तक त्रिदिवसीय जिनेंद्र भक्ति महोत्सव किया जा रहा है। महोत्सव में तीनों दिन 45 आगम महापूजन का विशेष आयोजन पूरे कोंकण में पहली बार 45 आगम छोड़ (चंदरव कुटिया) की सजावट व अनुपम भक्ति द्वारा होगी। भक्ति भावना के लिए देवेश जैन व रोहन जैन इंदौर से पधारेंगे। विधिकार वेलजी शाह इन्दोर सुंदर विधि करायेगे।
उन्होंने बताया कि 9 अक्टूबर को कोंकण श्रीसंघो का स्नेह सम्मेलन एवं बड़ा महामांगलिक आयोजन होगा।महामांगलिक का लाभ बाबुलालजी कोठारी परिवार महाड़ ने लिया है। यह जानकारी चातुर्मास समिति अध्यक्ष अशोक शाह, कोषाध्यक्ष प्रवीण कटारिया, श्रीसंघ अध्यक्ष दिलीप सुकलेचा, मंत्री दिनेश गांधी,निलेश ओसवाल एवं महावीर देसरला ने दी।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें