6 साल की मेहनत के बाद “माझे ठाणे” ग्रंथ का विमोचन
जिनांगयशाश्रीजी म. सा. ने की थी प्रेरणा मुंबई। लोग ठाणे नाम से डरते है लेकिन आज इस ठाणे में लोग भारी संख्या में उपस्थित हुये हैं। एक 27 साल के लड़के को भी शर्म आये ऐसा अद्भुत कार्य 72 साल के मदन हुंडिया ने किया है। इनके द्वारा लिखित “माझे ठाणे” ग्रंथ का सफलतापूर्वक विमोचन आचार्य यशोवर्म सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में हुआ। छ:ह साल की कड़ी मेहनत के बाद मदनलाल द्वारा लिखित “माझे ठाणे” ग्रन्थ का विमोचन पत्रकार हार्दिक हुंडिया, निरंजन डावखरे , निखिल बरचूड़े, संदीप लेले, बाबू नानावटी, जे के संघवी, उदय परमार जैसे कई महानुभावों की हाजरी में हुआ। जैनाचार्य ने कहा कि ये वो मुनिसुव्रत स्वामी दादा का मंदिर है जहाँ आनंद दीघे जैसे धर्मप्रेमी भी दर्शन करने आते थे । ये पवित्र भूमि का इतिहास लिखने वाले मदन हुंडिया को उन्होंने आशीर्वाद दिया था। हार्दिक हुंडिया और मदन हुंडिया ने पहली कॉपी विमोचन करने के बाद प्रसिद्ध जैनाचार्य यशोवर्म सूरिश्वरजी महाराज साहेब को भेंट की। छ:ह साल की कड़ी मेहनत के बाद मदनलाल द्वारा लिखित “माझे ठाणे” ग्रन्थ का विमोचन पत्रकार हार्दिक हुंडिया, निरंजन डावखरे , न...