पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

मीरा भायंदर विश्व हिंदू परिषद ने निकाला आक्रोश मोर्चा


भाईंदर :-
वक्फ कानून के विरोध की आड़ में  बंगाल को हिंसा की आग में धकेलने ,मुर्शिदाबाद में उन्मादी जिहादी भीड़  द्वारा व्यावसायिक दुकानों को लूटने,नागरिकों की निर्मम हत्या,तथा दर्जनों महिलाओं के शीलभंग की घटना को लेकर विश्व हिंदू परिषद मीरा भाईंदर जिला द्वारा भायंदर पूर्व के गोल्डन नेस्ट सर्कल पर आक्रोश मोर्चा निकाल कर राष्ट्रपति से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की हैं।

विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि बंगाल में हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं अपितु असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा। पीड़ितों की सहायता करने के बजाय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इमामो से मिल रही है,जिससे प्रतीत होता है कि राष्ट्र विरोधी तत्वों को षडयंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है,और उससे स्पष्ट लगता है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। 

परिषद ने कहा कि शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने केवल निष्क्रिय ही नहीं अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बन गया है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए,राष्ट्र विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों के लिए कठोर सजा दिलवानी चाहिए। वक्फ कानून एक शुद्ध संवैधानिक प्रक्रिया थी,इसका स्पष्ट अर्थ है कि वक्फ तो केवल बहाना था, असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था।उन्मादी जिहादी भीड़ ने हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और व्यावसायिक दुकानों को लूटकर जलाया, लोगो को घायल किया व तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई ,दर्जनों महिलाओं के शीलभंग किए गए ,परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा। परिषद  आक्रोश मोर्चे के दौरान  मांग की है कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाकर हिंदुओं की सुरक्षा, हिंसा व भड़काऊ वक्तव्यों पर रोक, पीड़ितों को मुआवजा व हमलावरों तथा हत्यारों पर कठोर कार्यवाही भी जाए। मोर्चा में विहिप के जिलाध्यक्ष दिनेश डोंगरा,राकेश कोटियन,नागनाथ कांबली,भाजपा जिलाध्यक्ष किशोर शर्मा,गौरांग कंसारा सहित अनेक बजरंगियों ने भी भाग लिया।

विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) मिलिंद परांडे  ने मुर्शिदाबाद के धुलियान, सुती, शमशेरगंज में हिंदुओं पर हुए  हमलों की निंदा करते हुए कहा है कि जिहादी हमलों में मारे गए  हरगोविंद दास और  चंदन दास के परिवारों को उचित मुआवजा देते हुए दोषियों को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए। अपने ही राज्य में शरणार्थी बनने को मजबूर बंगाली हिंदू जो मुर्शिदाबाद से मालदा में शरण लिए हुए हैं, उनके  पुनर्वास और मुआवजे की मांग करते हुए परांडे ने कहा है कि विरोध के नाम पर राज्य,राष्ट्रीय संपत्ति तथा नागरिकों की संपत्तियों को  वित्तीय नुकसान पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारी आयोजकों से नुकसान की भरपाई  की जानी चाहिए।

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