लॉकडाउन के चलते चिंता में डूबे व्यापारी

 खर्च जारी,चार माह से व्यापार बंद 
 सरकार करें मध्यम व्यापारियों की मदद
 दीपक आर जैन 
भायंदर,व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं लेकिन वर्तमान में वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लॉकडाउन से इन्हीं व्यापारियों के सामने आज कई तरह की समस्याएं उठ खड़ी हुई हैंं.ऐसी स्थिति में यदि सरकार से सहयोग नहीं मिला तो छोटे और मध्यम व्यापारियों के कई परिवार सड़क पर आ जाएंगे. सरकार हर वर्ग को रियायत दे रही है लेकिन वास्तविकता में व्यापारी वर्ग को अब तक आश्वासन के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा. केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ का राहत पैकैज जरूर जारी किया है लेकिन किसी छोटे या मध्यम वर्ग के व्यापारी को के हिस्से में कुछ आया हो, यह अभी तक देखने को नहीं मिला है.
मीरा- भायंदर  में लाखोंं व्यापारी छोटा- छोटा व्यवसाय करके अपनी आजीविका चलाते हैं और ज्यादातर दुकानें यहां पर किराए पर ली है. लॉकडाउन के चलते इन व्यापारियों के चेहरों पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिखाई दे रही हैं.शहर के कई इलाकों में अब व्यापारी दुकानें खाली करने को मजबूर हैं. व्यापार ना होने की वजह से कामगारों को निकालने के अलावा इनके पास कोई चारा नहीं बचा है,जिसके कारण कई लोग बेरोजगार हो रहे हैं. व्यापारियों की समस्या और भविष्य की चिंता को दर्शाती रिपोर्ट.
अब व्यापारियों के बारे में भी सोचे सरकार
लॉकडाउन के कारण हो रही समस्याओं से हमने मीरा-भायंदर मनपा आयुक्त डॉ. विजय राठोड को अवगत करा दिया है. संगठन ने सुबह 9 से शाम 7 बजे तक दुकानेंं चालू रखने की मांग के साथ ही पी-1, पी-2 पद्धति को खत्म करने की मांग रखी है. अनाज की दुकानों को बारिश तक खोला जाना बहुत ही जरूरी ही जरूरी है,क्योंकि अगर किसी भी अनाज को पानी लग गया तो सड़ने का डर रहता है.राखी से तो त्योहारों की शुरुवात हो जाती है. यह सीजन का समय होता है.मनपा प्रशासन और पुलिस विभाग में तालमेल रहना चाहिए, जिससे व्यापारी वर्ग को किसी तरह की समस्या ना हो,क्योंकि अभी तक व्यापारियों ने काफी नुकसान उठाया है. व्यापारियों को भविष्य को लेकर चिंता है.
सोहन वैष्णव,अध्यक्ष /चांदरतन अग्रवाल 
मीरा-भायंदर होलसेल ग्रेन,शुगर मर्चेंट एसोसिएशन. 

4 माह में व्यापारियों को काफी नुकसान
त्योहारों का समय शुरू होने जा रहा है. ऐसे लोगों को परेशानी न हो इसके लिए अब दुकानेंं नियमों के साथ रोज खोलने की अनुमति जरूरी है.किसी भी नए आदेश से मनपा प्रशासन पुलिस को भी अवगत करवाए. कई बार देखा गया है कि मनपा का आदेश होता है और पुलिस विभाग को पता नहीं होने से व्यापारी परेशान होता है. सरकार को व्यापारियों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि 4 महीने के बंद में व्यापारियों को काफी नुकसान हो चुका है. व्यापारियों के सामने भविष्य की चिंता है.
गिरीश अग्रवाल,
उपाध्यक्ष-मीरा-भायंदर कंज्युमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन. 

दवा व्यवसायियों को मिले लोकल की अनुमति 
केंद्र सरकार दवा वितरकों को लोकल ट्रेन से माल पहुंचाने की अनुमति दे. क्योंकि जब तक संभव था तब तक  निजी गाड़ियों से हमने व्यापारियों को पालघर, बोइसर तक माल पहुंचाया.अब बरसात के चलते यह संभव नहीं. क्योंकि सेल्समैन को टू व्हीलर पर भेजने में बहुत खतरा है. कल को कुछ हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. ट्रक और टेंपो जैसे वाहन से भेजना ज्यादा खर्चीला होगा, जिससे माल का रेट बढ़ेगा. सरकार को गंभीरता से इस बारे में सोचना चाहिए.
भवानीशंकर अग्रवाल,
सचिव,भायंदर केमिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन 




मनपा प्रशासन व पुलिस में तालमेल नहीं
मनपा प्रशासन और पुलिस में तालमेल का अभाव हैं.मनपा दुकान खोलने का आदेश एक दिन पहले जारी करे.आधे व्यापारियों को पता चलता है तब वे पी-1,पी-2 के बारे में किसे पूछने जाएं.मीरा-भायंदर में बरसात के समय पानी भरता है. इससे प्रशासन अवगत है. माल  की सुरक्षा के लिए भारी बारिश में व्यापारी को दुकान जाना जरूरी हो जाता है.हमें सरकार क्या दे रही हैं?छोटे व्यापारी कहां जाएं ?उन्हें ना ही टैक्स में सुविधा दी गई है, ना ही बिजली बिल में और थोड़ी सी गलती होने पर व्यवहार ऐसा होता है मानों बहुत बड़ा क्राइम कर दिया हो.
एस. बाबूजी,कपड़ा व्यापारी.


लॉकडाउन समस्या का हल नहीं 
 लॉकडाउन अब समस्या का हल नहीं है. सरकार कड़क नियम जारी कर लॉकडाउन खोले और व्यापार करने की अनुमति दे. मीरा- भायंदर में भुलेश्वर, कालबादेवी जैसी स्थिति तो नहीं है कि यहां पर सोशल डिस्टेंस का पालन ना हो. क्षेत्र के व्यापारियों ने अभी तक काफी नुकसान बर्दाश्त किया है, लेकिन यदि अब सरकार और स्थानीय प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो व्यापारियों के सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो जाएगा.
राकेश अग्रवाल, व्यापारी

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