नये इतिहास बना रहा रजतचंद्र विजयजी का महाड़ चातुर्मास

 त्रिदिवसीय  जिनेंद्र भक्ति महोत्सव भव्य रूप से संपन्न


महाड़ :-
श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान के सानिध्य में व दादा गुरुदेव राजेंद्र सुरीश्वरजी म.सा. की छत्रछाया में परोपकार सम्राट, आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.के आज्ञानुवर्ती सुशिष्य प्रखर प्रवचनकर मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी की निश्रा में त्रिदिवसीय श्री जिनेंद्र भक्ति महोत्सव, 45 आगम महापूजन, भक्ति भावना के साथ एतिहासिक रूप में संपन्न हुआ। 

ज्ञात हो एक सदी के बाद हो रहे चातुर्मास के कारण लोगों का उत्साह देखते ही बनता हैं।त्रिदिवसीय कार्यक्रम में 45 आगम महापूजन के दर्शन पूजन के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। 45 आगम के चंद्रवा पुटिया आकर्षण का केंद्र था। सुंदर सजी छाप में थमणी व उस पर आगम ग्रंथ स्थापित किये गए थे। प्रत्येक आगम का अष्टद्रव्य से सुविधि पूर्वक पूजन किया गया। कोंकण क्षेत्र के श्रीसंघो को भी इसका लाभ मिला। इस महापूजन को तीन विभाग में सुंदर धान्य का मंडल बना कर पढ़ाया गया। तीनों दिन 15/15 आगमो का पूजन किया गया। इसकी रचना दादा गुरुदेव श्री राजेंद्र सूरीश्वरजी म.सा. के तिसरे पट्टधर साहित्य विशारद श्री भूपेंद्र सूरीश्वरजी म.सा. ने की हैं। 45 आगांमो की सुंदर ढाले बोली गई। इस अद्भुद महापूजन से जुड़ने हेतु श्रद्धालुओ में होड़ मची थी। अनेक भाग्यशालीयो के पास 24 प्रभुजी व 14 स्वप्न,स्थापनाजी आदि युक्त आराधना पेटी भी थी । जिसे पूजन में शामिल किया गया। 45 आगम महापूजन प्रथम दिन पूजन हीराचंदजी देवीचंदजी सियाणा, दुसरे दिन एक परम गुरु भक्त, तिसरे दिन रेखाबेन दिलीप नाणेशा ने लाभ लिया। 


गुरुभक्त प्रवीण कोठारी एवं अशोक शाह की और से 3 दिन आंगी एवं महावीरजी देसरला, प्रवीणजी कटारिया व नवरत्न जी देरासरिया द्वारा 3 दिन भक्ति का लाभ लिया गया। 9अक्टूबर को स्वामीवात्सल्य का लाभ बाबुलालजी कोठारी एवं 10 अक्टूबर को स्वामीवात्सल्य का लाभ  दिलीप लोकेश कुमार, निलेश कुमार देरासरिया महाड़ वालो को मिला। महोत्सव में सकल संघ के जय जिनेंद्र का लाभ हिराचंदजी ओसवाल ने लिया। विधिकारक वेलजी शाह,व संगीत की धूम- देवेश जैन, रोहन जैन इंदौर ने मचाई।

रजतचंद्र विजयजी ने बताया कि 14 अक्टूबर को श्री गौतम लब्धि महापूजन महाअनुष्ठान होगा।जिसमे 51 जोड़े सपरिवार जुड़ेंगे।पूजन में बैठनेवाले परिवारों को मरकज रत्न की परिकर युक्त श्री गौतम स्वामीजी की रत्न प्रतिमा एवं दुर्लभ वस्तुओं से भरा लब्धि कलश एवं रत्नमाला प्रदान कि जावेगी। पूजन सामग्री सहित और भी अन्य वस्तुएं दी जायेगी।भक्ति भावना छत्तीसगढ़ के अंकित लोढ़ा व विधि विधान रत्नेश महेता इंदौर करायेगे। 


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