तप चातुर्मासिक अलंकार है, इसे धारण करो :- रश्मिरत्न सूरीश्वरजी

रांद्रे रोड पर वायब्रेंट आध्यात्मिक चातुर्मास प्रवेश 


सूरत :-
रांद्रे रोड पर 451 दीक्षा दानेश्वरी,परम पूज्य आचार्य श्री गुणरत्न सूरीश्वरजी म.सा.के आजीवन चरणोपासक, श्रमणी गणनायक परम पूज्य आचार्य श्री रश्मिरत्न सूरीश्वरजी म.सा.आदि 36 ठाणा का वायब्रेंट आध्यात्मिक चातुर्मास प्रवेश भव्य रूप से संपन्न हुआ।

दीक्षा दानेश्वरी संयम तीर्थ श्री महाविदेहधाम जैन ट्रस्ट,वेसु, सूरत के तत्वावधान में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि जिनआज्ञा को केंद्र में रखकर यह वायब्रेंट आध्यात्मिक चातुर्मास हैं।उन्होंने कहा कि चातुर्मासिक अलंकारों में सामायिक, प्रतिक्रमण,पौषध,पूजा,स्नात्र पूजा, विलेपण,ब्रह्मचर्य पालन,सुपात्र दानव तप का समावेश है।आचार्य श्री ने समस्त सूरत वासियों को हर घर मासक्षमण, घर घर मासक्षमण कर 451 मासक्षमण पार करने का आव्हान किया।उन्होंने कहा यह तप कर दीक्षा दानेश्वरी को अर्पण करें।

पन्यास प्रवर यशरत्न विजयजी ने कहा कि इस चातुर्मास में आत्मा के नजदीक रहना है।आत्मा के साथ जुड़ने के लिए तप करना जरूरी हैं।




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