जुबान में मधुरता व हृदय में दया रखने वाले संत हमेशा वंदनीय होते हैं:- वीररत्नविजयजी
जैन तीर्थ शिवपुर प्रेरक वीररत्न विजयजी ने अपने संयम जीवन के 59वें वर्ष में किया प्रवेश
चापड़ा (मध्यप्रदेश):- कहावत है एक पाप धोना है, गंगा की शरण में चले जाओ। ताप का नाश करना है पूनम की चांदनी में आसन लगा दो। दिल में दीनता हीनता का भाव हो तो कल्पवृक्ष का आश्रय ले लो, लेकिन तीनों का एक साथ सफाया करना हो तो किसी अच्छे और अच्छे गुरु की शरण स्वीकार कर लो।पल-पल वह सजग रहता है। प्रभु के सुमधुर गीतकार गाकर भक्तों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। स्वागत और सच्चे गुरु की शरण स्वीकार कर लो।
उपरोक्त विचार यह बात अपने संयम जीवन के 59वें वर्ष में प्रवेश पर शनिवार को जैन तीर्थ शिवपुर मातमोर में हुई धर्मसभा में मातमोर तीर्थ के प्रेरक अनुयोगाचार्य वीररत्न विजयजी म.सा. ने कही।उन्होंने आगे कहा कि गुरु बने बिना लाखों आत्माओं का मोक्ष हो गया, लेकिन गुरु बनाए बिना आज तक कोई मोक्ष में नहीं गया। सच्चे गुरु का परिचय कराते हुए कहा कि जिसकी जुबान में मधुरता हो, हृदय में दया का झरना हो,पांचो इंद्रियों का उपयोग जो परोपकार के लिए करते हो ऐसे संत सदा वंदन व अभिनंदन के अधिकारी बनते हैं।
उन्होंने कहा कि जैन संत का जीवन कितना आदर्श भरा होता है उसको कल की चिंता नहीं है। लेकिन परलोक की चिंता सतत बनी रहती है। विषयों के छोटे से दिल का दर्पण जरा भी न बिगड़ जाए। इसके लिए शासन की वफादारी उसका प्राण प्रण होता है। सभा के पहले श्रीवीरमणि-लक्ष्मी जैन साधर्मिक भवन का उद्घाटन हुआ। मोहनलाल हेमचंद बाबेल ने श्रीसंघ को अपने घर आमंत्रित करके साधर्मिक भक्ति व संघ पूजन का लाभ लिया। प्रभु दर्शन के बाद अध्यक्ष संतोष राहुल बरडिया ने प्रभु के ललाट पर स्वर्ण पट्टिका लगाकर प्रभु भक्ति का परिचय दिया। प्रभु का मुखारविंद चमक उठा। भवन का उद्घाटन मंत्रोच्चार के साथ बाबेल परिवार ने किया।
विधि-विधान पंडित हर्षद जैन ने करवाया। धर्मसभा का शुभारंभ संगीतकार अंकुश जैन ने संयम जीवन भाषण संघ अध्यक्ष संतोष जैन ने दिया। सभा को राजेश दुग्गड़, इंजीनियर महेंद्र मुणोत, विनोद बाबेल ने भी संबोधित किया। जैन श्वेतांबर श्रीसंघ द्वारा स्वामीवात्सल्य व महिला मंडल द्वारा वास्तु पूजा पढ़ाई गई।सुबह में गुरुदेव के साथ साध्वी विजयप्रभा श्रीजी, साध्वी अर्पितगुणा श्रीजी का प्रवेश हुआ।वविभिन्न संघों से गुरुभक्तों का इस अवसर पर आगम्ब हुआ हर्षद भाई ने किया। आभार पीसी जैन ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर शांति वल्लभ टाइम्स परिवार वंदन करता है।
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