श्री भाण्डवपुर तीर्थ में जयरत्न सूरीश्वरजी का चातुर्मास प्रवेश
विराधना से हटकर आरधना करें चातुर्मास में :-
भाण्डवपुर तीर्थ :- सायला उपखण्ड क्षेत्र के श्री भाण्डवपुर महातीर्थ में जैनाचार्य श्री जयरत्न सूरीश्वरजी म. सा. आदि मुनि भगवंतों के अलावा साध्वीजी श्री सूर्यकिरणाश्रीजी म.सा.आदि ठाणा 9 का सादगीपूर्ण चातुर्मास प्रवेश हुआ।पुण्यसम्राट त्रिस्तुतिक संघ नायक श्री जयन्तसेनसूरीश्वरजी के पट्टधर भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक, सूरिमंत्र आराधक आचार्य श्री जयरत्नसूरीश्वरजी म. सा., मुनिराज अशोकविजयजी आदि ठाणा 5, विदुषी श्रमणिवर्या श्री सूर्यकिरणा श्रीजी आदि ठाणा एवं साध्वीजी श्री काव्यरत्ना श्रीजी आदि श्रमणीवृंद का पेट्रोल पंप होते हुए तीर्थ के मुख्य प्रवेश द्वार पर पधारे।
चातुर्मास आयोजक - सुराणा निवासी मातुश्री मालूदेवी पुखराजजी पीथाजी पालगोता चैहान छत्राणी परिवार के सदस्य चंपालालजी,मुनिदेवी व अन्य महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर समस्त श्रमण-श्रमणिवृंद की अगवानी की। गहुली कर वधाने के पश्चात् तीर्थाधिपति श्री वीर प्रभु, समर्थ दादा गुरुदेवश्री, पुण्यसम्राट एवं योगिराज श्री की समाधि के दर्शन वंदन कर सभा मंडप परिसर में मांगलिक प्रवचन हुआ।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्यश्री ने कहा कि चातुर्मास काल में विराधना से हटकर आराधना कर पुण्योपार्जन करे। कोरोना वायरस के कारण प्रशासनिक नियमों क पालना करते हुए आयोजन तय किये जायेंगे। भीड़ एकत्रित न कर आराधना, तपस्या एवं स्वाध्याय की प्रवृत्ति विशेष रूप से होगी।
इस वर्ष विशेष रूप से चर्चा चक्रवर्ती आचार्य श्री धनचंद्रसूरीश्वरजी म.सा.की स्वर्गारोहण शताब्दी, योगिराजश्री शांति विजयजी म.सा.की जन्म शताब्दी के साथ ही भाण्डवपुर महातीर्थ के जीर्णोद्धार की शताब्दी भी मनाई जाएगी। प्रशासनिक आदेशों के पश्चात् उपरोक्त तीनों कार्यक्रम की रूपरेखा घोषित की जायेगी। सन् 2020 के चातुर्मास का लाभ सुराणा निवासी मातुश्री मालुदेवी पुखराजजी पालगोता छत्राणी परिवार द्वारा लेने की घोषणा की गई। आगन्तुक अतिथि एवं मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए पेढ़ी ट्रस्टी व चातुर्मास आयोजक चंपालाल लगोता ने चातुर्मासिक आराधनार्थ आमंत्रण दिया। दाडमचंद जैन ने चातुर्मास का लाभ लेने पर पालगोता छत्राणी परिवार को धन्यवाद देते हुए कोरोना से बचाव हेतु दूरी, शुद्धिकरण व नियमों को पालन करने की अपील भी की। यतीन्द्र वाणी के संपादक कुलदीप प्रियदर्शी ने काव्य पाठ किया।
जैनाचार्य 5 जुलाई से 90 दिवसीय सूरिमंत्र पीठिका आराधना शुरू करेंगे। आराधना के समय जैनाचार्य एकांतवास में रहेंगे। प्रवेश में सम्मिलित होने के लिए मेंगलवा, सायला, सुराणा, दाधाल, कोमता, पोषाणा, जूनी वाली, धुम्बडिया, दासपा, भीनमाल, सांचैर, उदयपुर, पाँथेडी, रानीवाड़ा, जालौर व सुमेरपुर-कोलीवाड़ा आदि नगरों से गुरुभक्तगण पहुंचे।
जालोर त्रिस्तुतिक जैन संघ के पदाधिकारी वसंत सोलंकी, विकास बोहरा, मदनराज जैन, तरुण सोलंकी सहित अनेक मान्यवर उपस्थित थे।
भाण्डवपुर तीर्थ :- सायला उपखण्ड क्षेत्र के श्री भाण्डवपुर महातीर्थ में जैनाचार्य श्री जयरत्न सूरीश्वरजी म. सा. आदि मुनि भगवंतों के अलावा साध्वीजी श्री सूर्यकिरणाश्रीजी म.सा.आदि ठाणा 9 का सादगीपूर्ण चातुर्मास प्रवेश हुआ।पुण्यसम्राट त्रिस्तुतिक संघ नायक श्री जयन्तसेनसूरीश्वरजी के पट्टधर भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक, सूरिमंत्र आराधक आचार्य श्री जयरत्नसूरीश्वरजी म. सा., मुनिराज अशोकविजयजी आदि ठाणा 5, विदुषी श्रमणिवर्या श्री सूर्यकिरणा श्रीजी आदि ठाणा एवं साध्वीजी श्री काव्यरत्ना श्रीजी आदि श्रमणीवृंद का पेट्रोल पंप होते हुए तीर्थ के मुख्य प्रवेश द्वार पर पधारे।
चातुर्मास आयोजक - सुराणा निवासी मातुश्री मालूदेवी पुखराजजी पीथाजी पालगोता चैहान छत्राणी परिवार के सदस्य चंपालालजी,मुनिदेवी व अन्य महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर समस्त श्रमण-श्रमणिवृंद की अगवानी की। गहुली कर वधाने के पश्चात् तीर्थाधिपति श्री वीर प्रभु, समर्थ दादा गुरुदेवश्री, पुण्यसम्राट एवं योगिराज श्री की समाधि के दर्शन वंदन कर सभा मंडप परिसर में मांगलिक प्रवचन हुआ।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्यश्री ने कहा कि चातुर्मास काल में विराधना से हटकर आराधना कर पुण्योपार्जन करे। कोरोना वायरस के कारण प्रशासनिक नियमों क पालना करते हुए आयोजन तय किये जायेंगे। भीड़ एकत्रित न कर आराधना, तपस्या एवं स्वाध्याय की प्रवृत्ति विशेष रूप से होगी।
इस वर्ष विशेष रूप से चर्चा चक्रवर्ती आचार्य श्री धनचंद्रसूरीश्वरजी म.सा.की स्वर्गारोहण शताब्दी, योगिराजश्री शांति विजयजी म.सा.की जन्म शताब्दी के साथ ही भाण्डवपुर महातीर्थ के जीर्णोद्धार की शताब्दी भी मनाई जाएगी। प्रशासनिक आदेशों के पश्चात् उपरोक्त तीनों कार्यक्रम की रूपरेखा घोषित की जायेगी। सन् 2020 के चातुर्मास का लाभ सुराणा निवासी मातुश्री मालुदेवी पुखराजजी पालगोता छत्राणी परिवार द्वारा लेने की घोषणा की गई। आगन्तुक अतिथि एवं मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए पेढ़ी ट्रस्टी व चातुर्मास आयोजक चंपालाल लगोता ने चातुर्मासिक आराधनार्थ आमंत्रण दिया। दाडमचंद जैन ने चातुर्मास का लाभ लेने पर पालगोता छत्राणी परिवार को धन्यवाद देते हुए कोरोना से बचाव हेतु दूरी, शुद्धिकरण व नियमों को पालन करने की अपील भी की। यतीन्द्र वाणी के संपादक कुलदीप प्रियदर्शी ने काव्य पाठ किया।
जैनाचार्य 5 जुलाई से 90 दिवसीय सूरिमंत्र पीठिका आराधना शुरू करेंगे। आराधना के समय जैनाचार्य एकांतवास में रहेंगे। प्रवेश में सम्मिलित होने के लिए मेंगलवा, सायला, सुराणा, दाधाल, कोमता, पोषाणा, जूनी वाली, धुम्बडिया, दासपा, भीनमाल, सांचैर, उदयपुर, पाँथेडी, रानीवाड़ा, जालौर व सुमेरपुर-कोलीवाड़ा आदि नगरों से गुरुभक्तगण पहुंचे।
जालोर त्रिस्तुतिक जैन संघ के पदाधिकारी वसंत सोलंकी, विकास बोहरा, मदनराज जैन, तरुण सोलंकी सहित अनेक मान्यवर उपस्थित थे।
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