आंध्र प्रदेश के 119 मछुआरें उत्तन में फसे
अपने गांव जाने प्रशासन को गुहार
भायंदर- शहर के पास स्थित उत्तन के समुद्र किनारे पर आंध्र प्रदेश के 100 से ज्यादा मछुआरें फसें हुए हैं. ये सभी मच्छीमारी करने इस क्षेत्र में आएं थे. काम बंद होने से इन मजदूरों के भूखे मरने की नौबत आ गयी हैं.
भायंदर (वेस्ट) के पास उत्तन क्षेत्र में बहुत बड़ा समुद्र होने से बड़े पैमाने पर मछली पकड़ने का व्यवसाय होता हैं. चूंकि स्थानीय मछुआरों के पास दो से अधिक नाव (बोट) हैं ,जिसके चलते उन्हें अतिरिक्त मजदूरों की जरुरत पड़ती हैं. इसी वजह से केरल,आंध्र प्रदेश आदि राज्यों के मजदूर इन भागों में आकर काम करते हैं. उत्तन पाली किनारे पर आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिला के 119 मच्छीमार फसें हुए हैं. पांच माह पूर्व आये इन मच्छीमरों के पास अभी कुछ भी काम नहीं हैं. इन्होने स्थानीय प्रशासन से निवेदन किया हैं की अन्य राज्यों की तरह इन्हे भी इनके राज्य में पहुंचाने में मदद करें.
श्रीकाकुलम जिला के विधायक पीरिया साईराज ने फ़ोन पर बताया की उनके क्षेत्र के पांच हजार से ज्यादा मजदुर देश के विभिन्न राज्यों में फसें हुए हैं और वे प्रशासन से संपर्क कर जल्द से जल्द इन्हे वापस लाने के लिए प्रयासरत हैं. वहीं इनके साथ आये मजदूर दुर्योधन ने कहा की अभी उत्पादन बंद होने से वापस जाना जरूरी हैं क्योंकि उनपर बेरोजगारी के साथ भूखों मरने की नौबत आ गयी हैं. सामजिक संगठन युथ सोशल वेलफेयर एसोसिएशन (युथ फोरम) के अध्यक्ष दीपक आर जैन ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन्नाथ रेड्डी ,श्रीकाकुलम जिला के जिलाधिकारी व विधायक पीरिया साईराज से तुरंत इन मछुआरों को ले जाने की मांग की हैं. इन मछुआरों में एक मछुआरे की बीमारी के कारण मौत होने का भी बताया.
भायंदर- शहर के पास स्थित उत्तन के समुद्र किनारे पर आंध्र प्रदेश के 100 से ज्यादा मछुआरें फसें हुए हैं. ये सभी मच्छीमारी करने इस क्षेत्र में आएं थे. काम बंद होने से इन मजदूरों के भूखे मरने की नौबत आ गयी हैं.
भायंदर (वेस्ट) के पास उत्तन क्षेत्र में बहुत बड़ा समुद्र होने से बड़े पैमाने पर मछली पकड़ने का व्यवसाय होता हैं. चूंकि स्थानीय मछुआरों के पास दो से अधिक नाव (बोट) हैं ,जिसके चलते उन्हें अतिरिक्त मजदूरों की जरुरत पड़ती हैं. इसी वजह से केरल,आंध्र प्रदेश आदि राज्यों के मजदूर इन भागों में आकर काम करते हैं. उत्तन पाली किनारे पर आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिला के 119 मच्छीमार फसें हुए हैं. पांच माह पूर्व आये इन मच्छीमरों के पास अभी कुछ भी काम नहीं हैं. इन्होने स्थानीय प्रशासन से निवेदन किया हैं की अन्य राज्यों की तरह इन्हे भी इनके राज्य में पहुंचाने में मदद करें.
श्रीकाकुलम जिला के विधायक पीरिया साईराज ने फ़ोन पर बताया की उनके क्षेत्र के पांच हजार से ज्यादा मजदुर देश के विभिन्न राज्यों में फसें हुए हैं और वे प्रशासन से संपर्क कर जल्द से जल्द इन्हे वापस लाने के लिए प्रयासरत हैं. वहीं इनके साथ आये मजदूर दुर्योधन ने कहा की अभी उत्पादन बंद होने से वापस जाना जरूरी हैं क्योंकि उनपर बेरोजगारी के साथ भूखों मरने की नौबत आ गयी हैं. सामजिक संगठन युथ सोशल वेलफेयर एसोसिएशन (युथ फोरम) के अध्यक्ष दीपक आर जैन ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन्नाथ रेड्डी ,श्रीकाकुलम जिला के जिलाधिकारी व विधायक पीरिया साईराज से तुरंत इन मछुआरों को ले जाने की मांग की हैं. इन मछुआरों में एक मछुआरे की बीमारी के कारण मौत होने का भी बताया.
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