चारित्ररत्न विजयजी का पाटण में चातुर्मास प्रवेश
चातुर्मास दौरान तप,त्याग, आराधना की भावना रखे :- चारित्ररत्न
पाटण:- गुजरात के पाटण नगर के त्रिस्तुतिक जैन संघ में गुरुदेव श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वर जी महाराजा के पट्टधर गच्छाधिपति श्री नित्यसेन सूरिश्वर जी महाराज एवं आचार्य भगवंत श्री जयरत्न सूरिश्वर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजय जी म.सा. , मुनिराज श्री निपुण रत्न विजय जी म.सा. आदि ठाणा 7 एवं श्रमणी भगवंत ठाणा 22 का चातुर्मास प्रवेश 29 जुलाई को उत्साह ओर उमंग के वातावरण में सादगीपूर्ण हुआ. इस अवसर पर पन्यास प्रवर श्री भव्ययश विजय जी म.सा. एवं विभिन्न समुदायों के 30 से अधिक श्रमण श्रमणी भगवंतो की पावन उपस्थिति रही.प्रवेश शोभायात्रा में गुरुदेव श्री जयन्तसेन सूरीश्वर जी महाराजा का पालखी में रखा फोटो श्रद्धा का केंद्र रहा. प्रवेश निमित्त सप्त रंगों से बनाई रंगोली और विभिन्न रंगों के अक्षत से बनाई गहुली सभी के नजरों में आकर्षक रही.चातुर्मास प्रवेश के आयोजन का संपूर्ण लाभ पाटण निवासी धनराजजी जवानमलजी परिवार राजस्थान में भूती ( फर्म- रंग बेरंगी ) वालों ने लिया. शोभायात्रा के बाद गुरु भगवंतों ने तप त्याग ओर आराधना के महत्व पर प्रकाश डाला.चातुर्मास प्रवेश निमित्त आयोजक परिवार एवं पुण्य सम्राट गुरुदेव के गुरु भक्तो की ओर से संघ पुजन किया गया.कोरोना वायरस की महामारी को ध्यान में रखते हुए संपूर्ण कार्यक्रम को संक्षिप्त ओर सादगीपूर्ण किया गया. कार्यक्रम में पधारे श्रमण श्रमणी भगवंतो को वंदना एवं श्रावक श्राविकाओं का आभार आयोजक परिवार के अलकेशभाई ने किया.
पाटण:- गुजरात के पाटण नगर के त्रिस्तुतिक जैन संघ में गुरुदेव श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वर जी महाराजा के पट्टधर गच्छाधिपति श्री नित्यसेन सूरिश्वर जी महाराज एवं आचार्य भगवंत श्री जयरत्न सूरिश्वर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजय जी म.सा. , मुनिराज श्री निपुण रत्न विजय जी म.सा. आदि ठाणा 7 एवं श्रमणी भगवंत ठाणा 22 का चातुर्मास प्रवेश 29 जुलाई को उत्साह ओर उमंग के वातावरण में सादगीपूर्ण हुआ. इस अवसर पर पन्यास प्रवर श्री भव्ययश विजय जी म.सा. एवं विभिन्न समुदायों के 30 से अधिक श्रमण श्रमणी भगवंतो की पावन उपस्थिति रही.प्रवेश शोभायात्रा में गुरुदेव श्री जयन्तसेन सूरीश्वर जी महाराजा का पालखी में रखा फोटो श्रद्धा का केंद्र रहा. प्रवेश निमित्त सप्त रंगों से बनाई रंगोली और विभिन्न रंगों के अक्षत से बनाई गहुली सभी के नजरों में आकर्षक रही.चातुर्मास प्रवेश के आयोजन का संपूर्ण लाभ पाटण निवासी धनराजजी जवानमलजी परिवार राजस्थान में भूती ( फर्म- रंग बेरंगी ) वालों ने लिया. शोभायात्रा के बाद गुरु भगवंतों ने तप त्याग ओर आराधना के महत्व पर प्रकाश डाला.चातुर्मास प्रवेश निमित्त आयोजक परिवार एवं पुण्य सम्राट गुरुदेव के गुरु भक्तो की ओर से संघ पुजन किया गया.कोरोना वायरस की महामारी को ध्यान में रखते हुए संपूर्ण कार्यक्रम को संक्षिप्त ओर सादगीपूर्ण किया गया. कार्यक्रम में पधारे श्रमण श्रमणी भगवंतो को वंदना एवं श्रावक श्राविकाओं का आभार आयोजक परिवार के अलकेशभाई ने किया.
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