आपसी मेलजोल की पारंपरिक संस्कृति है हल्दी-कुंकुम :- सुमन अग्रवाल
कांग्रेस का कार्यक्रम
ठाणे : - भारतीय सनातन संस्कृति में हल्दी और कुंकुम शुभ, सौभाग्य व सौंदर्य का प्रतीक है। शक्तिस्वरूपा नारी को इस देश में हमेशा देवी के तौर पर पूजा जाता रहा है तथा न सिर्फ उसके साज-शृंगार में इसका स्थान अहम है, बल्कि सुहागन महिलाओं के आपसी मेलजोल की पारंपरिक सांस्कृतिक रस्म भी है हल्दी-कुंकुम, जिसे महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में पर्व के रूप में मनाया जाता है।
यह विचार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्या व प्रसिद्ध वूमंस राइट्स एक्टिविस्ट सुमन अग्रवाल ने व्यक्त किए। वे ठाणे शहर (जिला) कांग्रेस कमेटी की और से टेकड़ी बंगला, ठाणे (प.) में आयोजित हल्दी-कुंकुम के कार्यक्रम में बोल रही थीं। ठाणे महिला कांग्रेस की अध्यक्षा वैशाली भोसले और शहर (जिला) कांग्रेस की महासचिव माधुरी रांगले के संयुक्त संयोजन में हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं, व एक दूसरे को हल्दी-कुंकुम लगाकर दीर्घ सुहागन तथा समृद्धशाली होने की शुभकामनाएं दीं।कार्यक्रम में सभी को भेंट-वस्तु सहित बिंदी आदि सुहाग-श्रृंगार की चीजें भी प्रदान की गईं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रतिभा मेनन, दर्शना राउत, संजना शिंदे, साधना वेदपाठक, कांग्रेस ब्लॉक क्र. 7 के कार्याध्यक्ष गणेश अहिरे, प्रभाग अध्यक्ष समीर गावस्कर, वार्ड अध्यक्ष नामदेव पेटकर आदि का विशेष योगदान रहा।
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