गौतम स्वामी गुरु की कृपा प्राप्त करने उमड़ा जनसैलाब
रजतचंद्र विजयजी की निश्रा ने रायगढ़ क्षेत्र को जागृत कर दिया
महाड़ :- रायगढ़ जिले के महाड़ नगर में भगवान वासुपूज्य स्वामी की छत्र छाया में 100 वर्ष बाद हो रहे रजतचंद्र विजयजी म.सा.के चातुर्मास ने मानो विभिन्न कार्यक्रमों व गुरुदेव के प्रवचनों ने पूरे क्षेत्र को जागृत कर दिया है।चारो समुदाय द्वारा करवाये जा रही इस चातुर्मास में नित नए इतिहास लिखे जा रहे हैं।
चातुर्मास अंतर्गत मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक,परोपकार सम्राट आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.के सुशिष्य, प्रवचनदक्ष, शासन प्रभावक मुनिप्रवर श्री रजतचंद्र विजयजी म.सा.आदि ठाणा की पावन निश्रा में श्री गौतम लब्धि महापूजन महाअनुष्ठान का भव्यतम यादगार आयोजन सानंद संपन्न हुआ।कार्यक्रम की शुरुआत सुबह में प्रभुजी के आगमन व स्नात्र पूजा से हुई। विभिन्न रंगों के पुष्पों एवं बहार से लाये पुष्पों से प्रभुजी का सिंहासन एवं मंडल आकृति को अद्भुत व अनुपम सजावट आकर्षण थी । समीप रही रत्न प्रतिमाओं ने सबको भक्तिभाव से अभिवृद्ध किया वे मनमोहक लग रही थी। मुंबई व महाड के कलाकारों ने महापूजन को यादगार कर दिया।
सुबह 9:30 महापूजन जाप साधना से सम्पूर्ण पूजन हाल गुंजायमान हुआ एवं मौन ध्यान साधना प्रवेश हुआ। मुख्य पीठिका स्थल पर थाल में विभिन्न रत्न प्रतिमा स्थापित की गई थी। मुख्यपीठिका स्थल पर इन्दापुर गुरुभक्त मनोज नाडावत सपरिवार इष्ट मित्रों के साथ प्रभु व गुरूपूजन में मगन थे। एक जैसे ड्रेस कोड में मुकुट माला धारण कर एक जैसे आसनो पर विराजित हो,एसे लग रहे हैं थे जैसे इंद्र इंद्राणिया हो।चारों तरफ सुगंधित वातावरण व दशांग धुप से संपूर्ण वातावरण प्रभुमय बना हुआ था। सौधर्म पाट पर विराजित प्रभावशाली निश्रा दाता इस अद्भुत विशिष्ट दुर्लभ अनुष्ठान के मार्गदर्शन मुनिराज ने अपने प्रभावी मंत्रों व गीतों से सभी को मंत्र मुग्ध कर किया । छत्तीसगढ़ से आये अंकित की स्वर लहरी सभी के दिलपर अंकित हुई ।
विधिकारक रत्नेश मेहता ने सुंदर विधि कराई। उत्तम अष्ट द्रव्यों से सभी ने पूजन पीठिका पर गणधर गुरु गौतम स्वामी की परिकर युक्त रत्न प्रतिमा विराजित की एवं पूखराज रत्न माला से जाप किया। सभी पीली वस्तु व उपकरण का उपयोग किया गया। महापूजन के दोरान मुनिश्री ने विशेष मंत्रों से लंब्धि कलश संपूरित किये। जिसमें शंख चांदी का सिक्का, लघु श्रीफल, गौमती चक्र ,गोल्डन श्री यंत्र, लाल सुपारी,जायफल,कोड़ी वासक्षेप सहित एवं अभिमंत्रित कर 21 वस्तुएं रखी गई । सर्वप्रथम लब्धि कलश ग्रहण करने का लाभ अनीता बेन रामलाल भंडारी को मिला,उन्हीं के हाथों सभी पूजनार्थी को कलश अर्पण किये गये। महापूजन के मुख्य लाभार्थी शर्मीलाबेन मनोज नाडावत ने प्रभु आरती व मंगल दीपक किया। गुरु गौतम स्वामीजी की 108 दीपक से आरती का अनुपम लाभ बाबुलाल कोठारी महाड़ ने लिया। मुनिश्री के कुशल मार्गदर्शन में श्रीसंघ व चातुर्मास समिति एवं पूजन समिति ने सुन्दर व्यवस्था की।
लाभार्थी परिवारों में महापूजन के मुख्य लाभार्थी मनोज नाडावत इंदापुर, जय जिनेंद्र के लाभार्थी सम्पत देसरला महाड़, गांव सांजी व भक्ति भावना रमेशजी वच्छराजजी सांचोर रत्नमाला का लाभ ऋषिकेश बाबुलाल कावेडिया इंदापुर, मेहंदी छोगमलजी कटारिया महाड, गोल्डन फ्लेटेड तोरण का लाभ अनीता रविंद्र ओसवाल तलेगांव (पुना ), वासक्षेप विधान पवन देसरला महाड पूजन वस्त्र का लाभ मुकेश दोसी, स्मृति चिन्ह मोमेंटो से बहुमान प्रकाश केवलशा मुथा नागोठाणा, सुबह का नाश्ता व स्वामीवात्सल्य लादुलालजी गांधी महाड़ परिवार ने लिया। इन सभी का बहुमान श्रीसंघ,चातुर्मास समिति एवं महापूजन समिति की और से किया गया।
पूजन में 36 सपरिवारों द्वारा महापूजन किया गया। रात्री में भक्ति भावना की धूम मचाई अंकित लोढ़ा ने मचाई।प्राचीन के साथ नवीन व कुछ गौतम स्वामीजी की रचनाएं उन्होंने प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। मां की महिमा पर सुंदर प्रस्तुति ने सभी की आंखे नम कर दी।।मां की महिमा को दर्शाने वाले गीतों ने सभी का हृदय भर दिया। भक्ति के अंत में राजमल कोठारी परिवार एवं प्रवीण कटारिया रतनराज मेडिकल की और से दो सोने व चांदी के सिक्के लक्की ड्रॉ में भाग्यशालियों को लगे। इस महापूजन अनुष्ठान में कोंकण के विभिन्न श्रीसंघ पधारे एवं मुनि श्री को अपने नगर पधारने की विनंती की। आगामी गुरु सप्तमी हेतु दहाणु मोहनखेड़ा गुरु नाम तीर्थ ट्रस्ट मंडल की और से भी विनंती की गई।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें