गच्छाधिपति पुण्यपाल सूरीश्वरजी का चातुर्मास नासिक में
आत्मोत्थान चातुर्मास में होंगे अनेक आयोजन
नासिक :- श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान के सानिध्य में व तपागच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री विजय रामचन्द्र सूरीश्वरजी म.सा., आचार्य श्री यशोदेव सूरीश्वरजी म.सा,आचार्य विजय महोदय सूरीश्वरजी म.सा. समता निधि आचार्य मित्रानंद सूरीश्वरजी म.सा,आचार्य श्री महाबल सूरीश्वरजी म.सा.की दिव्य कृपा आशीर्वाद गच्छ स्थविर आचार्य ललितशेखर सूरीश्वरजी के आशीर्वाद से नासिक संघोपकारी, गच्छाधिपति,आचार्य श्री पुण्यपाल सूरीश्वरजी का चातुर्मास नासिक में हर्षोल्लास से चल रहा हैं।गुरुदेव का प्रथम चातुर्मास होने से लोगों में जबरदस्त उत्साह का वातावरण हैं।
श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन तपागच्छ संघ के तत्वावधान में आचार्य विजय भूषण सूरीश्वरजी म.सा.,आचार्य विजय वज्रभूषण सूरीश्वरजी म.सा.आदि शताधिक साधु साध्वियों का प्रवेश हुआ। बहनों को आराधना हेतु साध्वी जयाश्रीजी, हँसकीर्ति श्रीजी, चंद्रमाला श्रीजी, तरुलता श्रीजी, साध्वी चन्द्रमाला श्रीजी म.सा. श्री मुक्तिरत्नश्रीजी म.सा.साध्वी तत्त्वदर्शिता श्रीजी,साध्वी दर्शनश्रीजी म.सा.,साध्वी पियुषरेखा श्रीजी, जिनधर्माश्रीजी म.सा आदि ठाणा करवाएगी।
इस अवसर पर विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए गच्छाधिपति ने कहा कि चातुर्मास एक उत्थानकारी अवसर तथा पुनरुत्थान चातुर्मास हैं।उन्होंने ज्यादा से ज्यादा धर्म आराधना करने का आव्हान किया।नासिक संघ ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी दूर की आकांक्षाएँ अप्रत्याशित रूप से पूरी हो रही हैं। वर्षों पहले महाराष्ट्र देशोद्धारक-व्याख्यान वाचस्पति-सुविशाल गच्छाधिपति श्री विजय रामचंद्र सूरीश्वरजी महाराज ने हमारे श्री नासिक संघ में चार्तुमास करने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था, लेकिन संयोगवश उनका चातुर्मास अन्यत्र हो गया और संघ की इच्छा मनोरथ अधूरा रह गया। तत्कालीन गच्छाधिपतिश्री के चातुर्मास का स्वप्न इतने वर्षों के बाद साकार हो रहा है। एवं सूरी रामचन्द्र समुदाय के वर्तमान गच्छाधिराज विजय पुण्यपाल सूरीश्वरजी महाराजा ने स्वयं अपने परिवार सहित हमारा अनुरोध स्वीकार किया और हमें चातुर्मास की आज्ञा प्रदान की। इस प्रकार, हमारा लंबा इंतजार खत्म हो गया है,व पूज्यश्री के स्वास्थ्य-चिकित्सकों की राय और श्री उदय-कल्याण ट्रस्ट,चंदावरकर लेन बोरीवली श्री संघ की उदारता के कारण, हमें पूज्यश्रीजी का चातुर्मास मिल गया ।
पूर्ण महोत्सव लाभार्थी परम गुरु भक्त जामनगर निवासी हीनाबेन भरतभाई पटेल परिवार हैं।अगले आकर्षण में श्री सिद्धिसोपान आरोहण उत्सव,गरबा गुरुराज के संग, विरतिधर्म का रंग, उपधान का उत्साह जिसका प्रथम प्रवेश 4 नवंबर, 24 तथा दृतिय प्रवेश 6 नवंबर, 2024 को होगा।लाभार्थी आसोदा निवासी मातुश्री वर्षाबेन प्रकाश शाह,अफ्रीका परिवार हैं।चातुर्मास दौरान नियमित प्रवचन,आयंबिल तथा अट्ठम तप, प्रतिदिन दोपहर को श्रमणी भगवंतों के बहनों के लिए प्रवचन प्रति शनिवार बाल संस्करण सामायिक श्रृंखला,प्रत्येक रविवार को युवाओं और वृद्धों के लिए मार्मिक सार्वजनिक व्याख्यान,विभिन्न तप के अलावा श्री चिंतामणि प्रभु के मोक्ष कल्याणक 11-12-13 अगस्त 2024 को सामुहिक अठ्ठम तप, पर्वाधिराज पर्युषण के समय चौसठ प्रहरी पौषध, सामूहिक अठ्ठाई,नवपद ओलिजी, रामचद्र सूरीश्वरजी म.सा.का 33वां स्वर्गारोहण महोत्सव, महाबल' की 9वींपुण्य तिथि,महाराष्ट्र के समस्त श्रीसंघ संचालक-पदाधिकारीयों हेतु मार्गदर्शन सत्र..प्रभु महावीर निर्वाण कल्याणक पर सामुदायिक छठ तप आराधना श्री त्रिभुवन प्रेम परिवार द्वारा वाचनाश्रेणी - महापुरुषों के स्वर्गारोहण दिवस पर गुणानुवाद सभा के साथ विशेष अवसरों पर विभिन्न अनुष्ठान होंगे।ट्रस्ट ने कहा कि इस चातुर्मास का हिस्सा बनना इतिहास का साक्षी बनने जैसा होगा।मुख्य लाभार्थी मातुश्री शारदाबेन शांतिलाल मोतीलाल संघवी परिवार सह लाभार्थी मातुश्री तिलोत्तमाबेन पुनमचंद वाडीलाल शाह,प्रवीणचंद्र संघवी परिवार हैं।
जानकारी के लिए महेश शाह +91 9423175104 या सिल्केश कोठारी से +91 87962 22333 पर संपर्क कर सकते है।
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