इतिहास को दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास हैं कलात्मक युरोप

भायंदर-बचपन से ही इतिहास,भूगोल आदि किताबों में युरोप के बारे में पढ़ते आया था और तब से इच्छा थी की युरोप के देशों का भ्रमण करूंगा. सपना सच होने के बाद और युरोप के देशों का भ्रमण करने के बाद किस तरह यहां के लोगों ने इतिहास को संजोकर रखा हैं यह अपने लोगों तक पहुंचे इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर इसे पुस्तक का स्वरुप दिया.
उपरोक्त विचार युवा लेखक व पेशे से वकील एंड सचिन नाईक ने भरारी प्रकाशन द्वारा  प्रकाशित अपनी पुस्तक 'कलात्मक युरोप' व 'पोएटिक जर्नी ऑफ़ कनाडा' के प्रकाशन के बाद दिए साक्षात्कार में व्यक्त किये. सचिन ने कहा की युरोपीयन देशों में उन्हें बहुत अच्छे अनुभव हुए और अपनी विरासत तथा कला के प्रति उनके प्रेम को देखकर आश्चर्य चकित था की किस तरह लोगों ने अपनी विरासतों को संजोया हैं. उन्होंने बताया की रोम में विरासतन इमारतों के आसपास बैठकर कलाकार उसकी पेंटिंग बनाते हैं और पर्यटक उसे खुशी खुशी खरीदते हैं. यह देखकर मुझे जो अनुभूति हुई वह सभी को मिले इसी उद्देश्य से इस पुस्तक का प्रकाशन किया.युरोप के इतिहास को दुनिया तक पहुंचाने का मेरा छोटा सा प्रयास हैं. कैनेडा के प्राकृतिक सौन्दर्य को उन्होंने कविता के रूप में लोगो तक पहुचाने का प्रयत्न हैं.उन्होंने कहा की लोग इतिहास से लोग परिचित हो और उन्हें मार्गदर्शन मिले इसीलिए उन्होंने इसे लिखा. यह उनकी प्रथम पुस्तक हैं,जिसकी प्रस्तावना प्रसिद्द साहित्यकार लता गुठे ने लिखी हैं.
इस पुस्तक का विमोचन स्कूल के अध्यक्ष एंड. डी बी. पाटिल व भायंदर केलवणी मंडल के के के. गुप्ता  व समाजसेवी अतुल सोनावाला ने किया था . कार्यक्रम में देव मेडम व कवली मेडम ने भी अपने विचार रखे थे . इसके अलावा सचिन ने ब्यूटीफूलजर्नी ऑफ कनाडा व स्विट्ज़रलैंड इन पोएटिक वे भी छप चुकी हैं।इन किताबों के लिए इन देशों के उच्चायुक्त भी उनकी प्रशंसा कर चुके हैं. उनकी पांचवी किताब भी प्रकाशन की और अग्रसर हैं.यह पुस्तक भी
ऐतिहासिक स्तम्भो पर आधारित हैं।

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